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उल्लेखनीय है कि इंदौर के अधिवक्ता अमन मालवीय ने भी की थी मानवीय पहल…. माननीय न्यायालय में लगाई थी PIL….
देश में बेतरतीब ढंग से बढ़ते कोचिंग कारोबार की वजह से विद्यार्थियों के बढ़ते आत्महत्या के मामलों, दुर्घटनाओं आदि के चलते केंद्रीय शिक्षा मंत्रालय ने एक नई गाइडलाइन तैयार की है. जिसे मानना सभी कोचिंग संस्थानों के लिए अनिवार्य है. इसका उल्लंघन करने वाले कोचिंग संस्थानों पर एक लाख रुपये तक के जुर्माने से लेकर रजिस्ट्रेशन रद्द किए जाने जैसी कार्रवाई तक की जा सकती है. इसके तहत अब कोचिंग इंस्टीट्यूट्स 16 साल से कम उम्र के बच्चों को एडमिशन नहीं दे सकेंगे. इसके अलावा भ्रामक वादे करना और अच्छे नंबरों की गारंटी देने पर भी पाबंदी लगा दी गई है.
ये गाइडलाइंस 12वीं के बाद JEE, NEET, CLAT जैसे एंट्रेंस एग्जाम और सभी प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी कराने वाली कोचिंग सेंटर्स के लिए बनाई गई हैं। स्टूडेंट्स की आत्महत्या के बढ़ते मामलों, क्लासेज में आग की घटनाओं और कोचिंग सेंटर्स में सुविधाओं की कमी को देखते हुए शिक्षा विभाग ने यह गाइडलाइंस जारी की हैं। इन गाइडलाइंस की मदद से देश में कोचिंग संस्थानों के काम करने का लीगल फ्रेमवर्क तय होगा। शिक्षा विभाग अब कोचिंग इंस्टिट्यूट्स के छात्रों के लिए को-करिकुलम एक्टिविटीज, करियर गाइडेंस और साइकोलॉजिकल गाइडेंस देने के लिए कोचिंग्स को रेगुलेट करेगा। सरकार ने दिशानिर्देश लागू होने के 3 महीने के भीतर नए और मौजूदा कोचिंग सेंटर्स के रजिस्ट्रेशन का प्रस्ताव दिया है। इसके अलावा, राज्य सरकार की यह जिम्मेदारी होगी की सभी कोचिंग सेंटर्स जारी गाइडलाइंस का पालन करें।
आइए इन प्वाइंट में समझते हैं पूरी गाइडलाइन-