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भोपाल….
मध्यप्रदेश में त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव में सरपंच और पंच पदों के लिए नामांकन वापसी के साथ ही 604 निर्विरोध सरपंचों की सूची जारी कर दी गई। इसमें सबसे कम उम्र की सरपंच सागर जिले की 21 साल की जानकी गोंड है। वहीं सबसे बुजुर्ग सरपंच शहडोल के 75 साल के राम किशोर बैगा हैं। नामांकन के बाद कुल 604 सरपंच निर्विरोध चुने गए हैं।
अलग-अलग उम्र, जाति और वर्ग के लोगों को गांव की सरकार में चुना गया है। निर्विरोध सरपंचों की सूची में युवा और महिलाओं की संख्या अधिक है। 21 साल से 30 साल के आयु वर्ग में कुल 19 सरपंच निर्विरोध चुने गए हैं। इसमें महिलाओं की हिस्सेदारी 84 प्रतिशत है। वहीं 71 से 80 साल के आयु वर्ग में 3 सरपंच निर्विरोध हैं, जिसमें महिलाओं की हिस्सेदारी 66 प्रतिशत है। जानिए, प्रदेश के सबसे युवा और बुजुर्ग सरपंच के बारे में…
सबसे बुजुर्ग सरपंच- रामकिशोर बैगा, शहडोल
शहडोल जिले की जयसिंहनगर जनपद की ग्राम पंचायत आमडीह में सबसे उम्रदराज व्यक्ति को लोगों ने निर्विरोध सरपंच बनाया है। इसके साथ ही ग्रामीणों ने 16 पंचों को भी निर्विरोध चुना है। ग्राम पंचायत आमडीह के सरपंच राम किशोर बैगा की उम्र 75 साल है। लोगों का कहना है कि राम कुमार बैगा अपने गांव में सबसे बुजुर्ग हैं। वह किसी प्रकार का व्यसन-नशा भी नहीं करते हैं। गांव के मतदाताओं की संख्या 1347 है, जबकि कुल जनसंख्या 2078 है। जहां हिंदू और मुस्लिम बराबर संख्या में हैं। सभी लोगों ने चुनाव के पूर्व पंचायत लगाकर, अपने गांव को आदर्श ग्राम घोषित करवाने और शासन की ओर से दिए जाने वाली प्रोत्साहन राशि के लिए निर्विरोध पंच और सरपंच चुनने का निर्णय लिया।
ये है प्राथमिकता
निर्विरोध चुने गए सरपंच रामकिशोर ने कहा कि वह सभी चुने गए 16 पंचों और ग्रामीणों के साथ मिलकर ग्राम विकास के काम करेंगे। इसके साथ ही उन्होंने अपने ग्राम को नशा मुक्त बनाए जाने की बात भी कही। सभी ग्रामवासियों से अपील की है कि वह नशा व्यसन से दूर रहें। उनका कहना है कि नशा से शारीरिक नुकसान होता है। वहीं कई प्रकार की बीमारियां भी घेर लेती हैं।
सबसे युवा सरपंच- जानकी, सागर
सागर जिले की केसली जनपद की ग्राम पंचायत देवरी नाहरमऊ (नन्हीं देवरी) में प्रदेश की सबसे कम उम्र की 21 वर्षीय महिला को निर्विरोध सरपंच चुना गया है। साथ ही गांव के 16 वार्डों में भी निर्विरोध पंच महिला व पुरुष चुने गए हैं। ग्राम पंचायत में सरपंच पद एसटी वर्ग के लिए आरक्षित था। 1670 की आबादी वाली ग्राम पंचायत देवरी, नाहरमऊ में सिर्फ एक महिला आदिवासी है। जिसने पटेल समाज के गौरव पटेल से प्रेम विवाह किया था। जानकी गांव में एसटी वर्ग की एकमात्र महिला है, जिसकी वजह से ग्रामीणों ने उसे ही सरपंच बनाने का निर्णय लिया। गांव में बैठकर बुलाकर सभी लोगों ने गांव में सरपंच और पंच के सभी पदों पर निर्विरोध उम्मीदवारों को चुनने पर सहमति जताई। ग्रामीणों ने 21 वर्षीय जानकी को निर्विरोध सरपंच चुना है।
ये है प्राथमिकता
निर्विरोध सरपंच चुनीं गई जानकी गोंड पति गौरव ने बताया कि गांव के लोगों ने हम पर भरोसा करके सरपंच बनाया है। गांव के हर वर्ग का ध्यान रखूंगी। विकास कार्य कराऊंगी। मैं कक्षा 10वीं तक पढ़ी हूं। गांव में बच्चों की अच्छी पढ़ाई के लिए हायर सेकंडरी स्कूल खुलवाने के प्रयास करूंगी। घर-घर पानी पहुंचाया जाएगा। शौचालय, आवास, पेंशन आदि शासकीय योजनाओं का हर पात्र व्यक्ति को लाभ दिलाया जाएगा। सड़कें अच्छी बनवाई जाएंगी। पांच साल में इतना काम करूंगी कि अगली बार भी इस पंचायत में महिला की सरपंच बनूंगी।
गांव में एक ही आदिवासी महिला थी
देवरी नाहरमऊ (नन्ही देवरी) ग्राम पंचायत आदिवासी महिला वर्ग के लिए आरक्षित हुआ था। 2010-2011 की जनगणना के अनुसार गांव में 10 परिवार आदिवासी के थे। लेकिन वर्तमान में एक भी आदिवासी परिवार पंचायत में निवास नहीं करता हैं। ऐसे में एकमात्र जानकी है, गांव में रहती हैं। उसने भी पटेल समाज के युवक से प्रेम विवाह किया है। महिला सरपंच बनाने के लिए गांव के लोगों ने उसे ही सरपंच बनाया है।
युवा सरपंच लोगों की पहली पसंद
गांव की सरकार में युवा सरपंच उम्मीदवारों पर लोगों ने भरोसा जताया है। सबसे ज्यादा 40 निर्विरोध सरपंच 31 से 40 साल के उम्र के लोग बने हैं। इसमें 28 महिलाएं और 12 पुरुष शामिल हैं। 20 जिलों के आंकड़े भी यहीं कह रहे हैं। छिंदवाड़ा, बालाघाट, उमरिया, गुना, रीवा, सीहोर, विदिशा, झाबुआ, रतलाम और खरगोन में चुने गए सभी निर्विरोध सरपंच 50 साल से कम उम्र के हैं।
अजजा वर्ग के सरपंच भी आगे
कुल 112 ग्राम पंचायतों में सरपंच का चुनाव जातिगत समीकरण पर भी निर्भर रहा। इनमें से सबसे ज्यादा 65 सरपंच अनुसूचित जनजाति (ST) से और सबसे कम 6 सरपंच अनारक्षित वर्ग से चुने गए हैं। वहीं अन्य पिछड़ा वर्ग से 25 और अनुसूचित जाति से 16 सरपंच निर्विरोध चुने गए हैं।
नर्मदापुरम में 54 सरपंच निर्विरोध बने
नर्मदापुरम जिले से सबसे ज्यादा 54 निर्विरोध सरपंच बने हैं। वहीं जबलपुर और सागर में 15-15 सरपंच बिना किसी विरोध के चुने गए हैं। इनके अलावा छिंदवाड़ा में 9, सिवनी में 8, नरसिंहपुर में 7, बालाघाट और सीहोर में 6-6, बड़वानी और शहडोल में 4-4 और मुरैना में 3 सरपंच निर्विरोध चुने गए हैं। वहीं झाबुआ, गुना, सीधी और उमरिया में 2-2 और खरगोन, रतलाम, विदिशा, रीवा और ग्वालियर में 1-1 सरपंच मतदान से पहले चुन लिए गए हैं।
महाकौशल में सबसे ज्यादा निर्विरोध सरपंच
वहीं क्षेत्र के हिसाब से देखें तो महाकौशल से सबसे ज्यादा 45 और चंबल-ग्वालियर से सबसे कम 4 सरपंच निर्विरोध चुने गए हैं। इनके अलावा-मालवा से 25, नर्मदापुरम से 22, विंध्य से 9 और निमाड़ से 7 सरपंच निर्विरोध चुने गए हैं।
jsamachar
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