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इंदौर….
अपने साथ पढ़ने वाले गे छात्र से इंदौर में बीफार्मा का स्टूडेंट जब शादी नहीं कर सका तो उसने सुसाइड कर लिया। चार पेज के सुसाइड नोट में उसने अपना दर्द बयां किया है। लिखा है मेरे गे पार्टनर से शादी का मेरा सपना अधूरा ही रह गया। छात्र ने अपने गे पार्टनर को कभी जान, कभी बेटू, कभी लव तो कभी मेरे सबकुछ कहा है। छात्र ने अपने दोस्त और माता-पिता से माफी मांगी है। चार पेज के सुसाइड नोट में हरेक पेज पर स्टूडेंट ने जो लिखा है वो आपको शब्दश: पढ़ाएंगे लेकिन इससे पहले जान लीजिए सुसाइड के बाद उसे सबसे पहले किसने देखा।
इंदौर के राऊ में रहने वाले बीफार्मा के एक स्टूडेंट ने सुसाइड कर लिया। नाइट शिफ्ट से रविवार सुबह जब पिता लौटे तो उन्होंने बेटे को फंदे से लटके देखा। उसे नीचे उतारा और पुलिस को सूचना दी। TI नरेन्द्र सिंह रघुवंशी के मुताबिक सुसाइड करने वाले स्टूडेंट की अपने ही कॉलेज में ही बीफार्मा की पढ़ाई कर रहे दूसरे स्टूडेंट से गहरी दोस्ती थी। स्टूडेंट के परिवार में उसकी दो बहनें और माता-पिता हैं। पिता पीथमपुर की एक कंपनी में काम करते हैं। उसने सबसे माफी मांगी है।
अब पढ़िए चारों पन्नों पर लिखे सुसाइड नोट की कहानी
पहला पन्ना: मरकर निभाया अपना वादा, सबसे माफी चाहता हूं…
दोस्त, मैं आपसे बहुत-बहुत प्यार करता हूं। लेकिन बता नहीं सकता मेरी क्या कंडीशन हो रही है। अब जब तक आपको नोट मिले तब तक काफी देर हो जाए। मगर मैं क्या करूं? मैंने आपसे हर कोशिश की अपने रिश्ते को ठीक करने की। उसे सुधारने की। लेकिन मैं नाकामयाब रहा। मैंने आपसे कितनी मिन्नतें की कि यार कि भूल जाओ छोड़ तो। जो बातें मैंने गुस्से में की थी। मेरी कल जो हालत थी जब मैं आपके पास आया था। वह हालत अभी भी हो रही है। मैं नहीं जीना चाहता। आपके साथ के बिना। बेटू मैंने आपसे एक प्रॉमिस किया था कि अगर हम दोनों को कोई अलग कर पाएगा। तो वो सिर्फ मेरी मौत होगी। मैं नहीं जी पाउंगा अब आपके बिना। बेटू एक बार कॉल पर बात करने की इच्छा थी।
मैंने बहुत ट्राय किया। लेकिन आपने नहीं उठाया और ना मैसेज का रिप्लाय किया। जान! यार आपको मैंने अपना सबकुछ माना था। यह नोट मिलने के बाद सबको पता चल जाएगा कि मैं सब लोगों के बीच यह बात छुपाकर जी रहा था। अभी तक किसी को नहीं पता था कि मैं गे हूं। और मैं यह एक्सेप्ट कर चुका हूं। और मैं हमेशा फैमेली से बाहर और दूर जाने की बात इसीलिये करता था। मेरा ड्रीम था कि मैं बाहर निकलूं और अपने एक गे पार्टनर से शादी करूं। अपनी लाइफ के साथ खुशी-खुशी जी सकूं। बाकी सब की तरह मेरा यह सपना, सपना ही रह गया। मैं मम्मी-पापा और पूरे परिवार से दिल से माफी मांगना चाहता हूं। आपने मुझे बहुत प्यार दिया। लेकिन मैं ही अच्छा बेटा साबित नहीं हो सका। बचपन से लेकर आज तक सिर्फ मैं आप पर बोझ बना रहा।
दीदियों से भी हाथ जोड़कर माफी मांगना चाहता हूं कि मैं आप लोगों का अच्छा भाई होने का कर्तव्य नहीं निभा सका। लेकिन अब आप लोगों को मुझसे कोई तकलीफ नहीं होगी। यह घर आपका है आप लोग हमेशा रहो। मम्मी मैं जा रहा हूं। हमेशा हमेशा के लिए। हो सके तो मुझे माफ कर देना। पापा आप भी मुझे माफ कर देना।
दूसरा पन्ना : गुस्से में दी मेरी बद्दुआ कहीं सच न हो जाए दोस्त!
मैं आपका नालायक बेटा मरते-मरते भी एक ऐसी बात बताकर जा रहा हूं। जो हर बाप के मन को झकझोर के रख देगी। हां पापा मैं गे हूं। शायद आपको पता नहीं हो। लेकिन यह सच है। मैं (दोस्त का नाम) से बहुत प्यार करता हूं। मैं उसके लिये एक पल भी नहीं रह सकता। वह मेरे लिये सब कुछ है। लेकिन उसने मेरी एक ना सुनी। मैं कितना रोया यार दोस्त आपके लिए। आपके सीने से लगकर भी। लेकिन आपके प्यार जैसे दिल ने मेरी एक बात भी नहीं सुनी। जो इंसान बोल रहा है वह खुद से ज्यादा आपको चाहता है तब भी आपको उसके गुस्से में कही गई बात ज्यादा महत्व रखती है। अब लाइफ टाइम रोते रहना। तरसते रहना। मेरे लिए। मैं जा रहा हूं दोस्त छोड़कर। लेकिन याद रखना मैं आपसे बहुत प्यार करता हूं। हमेशा मुझे फील करना और खबरदार मेरे सिवा किसी और के बारे में आपने सोचा भी। वह जो उस दिन मैंने गुस्से में बद्दुआ दे दी थी। वह सच ना हो जाए। मेरी मौत के बाद। क्योंकि में जीते जी आपसे प्यार करता ही हूं। मरने के बाद भी करता रहूंगा। मैं सिर्फ आपका हूं दोस्त।
विशाल तू मेरा भाई मेरा कमीना यार है। आज मैं नहीं जीना चाहता। तुझे तो सब पता है ना दोस्त मेरी क्या हालत हो गई है। तेरे जैसे दोस्त शायद ही किसी को मिलेगा। मम्मी-पापा ओर सब लोग दोस्त जितने भी मेरे जीजी बहन सब मुझे माफ कर देना में आगे साथ नही निभा पाउगा आपका ओर अब खबरदार मेरे जाने के बाद किसी ने दोस्त ओर विशाल को कुछ कहां तो मे उनसे बहुत प्यार करता हूं। दादा-दादी काकू आंटी जी सभी भाई बहन और परिवार के रिश्तेदार लोग हो सके तो मुझे माफ कर देना। आई लव यू मां मेरे मरने के बाद मत रोना मैं आपका अच्छा बेटा नहीं बन पाया। मैं आपकी आंखो में आंसू नहीं देख पाउंगा। प्लीज मत रोना। ना गाड़ी चलाते सीखा ना और कुछ काम।
तीसरा पन्ना : मैं अपना फर्ज नहीं निभा पाया, मुझे माफ करना पापा-मम्मी
प्लीज रिक्वेस्ट है। मैं खुद अपनी मर्जी से मर रहा हूं। क्योंकि मैं दोस्त के बिना नहीं जी सकता। उसे ही मैंने अपना सबकुछ माना है। जब वह मुझसे रूठ गया तो किसके लिये जिऊं। पापा-मम्मी मैं अपना फर्ज नहीं निभा पाया। मुझे माफ कर देना। मेरे दोस्त और विशाल को कुछ मत कहना। नहीं तो मेरी आत्मा को शांति नहीं मिलेगी। लव यू लोट। दोस्त एक बार बात कर लेते यार शायद मेरी जान बच जाती। खेर कोई बात नहीं। मेरी यादें जिंदगी भर संभालकर रखना। हो सके मेरी अंतिम क्रिया में आ जाना। लेकिन रोना मत क्योंकि आंसू तो मेरी किस्मत में थे।
चौथा पन्ना : पांच घंटे में लिखा सुसाइड नोट, बहुत रो रहा हूं…
प्लीज अपने बेटे-बेटी से मां बाप नहीं एक अच्छा दोस्त बनकर रहना। अगर कोई किसी से प्यार करता है तो उसे किसी दूसरे के साथ जबरदस्ती शादी के बंधन में मत बांधना। विशाल यार मुझसे गलती हो गई। गुस्से पर काबू नहीं रहा। अपने शब्दों पर। उसकी सजा मुझे मौत से भरपाई करनी पड़ेगी। यह मैंने कभी नहीं सोचा था। आप मेरे लिये क्या मायने रखते हो। आपको मेरी मौत के बाद शायद पता चले। लेकिन मैंने आपको सच्चा प्यार किया है। मैं ऐसे साथ नहीं छोड़ूंगा। मरने के बाद भी आपके साथ रहूंगा। जय उमरिया मां।
मैं बहुत रो रहा हूं आपके लिये दोस्त। यह नोट भी मैंने पांच घंटे में लिखकर पूरा किया है। अब मेरी अंतिम क्रिया में आ जाना प्लीज। मैं अपने मोबाइल का लॉक खोलकर जा रहा हूं। प्लीज दोस्त, विशाल को बता देना मैं जा रहा हूं। मिलते हैं अगले जन्म में दोस्त….
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