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2022 के अप्रैल में शनि राशि बदल रहे हैं। ये ग्रह करीब ढाई साल एक राशि में रहते हैं। वक्री और मार्गी होने की वजह से इस समय में परिवर्तन में हो सकता है। 29 अप्रैल को शनि मकर से कुंभ राशि में जाएंगे। इस कारण शनि की साढ़ेसाती और ढय्या की स्थिति बदलेगी। उज्जैन के ज्योतिषाचार्य पं. मनीष शर्मा से जानिए नए साल में ध्यान रखने योग्य शनि से जुड़ी खास बातें…
मीन राशि पर शुरू होगी साढ़ेसाती
29 अप्रैल को शनि के कुंभ राशि में आने से मीन राशि पर शनि की साढ़ेसाती शुरू हो जाएगी और धनु राशि से साढ़ेसाती खत्म हो जाएगी। मीन राशि के लोगों के लिए समस्याएं बढ़ सकती हैं और धनु राशि के लोगों को लाभ मिलने के योग बनेंगे। 29 अप्रैल से पहले तक धनु, मकर और कुंभ राशि पर साढ़ेसाती रहेगी। इसके बाद मकर, कुंभ और धनु राशि पर साढ़ेसाती रहेगी।
किन राशियों पर रहेगा ढय्या
29 अप्रैल से पहले तक शनि मकर राशि में रहेंगे। तब तक मिथुन और तुला राशि पर शनि का ढय्या रहेगा। 29 अप्रैल को शनि कुंभ राशि में आएंगे। इस वजह से कर्क और वृश्चिक राशि पर शनि का ढय्या शुरू होगा। शनि के ढय्या की वजह से इन राशियों को कड़ी मेहनत करनी होगी, तभी सफलता मिल पाएगी। स्वास्थ्य का ध्यान रखना होगा। गलत कामों से बचें।
किस राशि पर साढ़ेसाती का कौन सा चरण रहेगा
29 अप्रैल तक धनु राशि पर साढ़ेसाती का अंतिम चरण रहेगा। शनि के कुंभ में आते ही धनु राशि से साढ़ेसाती खत्म हो जाएगी। 29 अप्रैल से कुंभ राशि पर साढ़ेसाती का दूसरा चरण शुरू होगा। मकर राशि पर अंतिम चरण रहेगा और मीन राशि पर साढ़ेसाती का पहला चरण शुरू होगा।
शनि के लिए कौन-कौन से शुभ काम करें
शनि के अशुभ असर को कम करने के लिए हर शनिवार शनिदेव को तेल चढ़ाने की परंपरा है। हनुमान जी की पूजा से भी शनि के दोष कम होते हैं। शनि के मंत्र `ऊँ शं शनैश्चराय नम:` का जाप हर शनिवार को करें। मंत्र जाप कम से कम 108 बार जरूर करें। हर शनिवार तेल का दान करें। इसके लिए एक कटोरी में तेल लें और उसमें अपना चेहरा देखकर तेल का दान करें। शनिवार को काले तिल, कंबल, काली उड़द, लोहे के बर्तनों का और जूते-चप्पलों का दान भी किया जा सकता है।
शनि देव हैं न्यायाधीश
ध्यान रखें नौ ग्रहों में शनि को न्यायाधीश माना गया है। ये ग्रह हमें हमारे कर्मों का फल प्रदान करते है। इसलिए ऐसे कामों से बचना चाहिए, जो गलत हैं। बुरे कर्मों से और बुरी संगत से दूर रहें। किसी का अनादर न करें। माता-पिता की आज्ञा का पालन करें और मेहनत से बचने की कोशिश न करें।