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रायपुर….
छत्तीसगढ़ सरकार गोबर खरीदी के बाद अब गोमूत्र पर फोकस करने जा रही है। इसको लेकर बाकायदा खुद मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने निर्देश दिए हैं। उन्होंने मुख्य सचिव अमिताभ जैन को राज्य के कृषि वैज्ञानिकों, गोमूत्र का रासायनिक खादों या कीटनाशकों के बदले उपयोग करने वाले किसानों से संपर्क करके इसकी रिपोर्ट तैयार करने को कहा है। माना जा रहा है कि अगर सब कुछ ठीक रहा तो सरकार गोमूत्र भी खरीद सकती है। इससे ऑर्गेनिक कीटनाशक बनाकर किसानों को दिया जाएगा। इस पर फिलहाल विचार जारी है।
सरकार गोमूत्र को कैमिकल वाले कीटनाशकों की जगह इस्तेमाल करने के कॉन्सेप्ट पर काम करना चाह रही है। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने कहा है कि रासायनिक खादों एवं जहरीले कीटनाशकों के निरंतर प्रयोग से मिट्टी की उर्वरा शक्ति निरंतर कम होती जा रही है। खेती में रसायनों के अत्यधिक उपयोग से जनसामान्य के स्वास्थ्य पर भी विपरीत प्रभाव पड़ रहा है। राज्य के गौठानों में निर्मित वर्मी कम्पोस्ट एवं सुपर कम्पोस्ट का उपयोग आरंभ करने के सकारात्मक परिणाम सामने आये हैं और छत्तीसगढ़ ऑर्गेनिक एवं रिजनरेटिव खेती की ओर आगे बढ़ रहा है। इसी तरह कृषि में जहरीले रसायनों के उपयोग के विकल्प के रूप में गोमूत्र के उपयोग की अपार संभावनाएं हैं।
खेतों में मुमकिन है गोमूत्र का इस्तेमाल
कृषि के जानकारों का कहना है कि गोमूत्र में यूरिया, यूरिक एसिड, हिप्पुरिक एसिड और क्रियेटीनिन योगिक पाये जातें है जो कीटनाशक का काम करतें हैं। इसमें नीम की पत्ती मिलाकर कीटनाशक बनाया जाता है जो फसलों के लिए हानिकारक भी नहीं होता है।
jsamachar
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