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नई दिल्ली….
आप रोजाना ऑनलाइन समान, पार्सल आदि मंगवाते हैं, लेकिन डिलिवरी करने वाले को घर खोजने में हमेशा दिक्कत होती है। अब इस समस्या से निपटने के लिए डाक विभाग एक नए प्रोजेक्ट पर काम कर रहा, जिसका नाम डिजिटल एड्रेस कोड यानी DAC है। ये देश के हर पते पर दिया जाएगा। इससे समान डिलिवरी के अलावा प्रॉपर्टी टैक्स भरने में भी आसानी होगी।
दरअसल डिजिटल एड्रेस कोड किसी घर का यूनीक एड्रेस आइडेंटिटी होगा। ये ठीक उसी तरह से होगा, जैसे हर शख्स का आधार होता है। एक बार इसको हर पते के लिए दे दिया जाएगा। उसके बाद कोई भी शख्स क्यूआर कोड या फिर टाइप करके अपना पता किसी कंपनी को दे सकता है। खास बात तो ये है कि इसे बकायदा डिजिटल मैप पर देखा भी जा सकेगा, जिस वजह से एकदम सटीक एड्रेस पर लोग आसानी से पहुंच सकेंगे। घरों के अलावा ऑफिस, ऊंची बिल्डिंग, अपार्टमेंट आदि के लिए भी यही व्यवस्था रहेगी।
इसके लिए ट्रेन्ड कर्मचारी लोगों के घरों तक जाएंगे। इसके बाद उनके पते के लिए अलग-अलग आइडेंटिफिकेशन तैयार होगा। बाद में अड्रेस को जियोस्पेशिलय कोऑर्डिनेट्स के साथ लिंक कर दिया जाएगा। फिर आपको एक डिजिटल एड्रेस कोड मिलेगा। इसमें गली, मोहल्ले आदि का नाम नहीं रहेगा, बल्कि इसमें नंबर और अक्षर के साथ कोड रहेंगे, जिसके जरिए पहचान की जाएगी। आधार की तरह ये स्थायी कोड होगा। इसे बदला नहीं जा सकता है।
ये भी फायदे-
- अगर आप बैंक, इंश्योरेंस, टेलीकॉम आदि का केवाईसी वेरिफिकेशन करवाना चाहते हैं, तो उन्हें घर आने की जरूरत नहीं पड़ेगी। आराम से डीएसी से वेरिफिकेशन हो जाएगा।
- गलत एड्रेस पर डिलिवरी का झंझट खत्म।
- सरकारी योजनाओं को लाभ एकदम सही व्यक्ति को मिलेगा।
- आपदा प्रबंधन, इमरजेंसी, जनगणना, चुनाव प्रबंधन आदि में आसानी होगी।
- समान, ओला जैसी टैक्सी सर्विस को पहुंचने में आसानी होगी।
jsamachar
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