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क्यों दिन में करनी चाहिए शादियां…. ज्योतिषी से समझते हैं-
विवाह सूर्य की साक्षी में ही होना चाहिए क्योंकि सूर्य आत्मा के कारक हैं जिसमें वर-वधू अपने विवाह को जीवनभर आत्मीयता के साथ संबंध निभाते हैं। आत्मिक संबंध को विच्छेदन के प्रभाव से नहीं गुजरना पड़ता है।
रात के वक्त शनि, राहु और केतु बलवान होते हैं। इस कारण विवाह संबंध पर पाप ग्रहों के प्रभाव पड़ता है। जो कि संबंध विच्छेद की बहुत बड़ी वजह बनता है। शनि स्वार्थ और संशय पैदा करता है। वहीं, राहु के कारण मद और भ्रम पैदा होता है। इन सब से क्रोध और अशांति होती है। फिर विच्छेद का कारक केतु रिश्ता तोड़ देता है, इसलिए रात्रि कालीन विवाह से बचना चाहिए।
इसके अलावा आजकल ज्यादातर शादियां होटल से होती है। वहीं से बेटी विदा होती है। जाते वक्त बेटी परिवार की समृद्धि के लिए चावल और खील-पताशे अपने सिर से वार कर पीछे बिखेरती है। लेकिन वो चावल होटल में बिखर जाते हैं। इसी कारण होटल चार गुना बढ़ रहे हैं और घरों में नुकसान हो रहा है। इस क्रिया में बेटी की मां को पीछे खड़ा करें। आंचल में चावल को झेल लें, फिर अपने घर पर जाकर बिखरें। आपके घर में लक्ष्मी रहेगी।