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आलीराजपुर….
- आदिवासी लोक संस्कृति का पर्व भगोरिया बुधवार को चांदपुर, बरझर, बखतगढ़ व बोरी में धूमधाम से मनाया गया। इसमें आधुनिकता का रंग दिखाई दिया। परंपरागत परिधान के स्थान पर आधुनिक परिधानों में युवक-युवतियां नजर आई। दिनभर युवक-युवतियां, छोटे-बड़े सभी रंग-बिरंगे परिधानों में सज कर झूले चकरी तथा व्यंजन, ठंडाई पान बीड़ा का लुत्फ उठाते रहे। मेले में खाने-पीने की सामग्री के साथ ही खेल खिलौने की जमकर बिक्री हुई। सुबह 11 से शाम 4 बजे तक मस्ती में झूमते टोलियां नजर आई।
- भगोरिया पर्व के दौरान ग्रामवासी में पर्व का परवान चढ़ा था। चारों ओर कहीं बांसुरी तो कहीं ढोल तो कहीं मांदल की आवाज गूंजती सुनाई दी। व्यापारियों ने भी अपनी दुकानें अपने घरों के बाहर लगाई थी। ग्रामीणजन सामान खरीदने के लिए पहुंचे। मांदल की थाप पर कुर्राटिया लगाते हुए थिरकते ग्रामीण पर्व की मस्ती में मदमस्त हो गए, जिन्हें देखने के लिए भगोरिया में आए लोगों का हुजूम उमड़ पड़ा।
- वनवासियों ने कुल्फी आइसक्रीम ज्यूस इत्यादि का भी जमकर लुफ्त उठाया। भगोरिया पर्व के दौरान राजनीतिक दलों के नेताओं ने अपने समर्थकों के साथ ढोल बजाते हुए पर्व की शुरुआत की।
मनमोहक आभूषण में नजर आए
- भगोरिया पर्व में शहर के आसपास से आई टोलियों ने अपने-अपने गांव में फलियों के हिसाब से अपना एक ड्रेस कोड निर्धारित कर सभी लोग एक जैसी वेशभूषा पहन कर आए। इससे पर्व की शोभा और अधिक बढ़ाते नजर आए सामान्यत: ड्रेस कोड कोई घूमने नहीं या फिर किसी संकेत के रूप में माना जाता है, परंतु भगोरिया में पहने ड्रेस कोर्ट ने आदिवासी संस्कृति की एकता को बड़े ही सहज ढंग से प्रदर्शित किया। साथ ही पर्व पर पहने जाने वाले आभूषण मनमोहक नजर आ रहे थे। आदिवासी संस्कृति में पूर्व से चली आ रही हाथ पर नाम खुदवाने की परंपरा के अनुसार युवक-युक्तियों का नाम गुदवाते देखे गए। स्थानीय मैदान पर कई छोटे बड़े झूलों पर आदिवासी युवक युक्तियों व बच्चों ने आनंद उठाया।
टोलियाें में पहुंचे, जमकर की खरीदारी
आदिवासी अंचल से मेला देखने लोग टोली में पहुंचे। यहां लड़के-लड़कियों की कुछ टोली ड्रेस कोड में दिखाई दी। मेले में आईं युवतियों ने जमकर खरीदारी की। गर्मी ज्यादा होने से लोगों ने कोल्डड्रिंक्स के साथ ही जमकर गन्ने के रस का लुफ्त उठाया। आईस्क्रीम और आइस गोले की दुकान पर भी भीड़ उमड़ी।