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इंदौर….
हर्षिकासिंह के इंदौर से तबादले की हवा तभी शुरू हो गई थी जब भोपाल में हुए स्वच्छता पुरस्कार वितरण समारोह के बीच उन्होंने एक पोस्ट कर दी थी। हालांकि, बाद में उन्होंने इसे डिलीट भी कर दिया। कभी बीजेपी नेताओं से पूछे बगैर समिति बना देना तो कभी बीजेपी के पार्षद पति को भरी बैठक से निकालना, उनके तेवर बताने के लिए काफी है। उनके एक फैसले को महापौर पुष्यमित्र भार्गव को तत्काल पलटना पड़ा था।
शुरुआत सोशल मीडिया पर की गई पोस्ट के किस्से से…
स्वच्छता में नंबर 1 आने पर भोपाल में 5 मार्च को पुरस्कार वितरण आयोजित किया गया। महापौर के साथ निगम आयुक्त हर्षिकासिंह भी इसे लेने के लिए भोपाल पहुंची हुई थीं।
इसी बीच हर्षिकासिंह ने X पर अपने हैंडल पर अचानक एक पोस्ट आया। इसमें लिखा था कि ‘आज के समय में विनम्र और सीधा होना मूर्खता है।’ उनके इस पोस्ट को नेताओं से मनमुटाव और कथित नाराजगी से जोड़कर देखा जाने लगा।
दैनिक भास्कर ने जब इस पोस्ट के पीछे का कारण पूछा तो हर्षिकासिंह कहा था कि ‘वे एक किताब पढ़ रही हैं इसी से उन्हें यह सीख मिली है। लाइनें अच्छी लगीं इसलिए पोस्ट कर दी थीं। उनकी निजी जिंदगी है। हर चीज को कहीं से जोड़ कर नहीं देखा जाना चाहिए।’ हालांकि, बाद में उन्होंने यह पोस्ट हटा दी थी।
दूसरी तरफ कहा जा रहा था कि हर्षिका सिंह को भोपाल टूर के दौरान ही ट्रांसफर के संकेत मिल गए थे। सूत्र बताते हैं कि महापौर भार्गव से भी कुछ मसलों पर मनमुटाव हो रहे थे। हर्षिकासिंह ने 5 अप्रैल 2023 को इंदौर निगमायुक्त का पदभार संभाला था। आज उनके ट्रांसफर आदेश आ गए ।
इन 3 अलग-अलग घटनाक्रम से समझें पूरी कहानी….
1. महापौर के ‘ओएसडी’ पर कमिश्नर की कार के आगे कटा नींबू फेंकने का आरोप
पिछले साल अक्टूबर महीने में निगम कमिश्नर हर्षिका सिंह की कार की आगे कथित तौर पर कटा नींबू फेंकने की घटना से बवाल मच गया था। घटना CCTV में कैद हो गई।
सिटी मिशन प्रबंधक के पद पर कार्यरत निखिल कुल्मी पर आरोप लगा था कि उन्होंने गीता भवन क्षेत्र में सरकारी कार्यालय के परिसर में निगम आयुक्त हर्षिका सिंह की कार के आगे कटा नींबू फेंका। हंगामे के बाद कुल्मी का तबादला कर दिया था। मामले की शिकायत संयोगितागंज थाना पुलिस को भी की गई थी। कुल्मी विधानसभा चुनाव की आदर्श आचार संहिता लागू होने से पहले तक महापौर पुष्यमित्र भार्गव के ‘ओएसडी’ के रूप में काम कर रहे थे।
2. निगम कमिश्नर का फैसला पलटा, महापौर ने कमेटी भंग की
एक महीने पहले हरदा पटाखा फैक्ट्री ब्लास्ट की घटना के बाद सराफा व्यापारियों ने रात में लगने वाली चौपाटी को शिफ्ट करने की मांग की थी। इस पर नगर निगम कमिश्नर हर्षिका सिंह ने एक कमेटी बना दी, जिसमें एमआईसी सदस्य राजेंद्र राठौर, राकेश जैन, पार्षद मीता रामबाबू राठौर के अलावा अपर कमिश्नर सिद्धार्थ जैन, बिल्डिंग ऑफिसर अनूप गोयल, असिस्टेंट इंजीनियर वैभव देवलासे और फायर ऑफिसर विनोद मिश्रा को शामिल किया था। लेकिन महापौर पुष्यमित्र भार्गव ने 5 दिन में ही कमेटी भंग कर दी, क्योंकि इसे लेकर भाजपा नेताओं ने विरोध जताया था। नेताओं के दबाव में मेयर ने नई कमेटी भी बना दी। जिसमें सिर्फ नेताओं को ही शामिल किया गया। निगम के अधिकारी हटा दिए गए।
3. जॉइन होने के डेढ़ माह बाद ही दिखाए तेवर, BJP पार्षद के पति को मीटिंग से निकाला
करीब 9 महीने पहले इंदौर नगर निगम कार्यालय की एक बैठक का वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हुआ था। वीडियो में नगर निगम आयुक्त हर्षिका सिंह सख्त तेवर में दिखाई दीं और उन्होंने महिला भाजपा पार्षद की जगह मीटिंग में बैठे उनके पति को बाहर का रास्ता दिखा दिया था। विधानसभा-2 के विधायक और पार्षदों को अपनी बात रखने और उनके क्षेत्रों में हो रहे कामों पर चर्चा के लिए बुलवाया गया था। बैठक में वार्ड-30 की मनीषा की जगह उनके पति दुलीचन्द गगोरे पहुंच गए थे। इसी तरह वार्ड-18 की पार्षद सोनाली परमार की जगह उनके पति विजय परमार पहुंचे। दोनों ही पार्षद पति ने बाहर जाने के बाद विधायक रमेश मेंदोला के सामने अपनी बात रखी थी।
अब नए नगर निगम कमिश्नर को जान लीजिए….
इंदौर नगर निगम का नया निगमायुक्त शिवम वर्मा को बनाया गया है। इस संबंध में सचिवालय से आदेश भी जारी हो गए हैं। अब तक इंदौर नगर निगम में आयुक्त रहीं हर्षिका सिंह को मध्यप्रदेश कौशल विकास का संचालक बनाया गया है। दोनों अधिकारी जल्द चार्ज संभालेंगे। अप्रैल 2023 में प्रतिभा पाल की जगह हर्षिका सिंह नगर निगम कमिश्नर बनकर इंदौर आई थी।
वर्तमान में शिवम वर्मा नगरीय प्रशासन एवं विकास विभाग मध्यप्रदेश भोपाल में अपर आयुक्त थे। अब उन्हें नगर पालिक निगम इंदौर का आयुक्त तथा मध्यप्रदेश मेट्रो रेल कंपनी लिमिटेड इंदौर का अपर प्रबंध संचालक (अतिरिक्त प्रभार) सौंपा गया है। शिवम वर्मा (2013) बैच के आईएएस ऑफिसर हैं। वह श्योपुर में भी कलेक्टर रह चुके हैं।