न्यूज़ सुनें....
|
बड़वाह….
दिसंबर-जनवरी का सर्द मौसम। एक अकेली लड़की को घर छोड़ना पड़ा। 104 डिग्री बुखार में बस स्टैंड पर रात गुजारी। वही लड़की स्ट्रगल कर बॉलीवुड एक्टर पंकज त्रिपाठी के साथ वेब सीरीज में लीड रोल कर रही है। अगर आपको लगता है कि ये किसी फिल्म की स्टोरी है, तो आप गलत है। ये रियल लाइफ स्टोरी है। इसकी नायिका हैं मध्यप्रदेश के खरगोन जिले में रहने वाली खुशबू अत्रे।
आज लोग खुशबू को ‘रत्ना’ के नाम से जानते हैं। जिन्होंने सक्सेसफुल थ्रिलर कोर्ट रूम ड्रामा सीरीज ‘क्रिमिनल जस्टिस’ में एक्टर पंकज त्रिपाठी के साथ स्क्रीन साझा की है। खुशबू बड़वाह के रहने वाली है। फिलहाल खुशबू एक्टर अक्षय कुमार स्टारर फिल्म ‘कैप्सूल गिल’ की शूटिंग कर लंदन से लौटी हैं। वे फैमिली के साथ क्वालिटी टाइम बिता रही हैं। पढ़िए खास रिपोर्ट…
वेब सीरीज ‘क्रिमिनल जस्टिस: अधूरा सच’ में लीड रोल कर रहे एक्टर पंकज त्रिपाठी के बाद किसी ने दर्शकों का ध्यान आकर्षित किया, तो वो है रत्ना यानी खुशबू अत्रे। खुशबू ने इस सीरीज में बिहार के छोटे से गांव की लड़की (रत्ना) का रोल निभाया है। खुशबू ने इस रोल का इतना अच्छा अभिनय किया कि वो लोगों के दिल में उतर गई। खुशबू के पिता प्रदीप अत्रे सिंचाई विभाग में इंजीनियर और मां अर्चना अत्रे गृहिणी हैं।
2013 में बस स्टैंड पर बितानी पड़ी थी रात
खुशबू अत्रे ने बताया कि ‘इंदौर में एक न्यूज चैनल से एंकर के रूप में करियर की शुरुआत की थी। इसके बाद 2012 से मुंबई में रहकर डबिंग आर्टिस्ट, री-ट्रांसलेशन, जिंगल राइटिंग, थिएटर प्ले और कई तरह के काम किए। 2013 में मकान मालिक से मन मुटाव के चलते मुझे आधी रात को घर छोड़ना पड़ा था।
उस समय मुझे 104 डिग्री बुखार था। मौसम भी सर्दी का था। ये जनवरी की बात होगी, इस दौरान मुझे एक रात बस स्टैंड पर बितानी पड़ी थी। उस दिन लगा कि क्या करू, कहां जाऊ? लेकिन मुंबई इतनी बुरी भी नहीं है। इस दौरान अच्छे दोस्त मिले, जिन्होंने बहुत मदद की। इस स्ट्रगल के बीच मुझे ऐड भी मिल गया, जिसके बाद करियर ने रफ्तार पकड़ी।
मां से प्रेरणा लेकर निभाया रत्ना का किरदार
खुशबू ने कहा कि ‘क्रिमिनल जस्टिस मूलतः बीबीसी का शो है, जिसे इंडिया में एडॉप्ट किया है। बीबीसी के शो में ‘रत्ना’ का किरदार नहीं था, लेखक अपूर्व असरानी ने रत्ना का किरदार खूबसूरत तरीके से लिखा। जब मुझे वह सुनाया तो लगा ऐसी लड़कियां हमारे आसपास बहुत हैं। खासकर छोटे शहर में फैमिली वैल्यू, आत्मविश्वासी, समझदार, फिर मुझे मेरी मां की याद आई।
मेरी मां इस किरदार के लिए सबसे बड़ी प्रेरणा रहीं। हालांकि मैं छोटे से शहर से हूं, इसलिए रत्ना का किरदार निभाने में आसानी हुई। मेकर्स की आभारी हूं। दो सीजन आ चुके हैं, अगले सीजन के बारे में मैं कन्फर्म नहीं कह सकती।’
छोटी फिल्मों को भी देखें दर्शक
खुशबू ने फिल्म जगत में नेपोटिज्म (भाई-भतीजावाद) को लेकर भी बात की। उन्होंने कहा कि ‘बॉलीवुड में अच्छे काम को सराहा भी जाता है। हर अभिनेता, प्रोड्यूसर चाहता है कि उसकी फैमिली इंडस्ट्री में आए। जो गलत नहीं है। मुंबई में ऐसे लोग भी हैं, जो सिर्फ आपको कमतर साबित करने का पूरा प्रयास करेंगे, तो कुछ आपको निखारते हैं, समझाते हैं। इसलिए जरूरी है कि छोटी फिल्मों को भी दर्शक देखें, ताकि ऐसे छोटे शहर से आए कलाकारों को भरपूर सराहना और ज्यादा काम मिल सके।’
मुंबई में हावी होता है अकेलापन
हाल ही में फिल्म और टीवी इंडस्ट्री में बढ़ते सुसाइड केस पर खुशबू ने कहा कि ‘ये सही है कि मुंबई में अकेलापन आप पर हावी होता है। अधिकांश केस में वे लोग फैमिली से कनेक्ट नहीं रहते हैं। उन्हें ऐसा लगता है कि वे आधुनिक है। खुद को संभाल सकते हैं, लेकिन जब आप अकेले महसूस करते हैं, तो आप को गलत ख्याल आते हैं।
ऐसे में माता -पिता ही हैं, जिनका प्यार सच्चा है और हमेशा रहेगा। आप चाहे अभिनय करें या न करें। मेरा सीक्रेट यही है कि कंसिस्टेट रहें, मेरा खुद पर से विश्वास नहीं टूटा। इसका श्रेय मेरी फैमिली को जाता है। जिसने मुझे मुंबई जाने दिया, सपोर्ट किया। 700 किमी दूर होने के बावजूद रोज नियम से माता-पिता से बात करती हूं,अपनी हर एक्टिविटी बताती हूं।’
बड़वाह की शान्ति और नर्मदा का किनारा मिस करती हूं
खुशबू ने बताया कि ‘वे मुंबई में रोज बड़वाह को याद करती है। यहां का कचोरी, समोसा, नमकीन और दोस्तों की बहुत याद आती है, लेकिन सबसे ज्यादा याद आती है नर्मदा के किनारे की। बचपन में पापा के साथ बहुत नर्मदा स्नान किया है। नर्मदा में मेरी आस्था भी है। यहां गाड़ियों का शोर नहीं है, शांति है जो मुझे बेहद अच्छी लगती है। यहां मैं बिना मेकअप के आम लड़की की तरह रह सकती हूं।
खुशबू ने बताई अपनी विश लिस्ट
- मुंबई में एक सपनों का घर चाहिए, जिसमें माता-पिता और भाई-भाभी के साथ रहना चाहती हूं।
- फैमिली के साथ भारत सहित पूरा विश्व घूमना चाहती हूं।
- निर्देशक के रूप में फरहान अख्तर के साथ काम करना चाहती हूं।
खुशबू ने किया काम
- टीवी सीरियल- सावधान इंडिया, क्राइम पेट्रोल, धरती की गोद में (डीडी नेशनल) उड़ान, बालिका वधु
- मूवी- राजी, शमिताभ, अकीरा, वोडका डायरीज
- वेब सीरीज- नेकेड, इलीगल, ‘क्रिमिनल जस्टिस: अधूरा सच’
- अपकमिंग प्रोजेक्ट- अक्षय कुमार की कैप्सूल गिल, अक्षय ओबरॉय के साथ “कोरी”, एक अनाम (वेब सीरीज)
Disclaimer: This story or news is brought from a computer program from news portals elsewhere on this platform and here it is clarified that it is not created or edited by jsamachar.com. This news has been taken from the publisher bhaskar.com and full credit for this news is given to him….