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इंदौर/खंडवा….
इंदौर स्थित उच्च शिक्षा विभाग के संभागीय कार्यालय पर अटैच खंडवा के गर्ल्स कॉलेज के असिस्टेंट प्रोफेसर डॉ. राकेश परमार को उच्च शिक्षा विभाग ने सस्पेंड कर दिया है। बीते दो माह से उन पर विभागीय जांच चल रही थी। इस दौरान वे इंदौर स्थित उच्च शिक्षा विभाग के संभागीय कार्यालय पर अटैच थे। जांच में बताते हैं कि डॉ. परमार अपने मतलब के लिए छात्राओं को भड़काते थे। महिला प्रोफेसरों से भी वे असंसदीय भाषा में बात करते थे। सोशल मीडिया में भ्रामक जानकारी देकर कॉलेज की छवि धूमिल कर रहे थे। कॉलेज प्रबंधन ने कार्रवाई की मांग की थी।
उच्च शिक्षा विभाग के अवर सचिव ने वीरन सिंह भलावी द्वारा सोमवार को इंदौर के एडी ऑफिस में अटैच असिस्टेंट प्रोफेसर डॉ. राकेश परमार का निलंबन पत्र जारी किया है। डॉ. परमार पर आरोप है कि, वे छात्राओं को भड़काने व उकसाने का काम करते थे। कॉलेज में महिला प्रोफेसरों के विरुद्ध असंसदीय भाषा का प्रयोग करते थे। सोशल मीडिया व समाचार पत्रों को भ्रामक जानकारी देकर कॉलेज की छवि खराब करते थे। इन आरोपों को उच्च शिक्षा विभाग ने सही पाया और उसके बाद तत्काल प्रभाव से उन्हें सस्पेंड करते हुए अलीराजपुर के शासकीय पीजी महाविद्यालय में अटैच किया गया है। कॉलेज प्रबंधन ने उच्च शिक्षा विभाग को 3 दिसंबर 2022 और 4 जनवरी 2023 को पत्र के माध्यम से डॉ. परमार के खिलाफ शिकायत की थी।
विभागीय जांच पत्रों में आरोपों को माना सही
अवर सचिव ने जारी किए आदेश में स्पष्ट किया है डॉ. परमार के खिलाफ मिली शिकायतों की जांच में उन्हें सही पाया गया। आदेश में जिक्र किया है कि डॉ. परमार का यह कृत्य मध्यप्रदेश सिविल सेवा (आचरण) नियम, 1965 के नियम 3 के विपरीत है। इसीलिए राज्य शासन द्वारा डॉ. राकेश परमार को मप्र सिविल सेवा (वर्गीकरण, नियंत्रण व अपील) नियम 1966 के नियम 9 के उपनियम 1 व 2 के अंतर्गत तत्काल प्रभाव से निलंबित करते हुए इनका मुख्यालय शासकीय पीजी महाविद्यालय अलीराजपुर नियत करता है। निलंबन अवधि में डॉ. परमार को नियमानुसार जीवन निर्वाह भत्ते की पात्रता रहेगी।
प्रोफेसर बोले- ये तो होना ही था, देर हो गई
इंदौर के एडी ऑफिस में अटैच होने के बाद निलंबित हुए प्रोफेसर डॉ. राकेश परमार का कहना है कि, यह सब गलत हो रहा है। अपने को बचाने के लिए भ्रष्टाचारी और अनैतिक आचरण में लिप्त व्यक्ति जो भी कर सकता है वह तो करेगा ही। इन बातों से मैं डरने वाला भी नहीं। यह तो होना ही था बस थोड़ी देर हो गई।