न्यूज़ सुनें....
|
बालाघाट….
बालाघाट में सरपंचों ने विकास यात्रा के जवाब में पंचायतों में तालाबंदी कर विरोध दर्ज किया। सरपंचों का कहना है कि हमने पंचायतों में एनएमएमएस को बंद करने सहित अन्य मांगों को लेकर शासन-प्रशासन को अवगत करवाया। लगातार आवेदन, निवेदन और ज्ञापन दिए। इसके बाद भी शासन-प्रशासन ने कोई कदम नहीं उठाए। इसलिए हम ये विरोध कर रहे है।
दरअसल, सरपंच संघ ने 5 फरवरी से मांगों के समर्थन में पंचायतों में तालाबंदी किए जाने का आह्वान किया था। इसके साथ जिले भर की पंचायतों में इसका असर देखने को मिला। जिले की सभी ग्राम पंचायतों में सरपंचों ने तालाबंदी कर सरकार की विकास यात्रा के विरोध के साथ-साथ अपनी एकजुटता की ताकत दिखाई।
सरपंच संघ जिलाध्यक्ष वैभव सिंह बिसेन ने कहा कि सरपंच, दलगत राजनीति से ऊपर ग्राम के विकास के लिए प्रतिबद्ध पंचायत का प्रधान होता है। आज जिस तरह से एनएमएमएस में रोजगार सहायक और मजदूरों को परेशान होना पड़ रहा है, उसका सामना सरपंच को भी करना पड़ रहा है। जिले की अधिकांश पंचायतें, ऐसे क्षेत्र में आती है, जहां नेटवर्किंग की समस्या है। ऐसे में यहां के पंचायत में एनएमएमएस का पालन कतई संभव नहीं है, लेकिन सरकार इसे लागू कर पंचायतों पर जबरदस्ती करने का काम कर रही है।
इसका सरपंच साथियों ने विरोध किया है। सरपंच साथियों की मांग है कि एनएमएमएस को बंद कर सरपंचों की मांगों पर सरकार विचार करें अन्यथा अनिश्चितकाल तक पंचायतों में ताले लटके रहेंगे। कोई विकास कार्य नहीं किया जाएगा। हर राजनीतिक दल से जुड़ा जिले का सरपंच पहले अपने मतदाताओं और ग्राम के प्रति उत्तरदायी है।
फिर पार्टी या सरकार के प्रति हमारी मांग यदि भाजपा सरकार पूरी कर देती है तो ना केवल हम आंदोलन को खत्म कर देंगे, बल्कि विकास यात्रा में भी उनके साथ होंगे। उन्होंने जिले के सरपंच साथियों से एकजुटता के साथ आंदोलन में डटे रहने की बात करते हुए कहा कि हमारी एकजुटता ही हमारी मांगों को पूरा कराने की ताकत बनेगी।