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बुरहानपुर….
लोकायुक्त इंदौर की टीम ने बुरहानपुर में 2 जगह कार्रवाई की है। पहला मामला जनजातीय विभाग से जुड़ा है, जहां राहत राशि के केस में प्रकरण स्वीकृति के बाद खाते में राशि जमा करने के ऐवज में विभाग के सहायक ग्रेड-3 कर्मचारी द्वारा 15 हजार रुपए की रिश्वत मांगी जा रही थी। दूसरा मामला, कॉमन सर्विस सेंटर के जिला प्रबंधक का है। इसमें जिला प्रबंधक ने आधार आईडी चालू कराने के नाम पर कियोस्क संचालक से 60 हजार रुपए की रिश्वत मांगी थी।
यह है 2 मामले
जनजातीय विभाग के बाबू ने मांगी थी 15 हजार रिश्वत
निंबोला निवासी शिकायतकर्ता अर्जुन पिता संतोष पदमे ने बताया कि एससी-एसटी मामले में एक प्रकरण था। उसमें 2 लाख रुपए राहत राशि मिलना थी जो स्वीकृत भी हो गई थी, लेकिन जनजातीय विभाग के सहायक ग्रेड-3 कर्मचारी जयंत चौधरी राशि खाते में जमा नहीं कर रहे थे। इसके लिए 15 हजार रुपए रिश्वत की मांग कर रहे थे। कह रहे थे कि 5 हजार रुपए अभी दे दो, 10 हजार पैसा आने के बाद दे देना। इसकी शिकायत मैंने लोकायुक्त से की। तब उसे बुधवार को रंगे हाथों 5 हजार रुपए रिश्वत लेते हुए पकड़ा गया।
आधार आईडी चालू कराने के जिला प्रबंधक मांग रहा था 60
दूसरा मामला आधार आईडी चालू कराने के नाम पर रिश्वत मांगने का है। जिसमें जियाउल हक अंसारी नामक व्यक्ति से कॉमन सर्विस सेंटर के जिला प्रबंधक अंकित वर्मा 60 हजार रुपए की रिश्वत मांग रहे थे। साथ ही हर माह 10 हजार रुपए दिए जाने की डिमांड की जा रही थी। शिकायत पर उन्हें 30 हजार की रिश्वत लेते हुए रंगे हाथों गिरफ्तार किया गया।
ऐवजी के माध्यम से रिश्वत लेता था जिला प्रबंधक
लोकायुक्त डीएसपी प्रवीण सिंह बघेल ने बताया कि पहले मामले में लोकायुक्त एसपी को अर्जुन पदमे की ओर से शिकायत की गई थी कि एससीएसटी एक्ट में 2 लाख रुपए की राशि स्वीकृत हुई है। उसका भुगतान जनजातीय विभाग के सहायक ग्रेड तीन द्वारा नहीं किया जा रहा है। बदले में 15 हजार रुपए की रिश्वत की मांग की जा रही है। इसका सत्यापन कराया गया। दो किस्तों में 15 हजार की राशि देना तय हुआ था। बुधवार को दल का गठन किया गया। जनजातीय कार्यालय में 5 हजार रुपए की पहली किस्त देते हुए पकड़ा गया।
दूसरे मामले में शिकायतकर्ता ने बताया था कि कॉमन सर्विस सेंटर के अंकित वर्मा द्वारा आधार आईडी चालू करने के लिए प्रति आईडी 60 हजार की रिश्वत की मांग की जाती है। बुरहानपुर के जियाउल अंसारी द्वारा इसकी शिकायत की गई थी। उसने बताया कि दो आवेदन दिए तो 1.20 लाख रिश्वत की मांग की जा रही है। आईडी चालू होने पर 10 हजार रुपए प्रतिमाह देने की भी मांग की जा रही थी। इंदौर एसपी को शिकायत की गई। सत्यापन कराया गया। यहां आकर पता चला अंकित वर्मा अपने ऐवजी अशफाक पिता शब्ब्बीर के माध्यम से रिश्वत लेता है। तब 30 हजार रुपए पहली किस्त उसे दी गई। उसे पकड़ने पर पूछताछ में उसने बताया राशि अंकित वर्मा द्वारा ली जाती है। तब उसे राशि लेकर अंकित वर्मा के पास भेजा गया था उसने राशि रख ली। पुलिस ने दोनों को रंगे हाथों गिरफ्तार किया। तीनों आरोपियों को रेणुका डीपो स्थित सर्किट हाउस लाया गया। यहां टीम द्वारा उनके खिलाफ भ्रष्टाचार अधिनियम की विभिन्न धाराओं के तहत केस दर्ज किया गया।