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ये बातें इंदौर में भागवत कथा के नाम पर श्रद्धालुओं से 30 लाख की ठगी करने वाले आरोपी अजीतसिंह चौहान उर्फ प्रभु महाराज ने पुलिस के सामने कबूलनामा करते हुए कहीं। आरोपी महाराज को एक दिन की रिमांड के बाद जेल भेज दिया गया। अजीतसिंह ने बताया कि वह बीते 5 सालों में देश के कई शहरों में भागवत कर चुका है।
भागवत कथा की पढ़ाई की
28 वर्षीय कथावाचक अजीत सिंह चौहान उर्फ प्रभु महाराज गुजरात के अमरेली जिले की लीलिया तहसील का रहने वाला है। वह आठवीं तक पढ़ा-लिखा है। उसके माता-पिता किसान थे। परिवार की आर्थिक स्थिति ठीक नहीं होने के कारण उसने 8वीं के बाद स्कूल छोड़ दिया, लेकिन ईश्वर भक्ति में रुचि होने के कारण गांव के नजदीक एक आश्रम में भागवत कथा सीखने जाना शुरू कर दिया। कुछ ही सालों में उसे भागवत के सभी श्लोक कंठस्थ हो गए। इसके बाद इलाके में कथा करना शुरू किया।
पहली कथा गांव में की, यहां मिले दान के बाद कथा को पेशा बनाया
कथा सीखने के बाद अजीतसिंह ने पहली कथा अपने गांव लीलिया में करवाई। बदले में लोगों ने दान में अनाज और कई सामान दिया। इससे अजीतसिंह को समझ आ गया कि भागवत कथा को ही पेशा बनाना चाहिए। इसके बाद उसने अपने गृह जिले अमरेली में कई जगह भागवत पाठ किया। वह अब तक 200 से ज्यादा भागवत पाठ कर चुका है।
अब तक 200 से अधिक कथा करवा चुका
आरोपी अजीत सिंह ने पुलिस को बताया कि वो अबतक गुजरात में ही लगभग 100 कथा करवा चुका है। सभी कथाओं में 1 से 2 हजार श्रद्धालु आते थे। इंदौर में भी वो कई इलाको में कथा करवा चुका है। पुलिस इन कथाओं के आयोजकों से भी ठगी के मामले में पूछताछ कर सकती है।
कथा में कोविड का साइड इफेक्ट
आरोपी ने पुलिस को बताया कि इंदौर में श्रद्धालुओं से रुपए लेने के बाद वो लगातार इंदौर के सभी भक्तों के संपर्क में था और पूरे मन से हरिद्वार में होने वाली कथा के आयोजन में जुटा हुआ था। लेकिन लॉकडाउन के कारण एडवांस में दी हुई पूरी रकम डूब गई और मैं श्रद्धालुओं की नजर में गिर गया।
महिलाओं ने जनसुनवाई में की थी शिकायत
पीड़ित महिलाओं ने कथावाचक पर ठगी का आरोप लगाने हुए आरोप लगाते हुए बीते सप्ताह कलेक्टर जनसुनवाई में शिकायत की थी। महिलाओं ने बताया कि पंडित जी ने विश्वास में लेने के बाद हमारे साथ विश्वासघात किया था। उनके मुताबिक पंडितजी ने हरिद्वार में होने वाली कथा का सीधा प्रसारण आस्था चैनल पर कराने की बात भी कही थी। साथ ही आने-जाने का किराया देने और हरिद्वार में श्रद्धालुओं के रुकने और खाने-पीने की व्यवस्था भी आयोजन समिति (पंडित जी) द्वारा ही वहन करने की बात कही गई थी।
हमने कई बार फोन लगाए पंडित जी ने नहीं उठाए
पीड़ित महिलाओं ने बताया कि इंदौर से जाने के बाद हमने कई बार कथा के लिए पंडित जी को फोन लगाया था लेकिन पंडित जी ने कभी भी श्रद्धालुओं के फोन नहीं उठाए। एक दिन पंडित जी का फोन आया और उन्होंने कहा कि यदि किसी भी श्रद्धालु ने कोई शिकायत की तो रुपया वापस नहीं दिया जाएगा और ना ही भागवत कथा की जाएगी।