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इंदौर….
एमजीएम मेडिकल कॉलेज में एमबीबीएस के पुराने बैच के दो स्टूडेंट मोबाइल के जरिए नकल करते पकड़े गए। मुख्य बात यह है कि इनमें से एक ने तो मुन्नाभाई का भी रिकॉर्ड तोड़ दिया। इस छात्र ने नकल के लिए माइक्रो ब्लू टूथ डिवाइस को डॉक्टर से कान में फिट करा लिया था, ताकि बाहर से नजर ही न आए। उसे पकड़ने वाली टीम भी कान से ब्लू टूथ निकाल नहीं पाई। यूनिवर्सिटी ने दोनों छात्रों का केस बनाने के साथ एमजीएम कॉलेज को भी नोटिस जारी किया है।
20 छात्रों पर एक टीचर, फोन कैसे पहुंचा नहीं पता
परीक्षा शुरू होने के 65 मिनट बाद दोनों स्टूडेंट्स को यूनिवर्सिटी के गोपनीय विभाग की उप कुलसचिव रचना ठाकुर की टीम ने पकड़ा। हद तो ये रही कि एग्जाम हॉल में 20 स्टूडेंट थे, लेकिन इन पर नजर रखने के लिए सिर्फ एक टीचर था। मोबाइल अंदर कैसे पहुंचा इसका जवाब किसी के पास नहीं है।
आखिरी मौका है, जबलपुर यूनिवर्सिटी शिफ्ट हाे चुके हैं छात्र
दरअसल, देवी अहिल्या यूनिवर्सिटी से मेडिकल कॉलेज व उसके छात्र चार साल पहले ही जबलपुर की मेडिकल यूनिवर्सिटी में शिफ्ट हाे चुके हैं। ये पुराने बैच के वे छात्र हैं, जाे एटीकेटी या फेल हाेने की वजह से पास नहीं हाे पाए, इसलिए इन्हें डी-बैच के छात्र कहा जाता है। यह इनका फाइनल एग्जाम है। इन्हें पास हाेने पर डीएवीवी से ही डिग्री मिलेगी। नकल प्रकरण अब कमेटी के पास भेजा जाएगा।