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चुनावी साल में मध्य प्रदेश के देवास जिले के आदिवासी बहुल इलाके बागली को जिला बनाने की मांग अब जोर पकड़ने लगी है. बागली को जिला बनाने की मांग को लेकर पिछले एक महीने से धरना प्रदर्शन चल रहा है. बागली के लोगों ने चुनाव आचार संहिता लगने से पहले बागली को जिला बनाने की मांग की है.
आचार संहिता से पहले बनाएं जिला, वरना….
मऊगंज, पांढुर्ना और मैहर को जिला बनाने की घोषणा के बाद देवास के बागली को जिला घोषित करने की मांग तेज होती जा रही है. इस मांग को लेकर बागली में महारैली निकाली गई, जिसमें बड़ी संख्या में लोग पहुंचे. इस हुंकार रैली में बच्चे, महिलाएं और बुजुर्ग हर वर्ग शामिल था. बागली के लोगों ने चेतावनी देते हुए कहा कि आचार संहिता के पूर्व बागली जिला नहीं बनता है, तो चुनाव में बागली के साथ जिले के 3 विधानसभा क्षेत्र प्रभावित करेंगे. लोगों का कहना है कि बागली क्षेत्र की जनता आरपार की लड़ाई को तैयार रहेगी. यह धरना अनवरत चलेगा और अभियान मतदान केंद्र तक अभिव्यक्त होगा. अब हमारा धैर्य टूट चुका है. करणी सेना ने बागली जिला नहीं बनने पर बीजेपी के बहिष्कार की चेतावनी दी है. बागली नगर परिषद अध्यक्ष प्रतिनिधि कमल यादव ने कहा कि हमारी एक ही मांग है, बागली जिला बने. यदि जिला नहीं बनता है तो जनता के साथ मिल कर झंडे और डंडे छोड़ देंगे. रैली में भाजपा-कांग्रेस से जुड़े कई जनप्रतिनिधियों सहित दर्जनभर से ज्यादा विधानसभा क्षेत्र के दावेदार मौजूद थे. जन हुंकार रैली में व्यवस्था की दृष्टि से पुलिस प्रशासन ने सुरक्षा व्यवस्था के पुख्ता इंतजाम किए थे. सभा स्थल पर SDM आनंद मालवीय को 55 वां ज्ञापन सौंपा गया.
सबसे पहले वाग्योग चेतना पीठ के आचार्य कनिष्क द्विवेदी सहित 101 ब्राह्मण बटुकों ने मंगलाचरण कर शंखनाद और फिर सामूहिक व वंदे मातरम गायन के साथ सभा की शुरुआत की….