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भोपाल….
संबल योजना में 2 करोड़ रुपए के घोटाले का मामला तूल पकड़ता जा रहा है। कर्मकार मंडल के सचिव रत्नाकर झा ने कलेक्टर आशीष सिंह को लिखे पत्र में दैनिक भास्कर में 14 जुलाई को प्रकाशित खबर का जिक्र करते हुए कहा है कि घोटाला करने वालों से राशि वसूल कर जमा कराएं और उनके खिलाफ एफआईआर भी कराएं। दूसरी ओर, नगर निगम परिषद बैठक में हुए घटनाक्रम के बाद शुक्रवार को महापौर मालती राय ने चार जोनल अधिकारियों को बुलाया और उनसे पूरे मामले की जानकारी ली। इसके बाद महापौर ने निर्देश दिए कि जोनल अधिकारी और एमआईसी सदस्य मिल कर फिजिकल वेरिफ़िकेशन करेंगे।
महापौर दोपहर में आईएसबीटी स्थित नगर निगम मुख्यालय पहुंचीं और जोन नंबर 9 के जोनल अधिकारी अभिषेक श्रीवास्तव, जोन 16 के तत्कालीन अधिकारी राजेंद्र अहिरवार, जोन 19 के जोनल अधिकारी मोहन जाट और जोन 20 के जोनल अधिकारी सुभाष जोशी को बुलाया। मुख्य रूप से इन्हीं जोन में अधिक गड़बड़ी पाई गई है। इस दौरान कुछ एमआईसी सदस्य भी मौजूद रहे। महापौर ने सभी से उनके जोन के मामलों के बारे में पूछा और संबल योजना के तहत होने वाले भुगतान की प्रक्रिया की जानकारी ली।
जोनल अधिकारियों की सफाई- हमारी जानकारी के बिना ही प्रकरण स्वीकृत किए
इस बैठक में महापौर मालती राय ने निर्देश दिए कि जोनल अधिकारी एमआईसी सदस्यों के साथ जाकर फिजिकल वेरिफ़िकेशन करें। इसके लिए विधानसभावार एमआईसी सदस्यों को जिम्मेदारी सौंपी गई है। इस वेरिफ़िकेशन से पहले जोनल अधिकारी अपना प्रतिवेदन देंगे। यह जोनल अधिकारी नगर निगम कमिश्नर वीएस चौधरी कोलसानी से भी मिले और सफाई दी कि उनकी जानकारी के बिना ही प्रकरण स्वीकृत कर दिए गए। हर जेडओ के आईडी और पासवर्ड कंप्यूटर ऑपरेटर के पास हैं। इस मामले में 7 कम्प्यूटर ऑपरेटरों को हटा दिया गया है और जोनल अधिकारियों को केवल नोटिस दिए गए थे। गुरुवार को निगम परिषद की बैठक में इस मसले को लेकर जमकर बवाल हुआ था।
मृत्यु प्रमाण पत्र में नाम बदल पेमेंट की कोशिश
इस मामले में एक बात यह भी सामने आई है कि वार्ड नंबर 69 में मृत्यु प्रमाण पत्र में नाम बदल कर भुगतान लेने की कोशिश की गई, हालांकि मामला पकड़ में आने के बाद भुगतान नहीं हुआ। लेकिन इस उदाहरण से यह आशंका होना भी स्वाभाविक है कि कुछ अन्य मामलों में इस तरह भुगतान कर दिए गए हों।
कर्मकार मंडल ने एक सप्ताह में मांगी रिपोर्ट
कर्मकार मंडल के सचिव झा ने कलेक्टर सिंह को लिखे पत्र में पूरे मामले की एक सप्ताह में जांच कर रिपोर्ट देने को कहा है। संबल योजना के तहत मिलने वाली राशि का भुगतान कर्मकार मंडल के माध्यम से ही होता है। नगर निगम इसे स्वीकृत करने का काम करता है।
जांच पर भी सवाल
इस मामले में नगर निगम प्रशासन द्वारा की जा रही जांच भी सवालों के घेरे में है। जिन 487 प्रकरणों को जांच के दायरे में लिया गया है, वे 13 जोन के हैं। लेकिन केवल 6 जोनल अधिकारियों को नोटिस दिए गए हैं। शेष 8 जेडओ से कोई पूछताछ नहीं की गई है।