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रीवा….
मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा है कि लाड़ली बहना योजना एक सामाजिक क्रांति है। योजना में प्रतिमाह उपलब्ध कराया जा रहा एक हजार रुपए केवल पैसा नहीं, बहन-बेटियों का सम्मान है। बहन-बेटियों का आत्म-विश्वास और आत्म-सम्मान बढ़े, परिवार में उनका महत्व और समाज में उनका मान हो, इस उद्देश्य से ही यह योजना शुरू की गई है। योजना में बहनों को प्रतिमाह दी जा रही एक हजार रुपए की राशि को क्रमश: बढ़ाकर प्रतिमाह 3 हजार रुपए किया जाएगा। बहनों की आँखों में आँसू नहीं खुशियां होंगी, यह उनका अधिकार है। हम बहनों को 3 हजार रुपए प्रतिमाह देंगे। रक्षा बंधन के पर्व पर 27 अगस्त को पूरे प्रदेश की बहनों से संवाद के लिए विशेष कार्यक्रम होगा तथा बहनों को उपहार प्रदान किया जाएगा। मुख्यमंत्री श्री चौहान रीवा में राज्य स्तरीय लाड़ली बहना सम्मेलन को संबोधित कर रहे थे। कार्यक्रम से प्रदेश की सभी ग्राम पंचायतों और नगरीय क्षेत्रों के वार्डों से बहनें वर्चुअली जुड़ीं।
मुख्यमंत्री श्री चौहान को लाड़ली बहना सेना सदस्यों ने भेंट की विशाल राखी
मुख्यमंत्री श्री चौहान ने राज्य स्तरीय सम्मेलन में पधारी लाड़ली बहनों का “बढ़े चलो लाड़ली बहना” गीत के साथ फूलों की वर्षा कर स्वागत किया। उन्होंने महिला सशक्तिकरण पर केंद्रित गीत के साथ कन्या-पूजन कर, लाड़ली बहनों का सम्मान किया। मुख्यमंत्री श्री चौहान ने दीप प्रज्ज्वलित कर सम्मेलन का शुभारंभ किया। मुख्यमंत्री को लाड़ली बहना सेना की सदस्यों ने अपने हाथों से बनाई विशाल राखी भेंट की। मुख्यमंत्री श्री चौहान ने सिंगल क्लिक से प्रदेश की एक करोड़ 25 लाख बहनों के खातों में लाड़ली बहना योजना की तीसरी किस्त के 1,209 करोड़ रूपए अंतरित किए।
मुख्यमंत्री श्री चौहान ने एक लाख 81 हजार जनजातीय बहनों के खातों में पोषण आहार के लिए आहार अनुदान योजना के 18 करोड़ 16 लाख रुपए सिंगल क्लिक से अंतरित किए। लाड़ली बहना योजना में पिछले 2 महीनों में बहनों के खाते में 2 हजार 419 करोड़ रुपए से अधिक की राशि जारी की गई है। इसी प्रकार विशेष पिछड़ी बैगा, भारिया और सहरिया जनजाति की बहनों को अब तक 1,391 करोड़ रुपए से अधिक का आहार अनुदान दिया गया है।
महिला सशक्तिकरण के लिए प्रतिबद्ध है राज्य सरकार
मुख्यमंत्री ने कहा कि भारतीय समाज में प्राचीन काल से ही बहन-बेटियों की पूजा होती रही है। ऐतिहासिक रूप से बीच का कालखण्ड ऐसा आया जिसमें बेटियों के साथ भेदभाव होने लगा, बेटी को जन्म से ही अभिशाप और बेटे को कुल का दीपक और बुढ़ापे का सहारा माना जाने लगा। बेटियों के साथ अन्याय होने लगा और बेटियां कोख में ही मारी जाने लगी। इस पीड़ादायी और वेदना से भरी स्थिति को बदलने के लिए हमारी सरकार प्रतिबद्ध थी। बेटी को बोझ न समझा जाए, वह वरदान बनें इसी उद्देश्य से लाड़ली लक्ष्मी योजना बनाई गई। हमारा संकल्प था कि प्रदेश की धरती पर पैदा होने वाली बेटी लखपति पैदा हो। बहन-बेटियों के सशक्तिकरण के लिए पंचायत और नगरीय निकाय के चुनावों में महिलाओं के लिए 50 प्रतिशत आरक्षण की व्यवस्था की गई, पुलिस और शिक्षकों के पद भी महिलाओं के लिए आरक्षित किए गए। महिलाओं के नाम सम्पत्ति के पंजीयन में भी छूट दी गई।
लाड़ली बहना योजना से आत्मनिर्भर बनेंगी महिलाएं
मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कहा कि महिला सशक्तिकरण के इसी क्रम में मुख्यमंत्री लाड़ली बहना योजना शुरू की गई है। प्रतिमाह बहन बेटियों को राशि उपलब्ध कराने का उद्देश्य यह है कि वे अपनी आवश्यकता और अपनी मर्जी के अनुसार बिना रोक-टोक के पैसा खर्च कर सकें। वे अपनी छोटी-छोटी जरूरतों के लिए किसी पर निर्भर नहीं रहें। गरीब और निम्न मध्यम वर्गीय परिवारों की महिलाओं के लिए यह बड़ी राहत है। योजना आरंभ होने के बाद कई बहनों ने इस पैसे से बच्चों की फीस भरी है, उन्हें कपड़े, किताब और अन्य जरूरत का सामान स्वयं खरीद कर दिया है। कई बहनें चाय की दुकान, सिलाई-कढ़ाई जैसे अपने काम आरंभ करने की दिशा में भी पहल कर रही हैं।