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खंडवा….
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इधर, पंडित प्रदीप मिश्रा ने कहा कि राधा रानी प्रसंग पर उन्होंने जो भी कहा वो शास्त्रों के अनुसार ही कहा। उन्होंने जवाब दिया कि जिस-जिस महाराज को प्रमाण चाहिए वो कुबरेश्वर धाम आ जाएं। राधा रानी की आड़ में उन्हें बदनाम करने की कोशिश हो रही है। पं. मिश्रा ने खंडवा के ओंकारेश्वर में कथा के दौरान ये कहा।
पहले पढ़िए, पंडित मिश्रा के किस बयान पर विवाद छिड़ा
पं. मिश्रा ने अपने एक प्रवचन में कहा था- राधा के पति का नाम अनय घोष, उनकी सास का नाम जटिला और ननद का नाम कुटिला था। राधा जी का विवाह छाता में हुआ था। राधा जी बरसाना की नहीं, रावल की रहने वाली थीं। बरसाना में तो राधा जी के पिता की कचहरी थी, जहां वह साल भर में एक बार आती थीं।
![पंडित प्रदीप मिश्रा की इन दिनों (9 से 15 जून तक) ओंकारेश्वर में कथा चल रही है, जहां उन्होंने राधा रानी पर कही अपनी बात का विरोध करने वालों को जवाब दिया।](https://images.bhaskarassets.com/web2images/521/2024/06/12/capture_1718213354.jpg)
प्रेमानंद महाराज ने कहा-तुझे नर्क से कोई नहीं बचा सकता
प्रेमानंद जी महाराज ने पंडित प्रदीप मिश्रा को लेकर कहा- तुझे नरक से कोई नहीं बचा सकता। हमें गाली दो तो चलेगा। लेकिन तुम हमारे इष्ट, हमारे गुरु, हमारे धर्म के खिलाफ बोलेगे, उनका अपमान करोगे, तो हम ये बर्दाश्त नहीं करेंगे। हम स्वयं को न्योछावर कर देंगे, तुम्हें बोलने लायक नहीं छोड़ेंगे।
तुम्हें पता ही क्या है लाडली जी के बारे में? तुम जानते ही क्या हो? अगर तुम किसी संत के चरण रज का पान करके बात करते तो तुम्हारे मुख से कभी ऐसी वाणी नहीं निकलती। जैसा वेद कहते हैं, राधा और श्रीकृष्ण अलग नहीं हैं। तुझे तो शर्म आनी चाहिए। जिसके यश का गान करके जीता है, जिसका यश खाता है, जिसका यश गाकर तुझे नमस्कार और प्रणाम मिलता है, उसकी मर्यादा को तू नहीं जानता।
श्रीजी की अवहेलना की बात करता है। कहते हैं कि वे इस बरसाने में नहीं हैं। अभी सामना पड़ा नहीं संतों से। चार लोगों को घेरकर उनसे पैर पुजवाता है, तो समझ लिया कि तू बड़ा भागवताचार्य है। रही बात श्रीजी बरसाने की हैं या नहीं, तो तुमने कितने ग्रंथों का अध्ययन किया है? चार श्लोक पढ़ क्या लिए, भागवत प्रवक्ता बन गए। तुम नरक में जाओगे, वृंदावन की भूमि से गरज कर यह कह रहा हूं।
![संत प्रेमानंद महाराज ने कहा कि तुम हमारे इष्ट, हमारे गुरु, हमारे धर्म के खिलाफ बोलेगे, उनका अपमान करोगे, तो हम ये बर्दाश्त नहीं करेंगे।](https://images.bhaskarassets.com/web2images/521/2024/06/12/6eb3a8c6-be71-4fea-ab5d-dc5e69d37f8e17097431383421_1718213410.jpg)
अब सिलसिलेवार पढ़िए पंडित प्रदीप मिश्रा का दिया जवाब
ओंकारेश्वर की कथा में पंडित प्रदीप मिश्रा ने कहा- ‘इसका प्रमाण हम पहले दे चुके हैं, लेकिन जिसकी दृष्टि में सीहोर वाला महाराज गलत है। तो वो जिंदगीभर कितना भी प्रमाण दे, जैसे माता जानकी प्रमाण दे देकर आखिरी में जमीन में चली गई, पर उसकी किसी ने नहीं मानी। ऐसा चाहते है दुनिया के लोग कि तुम प्रमाण देते रहो, देते रहो।’
उन्होंने आगे कहा- ‘क्या प्रमाण चाहिए? मेरी मां ने सौंगंध खाकर बैठाया था कि इस व्यास पीठ से वो शब्द बोलना जो हमारे शास्त्रों में है। ब्रह्म वैवर्त्य पुराण राधा रानी का संवाद बोला, राधा रहस्य में से राधा का संवाद बोला, गोड़िया सम्प्रदाय के काली पीठ से निकलने वाली पुस्तक राधा जी का संवाद लिखा है जो हमने बोला। और प्रसन्नता व्रत चौरासी कोस में अनय घोष का मंदिर है वहां जाकर दर्शन करो जावट गांव में, उसका प्रसंग कहा। इसके बाद कितना प्रमाण चाहिए तुमको। बात है राधा रानी की वो तो मेरी मां है। माफी की बात करते हो, इस राधा रानी के चरणों में तो मेरी पूरी जिंदगी, खानदान और कुटुम्ब पड़ा है।’
पं. मिश्रा बोले-कुछ लोग शिवपुराण का विरोध करना चाहते हैं
कथावाचक पंडित मिश्रा ने कहा- ‘कुछ लोग शिवपुराण का विरोध करना चाहते हैं। इस व्यास पीठ का विरोध करना चाहते हैं। प्रदीप मिश्रा का विरोध करना चाहते हैं। वो लोग राधा रानी की आड़ में बदनाम करना चाहते हैं। और ब्रजवासी इतना भोला है कि वो समझ नहीं पा रहा है। आप कहो जिस दिन राधा रानी के चरणों में आकर दंडवत कर लूं। आप बोलो जितने दिन तक राधा रानी के चरणों में पड़ा रहूं। मेरी मां हैं वो। उससे मेरा बैर नहीं है।’
जो बोलूंगा प्रमाण से बोलूंगा, बिना प्रमाण के कुछ नहीं बोलूंगा
पंडित मिश्रा ने कहा- ‘जो कुछ बोलूंगा प्रमाण से बोलूंगा, बिना प्रमाण के कुछ नहीं बोलूंगा। और जिस-जिस महाराज को प्रमाण चाहिए कुबरेश्वर धाम खुला पड़ा है आ आजो, प्रमाण लेकर जाओ। मुझे वहां के विद्वानों ने कहा हम यहां सभा रखेंगे आप पधारे, उसमें अपनी बात रखना। हमारे यहां पत्र आया। हमने भी पत्र के माध्यम से उन्हें सूचना दी कि हम पहुंचेंगे। वहां पर बात करेंगे।’
इतने बड़े विद्वत संत है माननीय प्रेमानंद जी महाराज। उनके चरणों को दंडवत करता हूं। भारत की भूमि पर और ब्रज में इतने बड़े रसिक संत कोई और नहीं होगा। अगर वो एक फोन कर देते कि प्रदीप तुझे आना है। उनका ये दास दंडवत करता करता उनके चरणों में पहुंचता और उनसे बात करता। मैं उन्हें प्रणाम करता हूं, जिनकी जिव्या पर इस बांवरे का नाम तो आया, कैसे भी आया, कल्याण तो हो गया।
जिन्होंने मेरी आधी वीडियो चलाई, उन्हें मेरी राधा रानी देख लेगी
मैं एक-एक ब्रजवासी को नमन करता हूं। अगर मेरी वाणी से कोई चोट लगी हो तो मुझे क्षमा करिएगा। मैंने प्रमाण से कहा है और प्रमाण अपने पास रखूंगा। सत्य पर जिया हूं और सत्य पर जिऊंगा। जिन्होंने मेरी आधी वीडियो चलाई है उन्हें तो मेरी राधा रानी देख लेगी। मेरे भोलेनाथ देख लेंगे। राधा रानी की आड़ में जो शिव महापुराण पर लांछन लगा रहे हैं। जो विद्रोही, जो विधर्मी, जो सनातन धर्म को अच्छा नहीं देख सकते। वो बदनाम करने में लगे है।
ब्रज के कोई संत मुझे आमंत्रित करें, मैं तैयार हूं। आपको चरणों में आऊंगा, प्रणाम करूंगा, दंडवत करूंगा और आपको पूरा व्याख्यान बताकर जाऊंगा। कहां से पढ़ा। कहां से बोला। किस जगहा से वर्णन किया।
![ब्रज तीर्थ देवालय न्यास के पदाधिकारियों ने प्रदीप मिश्रा के खिलाफ SSP शैलेश पांडेय को शिकायत पत्र सौंपा।](https://images.bhaskarassets.com/web2images/521/2024/06/12/10015366151718178136_1718185367.jpg)
लोग बोले- प्रदीप मिश्रा ने राधा रानी को भगवान कृष्ण की पत्नी नहीं कहा
बुधवार को एसएसपी ऑफिस पहुंचे ब्रज तीर्थ देवालय न्यास के पदाधिकारियों ने प्रदीप मिश्रा पर आरोप लगाया। उन्होंने कहा- प्रदीप मिश्रा ने अपने प्रवचन में भगवान श्रीकृष्ण की 16 हजार 108 रानियों में राधा रानी का नाम नहीं बताया। राधा रानी को भगवान कृष्ण की पत्नी नहीं कहा।
![प्रदीप मिश्रा ने राधा रानी के बारे में प्रवचन के दौरान जो जानकारी दी, उसे लेकर ब्रजवासी आक्रोशित हैं।](https://images.bhaskarassets.com/web2images/521/2024/06/12/1001536576_1718177750.jpg)
भागवत प्रवक्ता ने प्रवचन को भ्रामक बताया
प्रदीप मिश्रा के प्रवचन को ब्रज तीर्थ देवालय न्यास के पदाधिकारियों ने कोरी कल्पना बताया। भागवत प्रवक्ता मृदुल कांत शास्त्री ने बताया- यह बयान विद्वेष भावना से दिया गया है। राधा रानी ब्रज की शक्ति हैं। ऐसा भगवान कृष्ण और राधा रानी के भक्तों में विद्वेष और आराध्य के प्रति घृणा पैदा करने के उद्देश्य से किया गया है।
![एसएसपी से शिकायत करने जाते ब्रज तीर्थ देवालय न्यास के पदाधिकारी।](https://images.bhaskarassets.com/web2images/521/2024/06/12/download-49_1718185401.gif)
सनातन की पारिवारिक व्यवस्था का विघटन करना चाहते हैं
आचार्य मृदुल कांत शास्त्री ने बताया- प्रदीप मिश्रा सनातन की पारिवारिक व्यवस्था को तोड़ना चाहते हैं। उन्होंने भगवान राधा कृष्ण के प्रति गलत बयान दिया है। इससे राधा रानी के भक्तों में आक्रोश है। पदाधिकारियों ने कहा कि इसको लेकर जांच होनी चाहिए। कहीं इसके लिए विदेशी फंडिंग तो नहीं की गई।
![यह तस्वीर आचार्य मृदुल कांत शास्त्री की है। उन्होंने कहा- प्रदीप मिश्रा सनातन धर्म की पारिवारिक व्यवस्था को तोड़ना चाहते हैं।](https://images.bhaskarassets.com/web2images/521/2024/06/12/1001536592_1718177927.jpg)
ब्रजवासियों ने रखे सबूत
ब्रजवासियों ने राधा रानी और कृष्णजी के विवाह का साक्ष्य देते हुए एसएसपी को प्रार्थना पत्र दिया। इसमें कहा- राधा रानी का विवाह भगवान कृष्ण के साथ मांट तहसील क्षेत्र स्थित भांडीर वन में परमपिता ब्रह्माजी ने कराया था।
इसका उल्लेख ब्रह्म वैवर्त पुराण में प्रकृति खंड अध्याय- 49 के श्लोक संख्या 40,43,44 में गर्ग संहिता के गिर्राज खंड के अध्याय 5 के श्लोक संख्या 15,16,31,34 में है। इसके अलावा जिस शिव पुराण का वह प्रवचन करते हैं, उसके पार्वती खंड के अध्याय- 2 के श्लोक संख्या- 40 में भी इसका वर्णन है। स्कंद पुराण, पदम पुराण,नारद पंचराग आदि ग्रंथों में भी यह वर्णित है।
प्रेमानंद महाराज ने जताया आक्रोश
प्रदीप मिश्रा द्वारा राधा रानी पर दिए गए प्रवचन पर संत प्रेमानंद महाराज ने भी आक्रोश जताया। सोमवार को दिए प्रवचन में संत प्रेमानंद महाराज ने कहा कि 4 श्लोक पढ़ लिए और प्रवक्ता बन गए? कभी बैठे हैं संतों के चरणों में? कभी महापुरुष के चरण में बैठते तो यह असभ्य भाषा तुम्हारी वाणी से नहीं निकलती।
संत प्रेमानंद महाराज ने कहा- जो हमारी राधा रानी लाडली जी के बारे में एक बात नहीं जानता, उसे बोलने का कोई अधिकार नहीं।