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इंदौर….
कई छात्राओं ने सुनाई पीड़ा….
अक्षर स्कूल आफ नर्सिंग के साथ ही शहर के एक और नर्सिंग कालेज का घपला सामने आया है। प्रयागराज नर्सिंग कालेज के संचालकों ने सैकड़ों विद्यार्थियों को इंदौर में कालेज बताकर एडमिशन किए और अब कालेज धार जिले के पीथमपुर में एक निजी स्कूल के दो कमरों में लगाया जा रहा है। विद्यार्थियों से हजारों रुपये फीस लेने के बाद अब दोबारा फीस मांगी जा रही है। एडमिशन के समय ली गई फीस में क्लीनिकल की फीस शामिल थी, लेकिन अब क्लीनिकल और बस फीस अलग से मांगी जा रही है।
कलेक्टर कार्यालय पहुंचकर कई छात्राओं ने अपर कलेक्टर पवन जैन को प्रयागराज कालेज की यह शिकायत की। इसके अलावा अक्षर स्कूल आफ नर्सिंग के पीड़ित विद्यार्थी भी शिकायत लेकर पहुंचे थे। अपर कलेक्टर ने पीड़ित विद्यार्थियों की समस्या सुनने के बाद आश्वासन दिया कि नर्सिंग काउंसिल के अधिकारियों से भोपाल बात की है। उन्हें बुधवार को इंदौर ही बुलाया गया है। हम इंदौर में कलेक्टर कार्यालय में प्रशासन की निगरानी में ही विद्यार्थियों को उनकी मार्कशीट और रजिस्ट्रेशन दिलाएंगे। फीस भी प्रशासन की निगरानी में वापस कराए जाएगी।
15 दिन का कहा था, छह महीने हो गए – प्रयागराज नर्सिंग कालेज की पीड़ित छात्राओं मीरा जामोद, रोशनी मौर्य, अर्चना भार्गव आदि ने बताया कि किसी से 25 हजार, किसी से 50 हजार तो किसी से 55 हजार रुपये फीस ली जा चुकी है और अलग-अलग मद में और फीस मांग रहे हैं। छात्रा सपना किराड़े और किरण कवचे आदि ने बताया कि इंदौर के बंगाली चौराहे पर एक मकान के एक कमरे में कार्यालय खोलकर फीस जमा की गई। फीस जमा करते समय कहा था कि इंदौर में ही कालेज है, लेकिन बाद में कहा कि केवल 15 दिन के लिए पीथमपुर में कालेज लगेगा। इसके बाद इंदौर में कालेज लगेगा, लेकिन हमें वहां पढ़ते हुए चार-पांच महीने हो गए, अब तक इंदौर में कालेज का कोई ठिकाना नहीं है।
फीस लेते समय कहा- घरवालों को मत बताना – अक्षर स्कूल आफ नर्सिंग के भी कई विद्यार्थी एक बार फिर शिकायत लेकर कलेक्टर कार्यालय पहुंचे थे। पीड़ित विद्यार्थी लेखराम चौहान, भाईसिंह सोलंकी, उज्ज्वला बर्मन और जमना भावे ने बताया कि कालेज संचालकों ने धोखा दिया कि कालेज को मान्यता नहीं है। फीस लेते समय हमें कहा कि घरवालों को मत बताना कि कितनी फीस जमा कर रहे हैं। एडमिशन लेते समय हमने कालेज भवन दिखाने के लिए कहा तो संचालक टाल गए कि अभी कोरोना चल रहा है, बाद में दिखाएंगे। शुरुआत में दो महीने नौलखा के आरके हास्पिटल में हमारी कक्षाएं लगाईं और अब कोई कक्षा नहीं लग रही है। इसी कालेज में तीन-चार साल का नर्सिंग कोर्स कर चुकी छात्राएं भी शिकायत लेकर पहुंची थीं। उन्होंने बताया कि अब तक हमारा रजिस्ट्रेशन और मार्कशीट हमको नहीं दी गई है।
jsamachar
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