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इंदौर….
बिजली नियामक आयोग ने आम बिजली उपभोक्ताओं को बड़ी राहत दी है। वित्तीय वर्ष 2024-25 के लिए जारी किए गए टैरिफ में किसी प्रकार की वृद्धि नहीं की है। इसका मतलब यह है कि बिजली की सरकारी योजना वाले बिल यथावत ही रहेंगे। 150 यूनिट खपत तक 300 रुपए बिल की योजना जारी रहेगी।
पिछले चार सालों से यह स्कीम चली आ रही है। इंदौर में तकरीबन आठ लाख बिजली कनेक्शन हैं। इनमें से दो लाख के करीब उपभोक्ता सिंगल फेस कनेक्शन वाले हैं। इन्हें सबसे ज्यादा फायदा हुआ है। वहीं 50 हजार के करीब एेसे भी उपभोक्ता हैं जिनके यहां थ्री फेज कनेक्शन हैं, लेकिन कम खपत के चलते उनके यहां भी 300 रुपए तक का ही बिल आ रहा है।
प्रदेश की तीनों बिजली वितरण कंपनी (मध्य, पूर्व व पश्चिम क्षेत्र) की ओर से पावर मैनेजमेंट कंपनी ने नियामक आयोग के समक्ष विगत दिसंबर में याचिका दायर की थी। याचिका में प्रदेश में वाणिज्यिक और इंडस्ट्री श्रेणी के उपभोक्ताओं पर 15 प्रतिशत भार बढ़ाने का प्रस्ताव दिया है।
सभी श्रेणी को मिलाकर कंपनी ने वर्ष 2024-25 के लिए औसतन 3.86 प्रतिशत बढ़ोतरी का प्रस्ताव दिया था। नियामक आयोग द्वारा याचिका पर दावे-आपत्ति आमंत्रित की गई थी। इस दफा आपत्ति, सुझाव देने वालों को वर्चुअली सुना गया था। सुनवाई के बाद फैसला सुरक्षित रख लिया गया था। आयोग के द्वारा पावर मैनेजमेंट कंपनी की वृद्धि की मांग को ठुकरा दिया गया।
- 08 लाख के आसपास बिजली कनेक्शन हैं इंदौर में
- 02 लाख उपभोक्ता सिंगल फेस कनेक्शन वाले हैं
- 50 हजार उपभोक्ता थ्री फेस कनेक्शन वाले हैं
कितने यूनिट पर कितना बिल आएगा, एक बार फिर से जान लीजिए
1 अप्रैल से दरें लागू, न्यूनतम प्रभार भी खत्म
बगैर बिजली का उपयोग किए भी उपभोक्ताओं से न्यूनतम प्रभार के रूप में पैसा वसूला जाता था। नियामक आयोग ने इस व्यवस्था को भी खत्म कर दिया है। आगामी 1 अप्रैल से नई व्यवस्था लागू भी हो जाएगी। उपभोक्ता संघ, इंडस्ट्री के द्वारा बरसों से न्यूनतम प्रभार खत्म करने की मांग की जाती रही है।
ये पहला मौका है जब न्यूनतम प्रभार पहली बार खत्म किया गया है। यानी आपने बिजली नहीं जलाई तो बिल भी नहीं आएगा। उधर टैरिफ में जो 0.07 फीसदी का इजाफा किया गया है वह भी सिर्फ स्ट्रीट लाइट वाली बिजली के लिए किया गया है। यानी आम घरेलू उपभोक्ताओं पर बिजली की दरों में बढ़ोतरी का कोई असर नहीं होगा। घरेलू बिजली के अलावा गैर घरेलू औद्योगिक और कृषि की बिजली घरों में भी कोई बढ़ोतरी नहीं की गई है।
ई-व्हीकल चार्जिंग स्टेशन की बिजली महंगी
विद्युत नियामक आयोग द्वारा जारी की गई नई दरों में ई-व्हीकल चार्जिंग स्टेशन के लिए बिजली महंगी कर दी गई है। अभी इनकी दरें 6.79 रुपए प्रति यूनिट थीं, जिसे बढ़ाकर 7 रुपए 15 प्रति यूनिट तक कर दिया गया है। हालांकि, ऐसे चार्जिंग स्टेशन जिनका लोड 112 किलोवॉट से ज्यादा है, उन्हें फायदा दिया गया है. ऐसे चार्जिंग स्टेशन को अब 6.96 प्रति यूनिट के स्थान पर 6.90 प्रति यूनिट के हिसाब से बिजली बिल देना होगा।
गौरतलब है की बिजली कंपनियों द्वारा अपनी याचिका में 2046 करोड़ का घाटा दिखाते हुए बिजली की दरों में 3.86 प्रतिशत की बढ़ोतरी किए जाने का प्रस्ताव रखा था। 150 करोड़ रुपए तक न्यूनतम प्रभार के रूप में पैसा कंपनी को मिलता था जो अप्रैल के बिल से मिलना खत्म हो जाएगा। घर से बाहर चले जाने, उपयोग नहीं होने पर शून्य का बिल जारी होगा।
इधर, 1200 करोड़ वसूलने बिजली कंपनी ने लगाए 8 हजार कर्मी
पश्चिम क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी ने वित्तीय वर्ष 2023-24 के अंतिम माह मार्च में 1200 करोड़ से अधिक का राजस्व जुटाने के लिए लगभग 8 हजार कर्मचारी लगाए हैं। प्रबंध निदेशक अमित तोमर ने बताया कि वित्तीय वर्ष में मार्च सबसे महत्वपूर्ण माह होता है इसलिए वार्षिक लक्ष्य की पूर्ति के लिए मार्च में सघनतम प्रयास किए जा रहे हैं। इंदौर राजस्व संभाग के जिलों में लगभग 5 हजार और उज्जैन राजस्व संभाग के जिलों में लगभग 3 हजार कर्मचारी राजस्व एकत्रण कर रहे हैं।
इन कार्मिकों में लगभग 700 इंजीनियरों के अलावा लाइनमैन, कार्यालय सहायक, वित्त शाखा के अधिकारी, वाणिज्य शाखा के अधिकारी, उपभोक्ता सेवा से जुड़े कर्मचारी, आउटसोर्स कर्मचारी आदि शामिल हैं। बिजली कंपनी ऐसे 5 लाख उपभोक्ताओं के यहाँ कर्मचारियों के माध्यम से पहुँच रही है जो नियमित रूप से बिल राशि नहीं जमा करते हैं। बिजली कर्मचारी घर-घर जाकर डोर-टू-डोर एप के माध्यम से राशि प्राप्त कर हाथों-हाथ ई-रसीद दे रहे हैं।