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इंदौर के ब्रिलियंट कन्वेंशन सेंटर के ग्रैंड हॉल में प्रधानमंत्री मोदी जब मंच पर पहुंचे, तो हॉल मोदी-मोदी के नारों से गूंज उठा….
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प्रधानमंत्री ने कहा, अपनों से आमने-सामने की मुलाकात, बात का अलग आनंद और महत्व होता है….
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उन्होंने NRI को कहा कि MP में मां नर्मदा का जल, जंगल, आदिवासी परंपरा और यहां बहुत कुछ है, जो आपकी यात्रा को अविस्मरणीय बनाएगा….
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उज्जैन में भी भव्य महाकाल लोक का विस्तार हुआ है। आप सभी वहां जाएं और महाकाल का आशीर्वाद लें….
इंदौर….
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि आज दुनिया भारत की सुनती है। भारत में स्किल कैपिटल बनने का सामर्थ्य है, यह दुनिया के विकास का इंजन बन सकता है। आज भारत के पास सक्षम युवाओं की एक बड़ी तादाद है। हमारे युवाओं के पास स्किल भी है, वेल्यूज भी हैं। काम करने के लिए जरूरी जज्बा और ईमानदारी भी है। PM मोदी आज इंदौर में 17वें प्रवासी भारतीय सम्मेलन में दूसरे दिन शामिल हुए, उसी अवसर पर उन्होंने यह बात कही। PM ने कहा कि इंदौर दुनिया में लाजवाब है। लोग कहते हैं कि इंदौर एक शहर है, लेकिन मैं कहता हूं कि इंदौर एक दौर है, जो समय से आगे चलता है। इस साल भारत दुनिया के जी-20 समूह की अध्यक्षता भी कर रहा है। भारत इस जिम्मेदारी को एक बड़े अवसर के रूप में देख रहा है। हमारे लिए यह दुनिया को भारत के बारे में बताने का अवसर है। हमें जी-20 केवल एक डिप्लोमैटिक इवेंट नहीं, बल्कि जन भागीदारी का आयोजन बनाना है।
PM ने इंदौर के लिए कहा…
इंदौर एक शहर नहीं, एक दौर है
इंदौर की तारीफ करते हुए PM ने कहा कि इंदौर अद्भुत है। लोग कहते हैं कि इंदौर एक शहर है, लेकिन मैं कहता हूं कि इंदौर एक दौर है, जो समय से आगे चलता है, फिर भी विरासत को समेटे रहता है। इंदौर पूरी दुनिया में लाजवाब है। इंदौरी नमकीन का स्वाद, साबूदाने की खिचड़ी, कचौरी, समोसे, शिकंजी …जिसने भी इसे देखा उसके मुंह का पानी नहीं रुका। जिसने इन्हें चखा, उसने कहीं और मुड़कर नहीं देखा। 56 दुकान तो प्रसिद्ध है ही, सराफा भी महत्वपूर्ण है। यही वजह है कि लोग इंदौर को स्वच्छता के साथ स्वाद की राजधानी भी कहते हैं। यहां के अनुभव आप खुद भी नहीं भूलेंगे और दूसरों को भी दूसरे देश जाकर बताना नहीं भूलेंगे।
प्रवासी भारतीयों के बारे में बोले…
NRI विदेशी धरती पर भारत के राष्ट्रदूत
दुनिया के अलग-अलग देशों में भारत के लोगों की एक कॉमन तस्वीर दिखती है, तो वसुधैव कुटुम्बकम की भावना उसके साक्षात दर्शन कराती है। दूसरे देशों में भारत के अलग-अलग क्षेत्रों के लोग मिलते हैं, तो एक-भारत, श्रेष्ठ भारत का अहसास होता है। दुनिया में जब सबसे अनुशासित और शांतिप्रिय लोगों की चर्चा होती है, तो मदर ऑफ डेमोक्रेसी का गौरव बढ़ जाता है। जब हमारा विश्व आकलन करता है, तो सशक्त और समर्थ भारत की आवाज सुनाई देती है। इसीलिए मैं सभी प्रवासी भारतीयों को विदेशी धरती पर भारत का राष्ट्रदूत यानी ब्रैंड एम्बेस्डर कहता हूं।
देश की ताकत पर PM ने कहा…
हमारी ताकत दुनिया देख रही है
पिछले कुछ साल में भारत ने विकास की जो गति और उपलब्धि हासिल की है, वो अविश्वमरणीय है। जब कैशलेस ट्रांजेक्शन की बात होती है, तो दुनिया के 40% ट्रांजेक्शन भारत में होते हैं। भारत 1 मिनट में 100-100 सैटेलाइट लॉन्च करने का रिकॉर्ड बना रहा है। हमारी ताकत दुनिया देख रही है। आपमें से बहुत से लोग भी इसका जरिया हैं। भारत का ये दमखम भारत से जुड़े हर व्यक्ति का सीना चौड़ा कर देता है। वैश्विक मंच पर आज भारत की बात एक अलग ही महत्व रखती है। भारत की ताकत आने वाले दिनों और ज्यादा बढ़ने वाली है। भारत को लेकर क्यूरेसिटी भी बढ़ेगी। ऐसे में भारत से बाहर रहने वाले भारतीयों की जिम्मेदारी और बढ़ जाती है।
इस साल भारत दुनिया के जी 20 सम्मेलन की अध्यक्षता भी कर रहा है। भारत इस जिम्मेदारी को अवसर के रूप में देख रहा है। हमारे लिए ये दुनिया को भारत के बारे में बताने का अवसर है। ये दुनिया के लिए भारत के अनुभवों से सीखने का, पुराने अनुभवों से सस्टेनेबल फ्यूचर की दिशा तय करने का अवसर है। हमें जी-20 केवल डिप्लोमेटिक आयोजन नहीं, बल्कि जनभागीदारी का आयोजन बनाना है। इसलिए भारत के देश अतिथि देवो भव: की जनभावना का दर्शन करेंगे। आप उनको भारत के बारे में बता सकते हैं। इससे उनको भारत आने से पहले ही इसका अनुभव होगा। इसमें 200 डेलिगेशन आने वाले हैं। उनके वापस जाने के बाद भारतीय प्रवासी उनको बुलाएं, भारत में गए थे तो कैसा रहा। यहां के अनुभव पूछें। इससे उनके बंधन को और मजबूत करने का अवसर मिल जाएगा। भारत के पास स्किल कैपिटल बनने का सामर्थ्य भी है। हमारे युवाओं के पास स्किल भी है, वैल्यूज भी है और काम करने के लिए जरूरी जज्बा और ईमानदारी भी है। भारत की ये कैपिटल दुनिया के विकास का इंजन बन सकती है।
कोरोना महामारी के बीच कुछ महीनों में ही भारत अपनी वैक्सीन बनाता है। 220 करोड़ डोज फ्री लगाने का रिकॉर्ड बनाता है। वैश्विक अस्थिरता के बीच भी भारत उभरता हुआ इकोनॉमी बनता है। भारत टॉप फाइव इकोनॉमी में शामिल होता है, जब भारत दुनिया का तीसरा सबसे बड़ा स्टार्टअप ईको सिस्टम बनता है, जब मोबाइल मैन्युफैक्चरिंग जैसे क्षेत्र में, जब इलेक्ट्रॉनिक मैन्युफैक्चरिंग के क्षेत्र में मेक इन इंडिया का डंका बजता है, जब भारत अपने दम पर तेजस फाइटर प्लेन, आइएनएस विक्रांत और अरिहंत जैसी न्यूक्लियर सबमरीन तो दुनिया में क्यूरेसिटी होती है कि भारत क्या कर रहा है। कैसे कर रहा है?
विदेशों में जन्मे युवाओं पर कहा…
विदेशों में पले-बढ़े युवा देश के बारे में जानना चाहते हैं
भारत में उपस्थित युवाओं के साथ ही भारत के पास वो प्रवासी युवा भी हैं, जो भारत से जुड़े हैं। नेक्स्ट जनरेशन युवा, जो विदेश में जन्मे हैं, वहीं पले-बढ़े हैं, वे अपने माता-पिता के देश के बारे में जानना चाहते हैं। ये हमारी जिम्मेदारी है कि हम उनको भारत के बारे में बताएं। उनको भारत दिखाएं भी। ये युवा फ्यूचर वर्ल्ड को भारत के बारे में अच्छे से बताएंगे। जितनी युवाओं में जिज्ञासा बढ़ेगी उतना ही पर्यटन बढ़ेगा। रिसर्च बढ़ेगी। इससे भारत का गौरव बढ़ेगा। युवा भारत के पर्वों के दौरान, मेलों के दौरान भी आ सकते हैं। आज भारत का ये वादा है, आप दुनिया में कहीं भी रहेंगे, देश आपके हित में आपके साथ रहेगा। मुझे विश्वास है भारत के साथ जुड़ाव का एक नया युग शुरू होगा।
हमारे यहां कहा जाता है- स्वदेशो भुवन प्रयम, अर्थात हमारे लिए पूरा संसार ही हमारा देश है। इसी वैचारिक बुनियाद पर हमारे पूर्वजों ने भारत के सांस्कृतिक विस्तार को आकार दिया था। हम दुनिया के अलग-अलग कोनों में गए। हमने सदियों पहले वैश्विक व्यापार की बुनियाद खड़ी की थी। हम विदेश गए। अलग-अलग देशों अलग-अलग सभ्यताओं के बीच वैश्विक व्यापार से कैसे समृद्धि के रास्ते खोल सकते हैं? भारत ने और भारतीयों ने करके दिखाया। आज अपने करोड़ों प्रवासी भारतीयों को जब हम ग्लोबल मैप पर देखते हैं तो कई तस्वीरें एक साथ उभरती हैं।
CM शिवराज ने मांगी माफी, बोले- हॉल छोटा पड़ गया, दिल में बहुत जगह
इससे पहले विदेश मंत्री एस जयशंकर ने स्वागत संबोधन में कहा कि प्रधानमंत्री के विजन और मार्गदर्शन से हमें अपने लक्ष्य हासिल करने में सफलता मिलेगी। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा, आजादी के अमृत काल में मुझे ऐसा लग रहा है कि मध्यप्रदेश में अमृत वर्षा हो रही है। इंदौर ने अपने दिल के दरवाजे भी खोले हैं और अपने घरों के दरवाजे भी खोले हैं। प्रधानमंत्री के एक-एक मंत्र को मध्यप्रदेश ने साकार करने की कोशिश की है। आज भारत दुनिया को शांति और प्रेम का संदेश दे रहा है। पश्चिमी देश और रूस से अगर कोई कह सकता है तो वे केवल नरेंद्र मोदी जी हैं, जिन्होंने कहा कि युद्ध नहीं, शांति चाहिए। सीएम ने कहा- भारत में दो नरेन्द्र हुए हैं। 100 साल पहले एक नरेंद्र स्वामी विवेकानंद जी थे जिन्होंने भारत को विश्व गुरु बताया था। आज दूसरे नरेंद्र के नेतृत्व में ये कार्य हो रहा है। देश विश्वगुरु बनने की ओर अग्रसर है। माफी चाहता हूं, हॉल छोटा पड़ गया, लेकिन दिल में जगह की कमी नहीं है।
सूरीनाम के राष्ट्रपति बोले, हमारे देश में हम हिंदी लैंग्वेज ट्रेनिंग पर काम कर रहे
सूरीनाम के राष्ट्रपति चंद्रिका प्रसाद संतोखी ने अपनी स्पीच की शुरुआत प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को प्रणाम कर की। उन्होंने कहा, प्रधानमंत्री आपको हृदय से मेरा नमस्कार और प्रणाम। हम अपने देश में हिंदी लैंग्वेज, यहां के कल्चर, आयुर्वेद पर ट्रेनिंग सेंटर बनाने पर काम कर रहे हैं। हिंदी लैंग्वेज के स्कूलों पर भी हमारा फोकस है। ये एक मेमोरेबल पल है। जननी और मातृभूमि स्वर्ग से भी बढ़कर होती है। सूरीनाम की जनता की ओर से मैं मध्यप्रदेश और भारत सरकार का आभार प्रकट करता हूं, जो आदर-सत्कार मुझे और मेरे प्रतिनिधिमंडल को मिला है। यह सम्मेलन हम दोनों देशों के आपसी सहयोग को बढ़ाने में मददगार साबित होगा।
गुयाना के राष्ट्रपति मोदी से बोले, हमारे बीच दूरियां, लेकिन दिल-आत्माएं जुड़ी हैं
गुयाना के राष्ट्रपति मोहम्मद इरफान अली ने कोरोना काल में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा उठाए गए कदमों की सराहना की। खासकर वैक्सीनेशन की। उन्होंने मोदी के सबका साथ, सबका विकास और सबका विश्वास को भी सराहा। उन्होंने कहा कि इसके बिना कोई भी आगे नहीं बढ़ सकता। महात्मा गांधी को याद करते हुए कहा कि इंडिया का फ्रीडम स्ट्रगल दूसरे देशों के लिए इंस्पायरिंग है। मोहनदास करमचंद गांधी दक्षिण अफ्रीका से भारत लौटे थे। 107 साल पहले शारीरिक रूप से कमजोर दिखने वाले, लेकिन मानसिक रूप से दृढ़ गांधी घर लौटे थे। उन्होंने देश को आजाद करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। भारत प्रतिभाओं को निखारने में दुनिया में नंबर एक है। हम प्रवासियों के लिए भारत के चलाए जा रहे कार्यक्रमों से काफी कुछ सीख रहे हैं। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से कहा कि हमारे बीच दूरियां बहुत हैं, लेकिन दिल और आत्माएं जुड़ी हुई हैं। मैं यहां भारतीयों के मिले प्रेम का आभारी हूं। गुयाना के लोगों का प्यार और सपोर्ट आपके साथ है।