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नई दिल्ली….
2000 के नोट बदलने की प्रोसेस आज यानी मंगलवार (23 मई) से देश के सभी बैंकों में शुरू हो रही है। 3 दिन पहले 19 मई को RBI ने 2000 का नोट सर्कुलेशन से वापस लेने का ऐलान किया था। लोग 30 सितंबर तक 2000 के नोट बैंकों में चेंज या अकाउंट में जमा करवा सकते हैं।
RBI की डेडलाइन के बाद भी 2000 का नोट लीगल रहेगा। यानी मौजूदा नोट अमान्य नहीं होंगे। डेडलाइन सिर्फ लोगों को प्रोत्साहित करने के लिए है, ताकि वे यह नोट बैंकों को जल्द वापस कर दें। बैंक अब 2000 के नोट इश्यू नहीं करेंगे।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 8 नवंबर 2016 को रात 8 बजे 500 और 1000 के नोट बंद कर दिए थे। इसकी जगह नए पैटर्न में 500 का नया नोट और 2000 का नोट जारी किया गया था। RBI के अनुसार 2000 का नोट करेंसी तत्काल जरूरत को देखते हुए छापा गया था। साल 2018-19 में 2000 के नोटों की छपाई बंद कर दी गई।
नोट बदलने-डिपॉजिट करने की पूरी प्रोसेस:
- 2000 का नोट बदलने के लिए आप बैंक की किसी भी ब्रांच में जा सकते हैं।
- अगर आप नोट बदलना चाहते हैं तो, बैंक में अकाउंट होना जरूरी नहीं है।
- एक बार में 10 नोट यानी 20,000 रुपए ही एक्सचेंज किए जा सकते हैं।
- 2000 के नोट एक्सचेंज करने के लिए कोई फॉर्म भरने की जरूरत नहीं।
- अगर बैंक में अकाउंट है तो नोट डिपॉजिट करने की कोई लिमिट नहीं।
- बस स्लिप भरकर जितने चाहे उतने नोट डिपॉजिट कर सकते हैं।
- RBI ने नोट बदलने के लिए 30 सितंबर की डेडलाइन तय की है।
बिना डॉक्यूमेंट नोट बदलने के मामले में PIL
रिजर्व बैंक और स्टेट बैंक के बिना डॉक्यूमेंट के नोट बदलने के आदेश के खिलाफ भाजपा नेता और वकील अश्विनी उपाध्याय ने दिल्ली हाईकोर्ट में PIL दायर की है। उन्होंने बिना किसी पहचान प्रमाण पत्र के 2000 के नोट बदलने की अनुमति न देने की मांग की है।
फैसला करेंसी मैनेजमेंट के तहत लिया गया: RBI गवर्नर
एक दिन पहले RBI के गवर्नर शक्तिकांत दास ने कहा था कि लोग नोट बदलने के लिए बैंकों में भीड़ ना लगाएं। हमने 4 महीने का समय दिया है। आप आराम से नोट बदलिए, लेकिन समय सीमा को गंभीरता से लीजिए। यह फैसला करेंसी मैनेजमेंट के तहत लिया गया है। 2000 के नोट को सर्कुलेशन से हटाने के फैसले का इकोनॉमी पर असर बेहद कम पड़ेगा। सर्कुलेशन में चल रही कुल करेंसी का महज 10.8% हिस्सा ही 2000 के नोटों में है।
लोगों को जो भी परेशानी आएगी, उसे दूर करेंगे
RBI ने सोमवार को एक ओर गाइडलाइन जारी की थी। इसमें बैंकों से कहा गया कि गर्मी को देखते हुए वो लोगों के लिए छायादार जगहों और पानी का इंतजाम करें। कितने नोट बदले गए और कितने जमा किए गए, इसका रोजाना हिसाब रखें।
दास ने कहा था, ‘जो भी परेशानी आएगी, उसे हम दूर करेंगे। हम भी बैंकों के जरिए इस प्रक्रिया पर नजर रखेंगे। चिंता वाली कोई बात नहीं है। करेंसी मैनेजमेंट ऑपरेशन के तहत ही हमने 2000 के नोट सर्कुलेशन से हटाने का काम शुरू किया है।
पहले भी दुकान में लोग 2000 के नोट नहीं लेते थे। हमारे ऐलान के बाद यह शायद और बढ़ गया है। हमने कहा था कि ये लीगल टेंडर बना रहेगा। आप 2000 के नोटों से खरीदारी कर सकते हैं। 30 सितंबर तक ज्यादातर नोट हमारे पास आ जाएंगे और फिर हम फैसला करेंगे।’