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भोपाल….
मध्यप्रदेश की बहुचर्चित नर्सिंग घोटाले में संलिप्त आरोपियों की मुश्किलें कम होती नजर नहीं आ रही है। घोटाले के शिकायतकर्ता रवि परमार की आपत्ति पर CBI कोर्ट ने मलय नर्सिंग कॉलेज की प्रिंसिपल की जमानत याचिका खारिज कर दी। भोपाल सीबीआई कोर्ट में मलय नर्सिंग कॉलेज की प्राचार्य सुमा भास्करन की वकील की ओर से जमानत याचिका पर गुरुवार को सुनवाई हुई। इस दौरान सीबीआई कोर्ट में शिकायतकर्ता परमार के अधिवक्ता आशीष निगम द्वारा आरोपी सुमा भास्करन की जमानत आवेदन पर आपत्ति आवेदन प्रस्तुत किया। मामले में शिकायतकर्ता रवि परमार ने बताया कि मलय नर्सिंग कॉलेज की प्राचार्य सीबीआई के भ्रष्ट अधिकारियों से सांठ-गांठ कर फर्जी नर्सिंग कॉलेजों को सूटेबल करवाने के लिए करोड़ों रुपए का लेन-देन कर रही थी। सुमा भास्करन द्वारा सीबीआई की टीम के साथ कई नर्सिंग कॉलेजों के निरीक्षण भी किए गए हैं। ऐसे में उससे कठोर पूछताछ करना चाहिए। परमार ने सीबीआई कोर्ट को धन्यवाद ज्ञापित किया है।
बता दें कि अभी तक नर्सिंग कॉलेज फर्जीवाड़े में सीबीआई इंस्पेक्टर समेत 13 आरोपियों की गिरफ्तारी हुई। सभी 13 आरोपी अभी जेल में हैं। इनमें से 4 आरोपियों की पहले ही जमानत याचिका खारिज हो चुकी है।
शिकायतकर्ता रवि परमार ने 15 अप्रैल को सीबीआई कार्यालय में मलय नर्सिंग कॉलेज के समेत अन्य कालेजों की शिकायत की थी। इसके बाद दिल्ली सीबीआई ने 19 मई को 13 आरोपियों को गिरफ्तार किया था ।
- दूसरी ओर नर्सिंग घोटाले को लेकर नेता प्रतिपक्ष उमंग सिंघार ने पब्लिक से सबूत मांगे हैं। नेता प्रतिपक्ष ने सोशल मीडिया के जरिए अपील की है कि किसी के पास भी नर्सिंग घोटाले से जुड़ी जानकारी, दस्तावेज, फोटो, वीडियो, कॉल रिकॉर्डिंग और अन्य कोई जानकारी हो तो उन्हें भेजें। नेता प्रतिपक्ष ने एक मोबाइल नंबर और ईमेल जारी किया है। जिसके जरिए आम लोग जानकारी भेज सकते हैं। नेता प्रतिपक्ष ने जानकारी देने वाले की पहचान गोपनीय रखने का भरोसा दिया है।
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नेता प्रतिपक्ष को ऐसे भेज सकते हैं जानकारी
- मप्र विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष उमंग सिंघार ने एक मोबाइल नंबर(8269889419) और Email-(umangsinghar.mp@gmail.com) जारी किया है। इनके जरिए जानकारी भेजी जा सकती है। नेता प्रतिपक्ष जुलाई में होने वाले विधानसभा के मानसून सत्र में नर्सिंग घोटाले को उठाएंगे।
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नर्सिंग स्कैम के व्हिसिल ब्लोअर ने CBI चीफ को लिखा लेटर
- नर्सिंग घोटाले के व्हिसिल ब्लोअर और एनएसयूआई नेता रवि परमार ने सीबीआई के डायरेक्टर को पत्र लिखकर कुछ अहम बिन्दुओं पर जांच कराने की मांग की है। परमार ने लिखा है कि फर्जी नर्सिंग कॉलेज संचालकों द्वारा एक ही बिल्डिंग में नर्सिंग, पैरामेडिकल, फाॅर्मेसी, डीएड-बीएड और अन्य कोर्स भी संचालित किए जाते हैं निरीक्षण के दौरान इसकी पुष्टि करना बेहद जरूरी है।
नर्सिंग कॉलेजों के संचालक किराए की बिल्डिंग छोड़कर भाग गए
- परमार ने पत्र में आगे लिखा है कि फर्जी नर्सिंग काॅलेज संचालकों द्वारा सीबीआई जांच के बाद व जांच के दौरान प्रदेश के कई नर्सिंग कॉलेज संचालक किराए की बिल्डिंग छोड़कर भाग गए। उन्होंने अपनी कॉलेज की बिल्डिंग बदल ली लेकिन जिस बिल्डिंग में मध्यप्रदेश नर्सेस रजिस्ट्रेशन काउंसिल ने 2020-21, 2021-22 , 2022-23 की मान्यता दी उसकी जांच भी करना भी बहुत जरूरी है। क्योंकि, फर्जी नर्सिंग कॉलेज संचालकों ने किराये के भवनों में काॅलेजों की मान्यता लेकर छात्र-छात्राओं से करोड़ों रुपए की राशि फीस के रूप में वसूली है।
निरीक्षण के दौरान रखी गई फर्जी फैकल्टी
- परमार ने CBI डायरेक्टर से कहा कि फर्जी नर्सिंग काॅलेज संचालकों द्वारा फैकल्टी को सिर्फ निरीक्षण के दौरान दिखाने के लिए ही रखा जाता है और नर्सिंग काॅलेजों की फैकल्टी का सैलरी स्टेटमेंट और अन्य दस्तावेजों की पुष्टि बारीकी से करने की जरूरत है। साथ ही फर्जी नर्सिंग काॅलेज संचालकों द्वारा भ्रमित करने के लिए छात्रावास और अस्पताल को कुछ समय के लिए ही किराए पर अनुबंधित किया जाता हैं जिसकी पुष्टि करना भी जरूरी है।
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- परमार ने यह भी कहा कि फर्जी नर्सिंग काॅलेज संचालकों द्वारा लैब में किराए पर सामान लाया जाता है। काॅलेजों के लैब में जो भी समान हैं उनके बिल की जांच की जानी चाहिए। साथ ही फर्जी नर्सिंग कॉलेजों की जांच टीम में नर्सिंग के सबसे ज्यादा अनुभवी नर्सिंग स्टाफ और जो किसी भी तरह की गड़बड़ी में संलिप्त ना हो उसी को शामिल किया जाए। नर्सिंग कॉलेजों के प्राचार्य, डीन और अन्य किसी की अनुशंसा पर रखे गए लोगों को जांच कमेटी से तत्काल हटाकर सीनियर और अनुभवी नर्सिंग अधिकारियों को शामिल कराया जाए।