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इंदौर….
यह कहानी है इंदौर के उस इंजीनियर की जो गर्लफ्रेंड के धोखे के बाद डिप्रेशन में चला गया। नशा किया और जब पैसे खत्म हो गए तो ड्रग तस्कर बन गया। उसने एक तांत्रिक और राजस्थान के सप्लायर से दोस्ती की। उसने ऐसा रास्ता अपनाया कि एक ग्राम ब्राउन शुगर को चुटकियों में मिलावट से 20 ग्राम कर देता था।
जानिए ये कैसे पकड़ाए, कौन कौन मिले थे और कैसे 1 का 20 ग्राम करते थे, पूरी कहानी
संयोगितागंज पुलिस ने प्रतापगढ़ (राजस्थान) के जिस तस्कर को पकड़ा है उसने कई चौंकाने वाले खुलासे किए हैं। ड्रग पैडलर्स की उसकी गैंग में इंजीनियर, तांत्रिक भी शामिल हैं। उसने 10 से ज्यादा ऐसे पैडलर्स के नाम बताए हैं जो आसपास के शहरों में ड्रग सप्लाय करते हैं। पुलिस के मुताबिक यह गैंग नशे की टैबलेट से 1 ग्राम ब्राउन शुगर को 20 ग्राम के बराबर बना देती थे। इस गैंग को पकड़ने के लिए पुलिस को दो बार मेहनत के बाद बड़ी सफलता मिल पाई है।
तांत्रिक से खुला राज, उसने पकड़ाते ही खोली कड़ियां
टीआई तहजीब काजी की टीम ने सबसे पहले आसिफ मामा नाम के तांत्रिक को पकड़ा। वह आजाद नगर में सेंट्रल जेल के पास रहता है। इलाके में इसे बाबा नाम से जाना जाता है। आसिफ झाड़ फूंक करने के बहाने लोगों को नशे का आदी बनाता है। उसके यहां नशा करने वाले कम उम्र के लड़के भी बैठते थे।
यह सूचना मिलते पुलिस ने सबसे पहले आसिफ को पकड़ा। उसने पूछताछ में शशांक और सुनील का नाम बताया। कहा वे ही माल सप्लाय करते हैं। आसिफ की सूचना पर पुलिस ने शंशाक को उठाया। शशांक ने बताया वह पेशे से इंजीनियर है। उसके इस काम में उसका दोस्त सुनील भी साथ है। दोनों ने मिलकर कई ठिकाने बनाए थे, जहां वे ड्रग्स सप्लाय करते थे।
ये है वो ढोंगी तांत्रिक
अब पकड़ाया इंजीनियर
तस्करी करते पुलिस ने शशांक उर्फ निक्की को पकड़ा था। शशांक पेशे से इंजीनियर है। शशांक अपने दोस्त सुनील पुत्र घासीराम कलम के साथ मिलकर भंवरकुआ, विजयनगर, मूसाखेड़ी और लसूड़िया इलाके में ड्रग्स सप्लाय करता था। शंशाक ने बताया कि वह 1 ग्राम ब्राउन शुगर में दो तरह के पावडर (दुरुपयोग की आशंका होने से मिलाए जा रहे तत्वों के नाम नहीं छाप रहे) मिला देते थे। वे इसका वजन एक ग्राम से बढ़ाकर 20 ग्राम तक कर लेते थे। इसकी 20 पुड़िया बनाकर 1 से 2 हजार रुपए में सप्लाय करते थे।।
गर्लफ्रेंड के छोड़ने पर दोस्त भूरा ने बनाया था ड्रग्स एडिक्ट
टीआई काजी के मुताबिक शंशाक ने इंजीनियर की पढ़ाई की है। कुछ साल पहले उसकी गलफ्रेंड ने उसे धोखा दिया था। इसके बाद से वह डिप्रेशन में चला गया था। तब उसके दोस्त भूरा ने उसे ड्रग्स की आदत डाली। भूरा ने ही शशांक की मुलाकात सुनील कदम से कराई थी। इसके बाद शशांक इंजीनियरिंग छोड़ तस्कर बन गया।
उज्जैन के बाद सीधे लेने लगे डिलिवरी
शशांक और सुनील पहले उज्जैन के एक तस्कर से माल खरीदते थे। उन्होंने ये पता लगा लिया कि उज्जैन वाले तस्कर को प्रतापगढ़ का अफजल ड्रग्स सप्लाय करता था। शंशाक ने अफजल की लिंक पता कर ली। शशांक ने जब अफजल से संपर्क किया तो उसने खुद डील न करते हुए अपने भाई का नंबर दे दिया। एक बार डील पक्की होने के बाद शशांक और सुनील बाइक से ही प्रतापगढ़ जाकर ड्रग्स लाते थे।
JSamachar.com
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