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जिस घर में कन्या नहीं उन्हें मुक्ति का मार्ग प्रशस्त नहीं होता, कन्या जन्म से ही एमबीए होती है….
इंदौर….
शास्त्रों में नारी की तुलना आदिशक्ति से की गई है, जिस घर में नारी का सम्मान होता है वह स्वर्ग के समान होता है। घर में कन्या रत्न का होना आवश्यक है, तभी सद्गति की प्राप्त होती है। कन्या जन्म से ही एमबीए होती है, उन्हें ज्ञान होता है कि गृहस्थी का संचालन कैसे किया जाता है, जबकि पुरुष मात्र एक ही जवाबदारी वहन कर सकते हैं। यह बात मनोहर श्याम शर्मा पाटन वाले गुरुजी के स्मृति में अखिल भारतीय ज्योतिष वास्तु संगठन द्वारा गांधी हाल में आयोजित दो दिनी ज्योतिष वास्तु महासम्मेलन के अवसर पर 22 भाषा के ज्ञाता मुंबई निवासी विनोद शास्त्री ने कही।
- प्रारंभ में महाराष्ट्र निवासी योगेश्वरी देवी ने मंगलाचरण के रूप में नर्मदाअष्टक एवं दिल्ली पुलिस ऑफिसर नेहा इलाहाबादी ने सरस्वती वंदना प्रस्तुत की।
- संत गोपालकृष्ण महाराज, अमृतानंद महाराज, श्यामानंद महाराज, प्रेमानंद जी महाराज, युवराज राजोरिया, गीताबेन, कुलपति सर्वेश्वर शर्मा, देवेंद्र कुशवाहा, शिव मेहता, हरिओम जोशी, चंद्रभूषण व्यास, विजय शास्त्री, सुशील सांखला, प्रमिला गुप्ता आदि ने सदन को विभिन्न विधाओं पर उद्बोधित किया।
- आयोजन के इस मौक पर जैन प्राच्यविद्या अनुसंधान संगठन के पूनम वाजपेयी, नीलू जैन, प्रतिभा राउत, भावना खेमनानी, रेणुका शाह, मनीषा चेलावत, प्रीती पाडलिया, सुशील जैन ने एवं केवलराम संस्था के प्रकाश गौड़, संजय शर्मा, आचार्य जितेंद्रनाथ, विनोद शास्त्री ने आयोजक पंकज शर्मा को अभिनंदन-पत्र भेंटकर सम्मान किया गया।
- विद्वानों द्वारा शहर के आमजन को नि:शुल्क परामर्श दिया गया।
- महासम्मेलन के समापन अवसर पर उपस्थित समस्त विद्वानों को सम्मान-पत्र एवं स्मृति चिह्न प्रदान कर सम्मान दिया गया।
- अतिथियों का स्वागत गौरव गुप्ता, आनंद परमार, गौरव अग्रवाल, उमाशंकर शर्मा, नारायण वैष्णव, रेणुका पांचाल ने किया। कार्यक्रम का संचालन पं. नीरज शर्मा ने किया। आभार लक्ष्मीचंद्र चौधरी ने माना।
महासम्मेलन में अभिनंदन-पत्र भेंटकर सम्मान करते हुए….
एमके जैन गुरुजी से मिलते हुए….
सम्मान-पत्र भेंट कर सम्मान करते हुए….
जैन प्राच्यविद्या अनुसंधान संगठन की महिलाएं हुई शामिल….