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नई गाइडलाइन के अनुसार 11वीं-12वीं में PCB (फिजिक्स, केमेस्ट्री, बायोलॉजी) या PCM (फिजिक्स, केमेस्ट्री, मैथ्स) दोनों स्ट्रीम के स्टूडेंट्स NEET UG की परीक्षा में शामिल हो सकेंगे। हालांकि, PCM से 12वीं करने वाले स्टूडेंट्स को एडिशनल सब्जेक्ट के तौर पर बायोटेक्नोलॉजी की परीक्षा देनी जरूरी होगी।
12वीं में मैथ्स पढ़ने वाले भी दे सकेंगे NEET UG
NMC के नोटिस में कहा गया है कि 12वीं पास करने के बाद एडिशनल सब्जेक्ट्स के रूप में अंग्रेजी के साथ-साथ फिजिक्स, केमेस्ट्री, बायोलॉजी/ बायोटेक्नोलॉजी पढ़ाई करने वाले स्टूडेंट्स NEET-UG परीक्षा में बैठने के पात्र होंगे। NEET परीक्षा भारत में MBBS और BDS कोर्सेज में एडमिशन के लिए अनिवार्य है।
सर्टिफिकेट भी जारी करेगा NMC
इसके अलावा, ऐसे उम्मीदवारों को एलिजिबिलिटी सर्टिफिकेट दिए जाने पर भी विचार किया जाएगा। NMC के इस सर्टिफिकेट से स्टूडेंट्स विदेश में भी ग्रेजुएट मेडिकल कोर्सेज़ में एडमिशन के लिए एलिजिबिल हो जाएंगे।
इससे पहले, MBBS या BDS में एडमिशन के लिए 11वीं और 12वीं कक्षा में अंग्रेजी के फिजिक्स, केमेस्ट्री, बायोलॉजी की 2 साल की रेगुलर स्टडी अनिवार्य थी। रेगुलर या ओपन लर्निंग मोड के स्टूडेंट्स इसके लिए एलिजिबिल नहीं थे।
NMC के इस नए फैसले से उन स्टूडेंट्स के लिए मेडिकल में करियर बनाने का रास्ता खुलेगा जो12वीं में मैथ्स स्ट्रीम से पढ़ाई करना चाहते हैं। इससे स्टूडेंट्स के लिए पहले से और ज्यादा करियर ऑप्शंस के दरवाले खुलेंगे।
अगले सेशन से ही लागू होगा नियम
NEET UG में शामिल होने और विदेश में मेडिकल की पढ़ाई करने के लिए सर्टिफिकेट देने के नियमों में बदलाव का निर्णय 14 जून को विचार-विमर्श के बाद किया गया था। NMC ने 12वीं कक्षा में अलग-अलग विषयों के अध्ययन में लचीलेपन का हवाला देते हुए इस कदम को सही ठहराया था।
नया नियम अगले एकेडमिक सेशन से ही लागू होगा। काउंसिल का कहना है कि ये कदम नेशनल एजुकेशन पॉलिसी NEP 2020 के तहत लिया गया है।