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प्रवर्तन निदेशालय की कार्रवाई का सामना कर रहीं झारखंड की वरिष्ठ आईएएस पूजा सिंघल CM से लेकर व्यवसायी और मीडिया मैनेजमेंट तक की चैंपियन हैं। पूजा सिंघल वर्ष 2000 बैच की झारखंड कैडर की भारतीय प्रशासनिक सेवा की अधिकारी हैं। अब तक वह कई महत्वपूर्ण पदों पर रही हैं। झारखंड में सत्ता चाहें किसी भी दल की रही हो, पूजा सिंघल अधिकांश समय सत्ता के बेहद नजदीक रही हैं। मौजूद सरकार में वह एक साथ 3 अलग-अलग पदों पर अपनी सेवाएं दे रही हैं।
वो खनन और उद्योग विभाग की सचिव रहने के साथ-साथ झारखंड राज्य खनिज विकास निगम लिमिटेड (जेएसएमडीसी) की चेयरमैन हैं। एक ही अधिकारी के तीन पदों पर नियुक्ति को भूमि सुधार मंच नाम की संस्थान ने झारखंड हाईकोर्ट में चुनौती दी है।
पहले से ही विवादों में रही हैं पूजा सिंघल
पूजा सिंघल पहले से ही विवादों में रहीं हैं। प्रदेश में रघुवर दास की सरकार के समय “उड़ने वाले हाथी” की खोज में इनकी खास भूमिका बताई जाती है। पूर्व की सरकार ने इसे राज्य के विकास के प्रतीक के रूप में खूब प्रचारित-प्रसारित किया था। बताया जाता है कि पूर्व मुख्यमंत्री रघुवर दास अमूमन हर सप्ताह सूचना भवन में जनसंवाद का आयोजन करते थे। उस दरम्यान फरियादी सीधे आकर उनसे गुहार लगाता था। एक दिन एक फरियादी आया था धनबाद से। उसने बताया कि धनबाद मार्केटिंग बोर्ड में दुकान है उसकी। अधिकारी पैसे मांगता है।
बताता है कि ऊपर तक जाता है पैसा। कोई मैडम हैं रांची में पूजा सिंघल उनको भी पैसा पहुंचाना पड़ता है। यह संयोग था कि पूजा सिंघल उस फरियादी के एकदम बगल में उस वक्त बैठी थीं। सिंघल उस समय कृषि विभाग की सचिव थी। जब उस बुर्जुग ने अपनी बातें रखी तो पूरा कक्ष ठहाके से गूंज उठा। थोड़ी देर के लिए रघुवर भी शांत हो गए। पूजा सिंघल फर्श पर इस कदर देख रही थी, मानों धरती फट जाए और वह उसमें समा जाए।
सरकार बदली लेकिन रूतबा बरकरार
झारखंड में रघुवर दास की सरकार बदल गई। हेमंत सोरेन नए मुख्यमंत्री बन गए लेकिन सत्ता का समीकरण साधने में महारत रखने वाली पूजा सिंघल अपनी पदस्थापना के जरिए पहले से और अधिक प्रभावशाली हो गईं। पूजा सिंघल ने पहले आइएएस अधिकारी राहुल पुरवार से शादी की थी। पारिवारिक विवाद में तलाक के बाद पूजा सिंघल ने अभिषेक से शादी की। अभिषेक रांची में पल्स अस्पताल का संचालन करते हैं।
मैडम से मदद लेकर कई पत्रकार बने व्यवसायी
सूत्र दावा करते हैं कि पूजा सिंघल के करीबी लोगों में झारखंड के कई पत्रकार भी शामिल हैं। यह लोग अलग-अलग संस्थानों में बड़े पदों पर बैठकर मैडम के लिए मीडिया मैनेजमेंट का काम करते हैं। मैडम के खिलाफ किसी भी तरह के आरोप-प्रत्यारोप आने पर यह लॉबी सक्रिय हो जाती है। मैडम की कृपा से यह लोग पत्रकारिता की आड़ में अपने अलग-अलग व्यवसाय का संचालन करते हैं। इसके लिए बकायदा अभियान तक तैयार किया जाता है।
पूजा के खिलाफ आरोपों की फेहरिस्त
ईडी ने मनरेगा घोटाले के एक मामले में झारखंड उच्च न्यायालय के आदेश पर पूरे मामले की जानकारी से संबंधित शपथ पत्र दायर की थी। ईडी ने शपथ पत्र के माध्यम से कोर्ट को बताया था कि झारखंड के खूंटी जिले में मनरेगा में 18.06 करोड़ रुपये के घोटाले के वक्त वहां की उपायुक्त पूजा सिंघल थी। इस मामले में वहां के कनीय अभियंता राम विनोद प्रसाद सिन्हा गिरफ्तार कर जेल भेजे गए थे, जिन्होंने ईडी को दिए अपने बयान में यह स्वीकार किया था कि कमीशन की राशि उपायुक्त कार्यालय तक पहुंचती थी।
ईडी ने चतरा और पलामू के भी दोनों मामलों की चल रही जांच की जानकारी अपने शपथ पत्र के माध्यम से हाई कोर्ट को दी थी। शपथ पत्र में बताया था कि पूजा सिंघल चतरा जिले में अगस्त 2007 से जून 2008 तक उपायुक्त के पद पर तैनात थीं। आरोप है कि उन्होंने दो एनजीओ को मनरेगा के तहत छह करोड़ रुपये का अग्रिम भुगतान किया था। इन दोनों एनजीओ में वेलफेयर पाइंट और प्रेरणा निकेतन शामिल है। उक्त राशि मूसली की खेती के लिए आवंटित की गई थी।
जबकि इस तरह का कोई कार्य वहां नहीं हुआ था, जिसकी जांच अभी जारी है। इसके अलावा पलामू जिला में उपायुक्त रहते हुए पूजा सिंघल पर यह आरोप है कि उन्होंने करीब 83 एकड़ जंगल भूमि को निजी कंपनी को खनन के लिए ट्रांसफर किया था। यह कठौतिया कोल माइंस से जुड़ा मामला है। ईडी ने कोर्ट को बताया था कि इस मामले की भी जांच जारी है।
jsamachar
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