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नई दिल्ली….
चुनावों के कारण 137 दिनों से स्थिर रहे पेट्रोल-डीजल के दाम मंगलवार को 80 पैसे प्रति लीटर बढ़ गए हैं। इतना ही नहीं, घरेलू गैस सिलेंडर की कीमत में भी 50 रुपए का इजाफा हुआ है।
चुनाव बाद दाम बढ़ने का अंदेशा सच साबित हुआ
चुनाव और पेट्रोल-डीजल के दाम का आपसी संबंध देखें, तो मौजूदा सरकार अब तक तीन बार चुनाव से ठीक पहले तेल के दाम स्थिर रखती है, जबकि चुनाव के बाद दाम बढ़ जाते हैं। इन तीन राज्यों में चुनाव और पेट्रोल-डीजल के कनेक्शन को यहां समझा जा सकता है।
- पश्चिम बंगाल, असम, तमिलनाडु, केरल और पुडुचेरी में 6 अप्रैल से 29 अप्रैल 2021 तक चुनाव हुआ। 23 फरवरी 2021 से पेट्रोल-डीजल के दाम फ्रीज हो गए। 2 मई को जब चुनाव के नतीजे आए। 4 मई से अगले पांच महीने तक पेट्रोल के दाम हर दिन या फिर हर दूसरे दिन बढ़ते गए। इस दौरान करीब 20 रुपए प्रति लीटर की बढ़ोत्तरी हुई।
- 2020 के अक्टूबर-नवंबर में बिहार विधानसभा का चुनाव हुआ। 23 सितंबर से 19 अक्टूबर तक पेट्रोल-डीजल के दाम एक बार भी नहीं बढ़े, लेकिन चुनाव परिणाम आने के बाद 20 नवंबर 2020 से कीमतें बढ़ने लगी।
- 2019 में लोकसभा चुनाव हुआ। मार्च में अंतरराष्ट्रीय बाजार में कच्चे तेल के दामों में 10% की बढ़ोत्तरी हुई, लेकिन दाम सिर्फ 1% बढ़े। 20 मई को परिणाम आने के बाद फिर से पेट्रोल-डीजल के दाम बढ़ने लगे।