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कोचिंग संस्थाओ को कानून के दायरे मे लाने वाली जनहित याचिका पर सुनवाई….
इंदौर….
MP सहित देशभर में कोचिंग संस्थाओ का मकडजाल तंत्र फैला हुआ है. इन कोचिंग संस्थाओ द्वारा बच्चो से लाखो रुपये कुछ महीनो व साल के वसूल किये जाते है. इन बच्चों को संस्थाओं मे परीक्षाओं की तैयारी के नाम पर एक मशीन मे परिवर्तित कर दिया गया है. इन कोचिंग संस्थाओ के स्वयं के नियम कायदे है और ये स्वयं को शासन-प्रशासन से ऊपर समझते है. इनको नियंत्रित करने के लिये न तो कोई नियम है और न कानून…. इन कोचिंग संस्थाओ को कानून के दायरे मे लाने के लिये इंदौर उच्च न्यायालय के *अधिवक्ता अमन मालवीय* ने अपने *एडवोकेट प्रवर बार्चे* के माध्यम से उच्च न्यायालय खंडपीठ मे जनहित याचिका दायर की है, जिसे सुनवाई हेतु स्वीकार कर माननीय जस्टिस सुश्रुत अरविन्द धर्माधिकारी एवं जस्टिस प्रणय वर्मा की डिवीज़न बेंच ने सरकार को नोटिस जारी कर जबाब माँगा है.
*एडवोकेट अभिषेक तुगनावत* ने बताया कि यह एक ज्वलंत मुद्दा है, जिसकी गंभीरता को देखते हुये माननीय उच्च न्यायालय ने WP क्रमांक 24516/2023 मे नोटिस जारी किया है. हम आगामी सुनवाई मे आम विद्यार्थीओ और उनके माता-पिता की व्यथा को अवैध चल रहे कोचिंग संस्थाओ के विरुद्ध तथ्यात्मक रूप से न्यायालय के सामने प्रस्तुत करेंगे और उनके हक और अधिकारो की हर सम्भव लड़ाई लड़ेंगे.