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छिंदवाड़ा….
जुन्नारदेव के मोहगांव किशन पंचायत के रोजगार सहायक को आज लोकायुक्त की टीम ने 10 हजार की रिश्वत लेते हुए रंगे हाथों दबोच लिया। दरअसल रोजगार सहायक एक हितग्राही से कपिल धारा योजना के तहत कुंआ स्वीकृत कराने के नाम पर 10 हजार रूपए की रिश्वत ले रहा था तभी योजनाबध्द तरीके से लोकायुक्त जबलपुर की टीम ने उसे पैसे लेते हुए धर दबोचा तथा उसके विरूध्द प्रकरण कायम करते हुए मामले की विवेचना शुरू कर दी।
लोकायुक्त टीम के साथ आए निरीक्षण भूपेंंद्र दीवान ने जानकारी देते हुए बताया कि किसान गणेश बेलवंशी ने उनसे फोन पर शिकायत की थी कि ग्राम पंचायत मोहगांव किशन का रोजगार सहायक मुकेश बेलवंशी उससे 10 हजार की रिश्वत कपिल धारा योजना के तहत कुआं स्वीकृत कराने के नाम पर मांग रहा है, जिसके बाद 5 जनवरी को लोकायुक्त की टीम योजनाबध्द तरीके से जुन्नारदेव पहुंची।
जैसे की पहले से तय था, आवेदक गणेश बेलवंशी रिश्वत के 10 हजार रूपए लेकर पंचायत भवन पहुंचा जहां पर रोजगार सहायक ने उसे पैसे लेकर बुलाया था, वहीं जैसे ही
रोजगार सहायक मुकेश बेेलवंशी ने उससे 10 हजार मांगे तो गणेश ने पैसे दे दिया और फिर पंचायत के बाहर खड़ी लोकायुक्त की टीम ने जीआरएस को रंगे हाथों धर दबोचा।
कपिल धारा योजना के निर्माण को लेकर मांगी थी रिश्वत
निरीक्षण कमल सिंह ने जानकारी देते हुए बताया कि रोजगार सहायक मुकेश बेलवंशी के द्वारा किसान गणेश बेलवंशी के खेत में कपिल धारा योजना के तहत कुआं निर्माण कराने के नाम पर रिश्वत मांग रहा था जिसको लेकर किसान परेशान था।
वहीं कुछ रिकार्डिंग भी किसान के पास थी जिसने वह लोकायुक्त को फोन के माध्यम से उपलब्ध कराई और उसके बाद लोकायुक्त की टीम ने उसे पंचायत भवन में ही धर दबोचा। फिलहाल इस कार्रवाई से गांव में हडक़ंप मच गया।
सीईओ, एसडीएम रीडर, उपयंत्री जेई और अब रोजगार सहायक
गौरतलब हो कि जुन्नारदेव भ्रष्टाचार का गढ़ बना हुआ है, गौर किया जाए तो जुन्नारदेव जपं से जुड़ा यह तीसरा मामला है, दरअसल इससे पहले जपं सीईओ साहू, एक उपयंत्री और अब रोजगार सहायक रिश्वत लेते पकड़ाए है।
हालांकि अन्य विभाग की बात करे तो एसडीएम का रीडर, और एमपीईबी का जेई भी जुन्नारदेव में पदस्थापना के दौरान रिश्वत कांड में फंस चुके है जिससे कहा जा सकता है कि किस तरह से यह भ्रष्टाचार का गढ़ बना हुआ है।