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संस्था देव गुरुकुलम के ज्योतिष-वास्तु सम्मेलन में ज्योतिष, वास्तु, हस्तरेखा, तंत्र, टैरो, कर्मकांड, हीलिंग के विद्वानों का किया गया सम्मान
इंदौर, (एम.के. जैन)….
- ज्योतिष और वास्तु पर आम जनमानस की गहरी आस्था है, इसलिए जातक की पत्रिका का अध्ययन करते समय समुचित सावधानी रखने की आवश्यकता है। वास्तु के उपाए बताने से पहले उस स्थान का बारीकी से निरीक्षण और शोधन करना चाहिए, इसके बाद ही आपके बताए उपाय सिद्ध होंगे। स्थान की शुद्धि से घर में सकारात्मकता का प्रवाह होता है। कई बार स्थान की शुद्ध से ही 50 फीसद तक फल प्राप्त हो जाता है। अन्य काम आपके उपाए से पूरा हो जाएगा। यह बात संस्था देव गुरुकुलम द्वारा आयोजित ज्योतिष एवं वास्तु सम्मेलन में भागवतचार्य पं. संतोष भार्गव ने कही। वे रविवार को होटल बडीज एमजी रोड पर संबोधित कर रहे थे।
- ज्योर्तिविद् भारत शर्मा ने कहा कि जातक के सभी 12 भाव भाग्य के होते हैं।ज्योतिष एक महासागर है। इसके सतत अध्यन के जरिए इसमें आप पारंगत होते हैं।
- ज्योर्तिविद् पं. राधेश्याम त्रिपाठी ने कहा कि सीखने की कोई उम्र नहीं होती है। अभ्यास सदा करते रहना चाहिए। व्यक्ति जब अभ्यास और गुरु का त्याग कर देता है तो उसका पतन का मार्ग खुल जाता है। ज्योतिष के क्षेत्र गुरुओं की सभा है इसमें शिष्य बनकर रहना है। हम सनातनियों को सनातन का अर्थ समझने की आवश्यकता है। सनातन के अंतिम दो शब्द तन का अर्थ शरीर से हैं।इस शरीर को जीवंत रखने के लिए गुरु की आवश्यकता होती है।
- संस्था प्रमुख ज्योर्तिविद् देवेंद्र कुशवाह ने बताया कि इस अवसर पर प्रदेश के ज्योतिष, वास्तु, हस्तरेखा, तंत्र, टैरो, कर्मकांड, हीलिंग आदि क्षेत्रों से जुड़े विद्वानों,समाजसेवियों का सम्मान प्रशस्ति पत्र व स्मृति चिन्ह भेंटकर किया गया। इस अवसर पर ज्योतिष और वास्तु का अध्ययन कर चुके 40 से अधिक विद्यार्थियों का भी सम्मान हुआ। विद्यार्थियों द्वारा देवगुरुकुलम पर बनाई डाक्यूमेंट्री विशेष आकर्षण का केंद्र रही।
- समाजसेवी डॉ. माला सिंह ठाकुर, पं.दिनेश गुरुजी, संगीता शर्मा, सुरेश आर शर्मा की मौजूदगी में प्रियंका बोरदिया, रोहित कारला, केडी बैरागी, रत्ना जाखेटिया , डा. अतुल बिल्लौरे, मेघना जैन, रेणु जैन, मौसम मेश्राम,हनी जैन दीपिका हाड़ा आदि का सम्मान स्मृति चिन्ह भेंट कर किया गया।
- समापन पर दिगंबर जैन संत आचार्य विद्यासागरजी महा मुनिराज को सामूहिक विनयांजलि अर्पित की गई।
- कार्यक्रम का प्रभावी संचालन ज्योतिर्विद् एम के जैन ने किया।