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इंदौर….
मध्यप्रदेश का चुनाव हो, चाहे उत्तरप्रदेश का चुनाव हो या राजस्थान का चुनाव हो। चुनाव की हमारे यहां एक व्यवस्था है। जो पूछने आएगा, उसको बता दिया जाएगा कि स्थिति क्या है और परिस्थिति क्या है। क्या करना चाहिए। मैं तो ये मानता हूं, तराजू का काम है तोलना। जिसका पलड़ा भारी होगा ये बता देंगे। अब कैसे गिरा सकते हैं, ये तुम जानो। जो दरबार में आएगा उसका सार्वजनिक पर्चा बना दिया जाएगा। पता लग जाएगा कि सरकार किसकी बन रही है। उसके लिए आना तो पड़ेगा।
ये कहना है इंदौर आए पंडोखर सरकार उर्फ पं. गुरुशरण शर्मा का। इंदौर में 9 से 11 जून तक लगने वाले तीन दिनी दरबार के लिए वे गुरुवार को पहुंचे हैं। इस दौरान प्रेस से मिलिए कार्यक्रम में उन्होंने मीडिया से चर्चा की और सवालों के जवाब दिए। उन्होंने दावा किया कि इंदौर के लिए 10 हजार पर्चे बनाए हैं जिसके लिए सात दिन तक सोया नहीं हूं।
हाल ही में उड़ीसा में हुई बड़ी रेल दुर्घटना के बारे में क्या वे पहले से बता सकते थे, इस सवाल के जवाब में उन्होंने कहा कि जो प्रकृति का नियम है। संसार का चक्र है। इसके विधान को मिटाया नहीं जा सकता, लेकिन बताया जा सकता है। सतर्क किया जा सकता है। सावधानी बरती जा सकती है। किसी एजेंसी में स्थापित कराइए।, मैं रिपोर्ट दे दूंगा। जब कोई एजेंसी मुझे चाहे तो कहीं कोई हमारा स्थान तो हो।
किसी ने पूछा हो और हमने नहीं बताया तो निष्क्रिय समझेंगे
वे यह भी बोले कि किसी ने हमसे पूछा कि महाराजजी बताइए 15 दिन में क्या-क्या घटना होने वाली है। किसी ने हमसे पूछा और हमने नहीं बताया हो तो उस दिन हम समझेंगे कि हम निष्क्रिय हैं। हम निकल जाएंगे।
उन्होंने आगे कहा कि हम तीन दिन इंदौर में हैं। रोज की घटना पूछिए और सत्य निकले तो स्थापना करा दीजिए। मध्यप्रदेश की सरकार हो, केंद्र की सरकार हो। पहले के जमाने में भी देखेंगे तो राज पंडित हुआ करते थे। गुरु हुआ करते थे। ज्योतिष के माध्यम से घटना के बारे में बता दिया जाता था। राजा उस प्रकार के कार्य करता था और घटनाएं उस राज्य में नहीं होती थी। उससे बचाव होता था। जो निश्चित है, उसको टाला नहीं जा सकता।
पंडोखर सरकार ने राहुल गांधी के भविष्य को लेकर पूछे गए सवाल के जवाब में कहा कि वो दरबार में आकर पूछेंगे तो बता देंगे। बिना पूछे बताना ठीक नहीं।
आज 500 लोग पर्चा बना रहे…लेकिन इन्होंने कोई साधना नहीं की, इसमें बैंगन बेचने वाले तक शामिल
मैं कहता हूं कि तीन दिन का दरबार इंदौर में है। इसे कसौटी पर चढ़ाओ और जैसा हमें चढ़ाओ वैसा दूसरों को भी और जब वो मना कर दें तो समझ लेना ये ही समाप्त है। जहां कैमरे लगाना है वहां लगा लो। सभी यंत्रों का सामना करने को तैयार हूं। इंदौर आने से पहले मैं 7 दिन से सोया नहीं हूं। मैं यहां के लिए एडवांस में 10 हजार पर्चे लिखकर लाया हूं। जो आने वाले हैं, उनका नाम, मोबाइल, नंबर, पेन कार्ड नंबर सब कुछ। ये कहां से लिखा, किसने लिखवाया। किसने जानकारी दी। एक दरबार में 5-10 पर्ची बनती है। करोड़ों रुपया खर्चा होता है, क्या है ये। आज 500 लोग पर्चे लिख रहे हैं। बैंगन बेचने वाला भी पर्चा लिख रहा है। पर्चे बनाने वालों की क्लिप दिखा दो एक से दूसरा मिनट नहीं लूंगा बता दूंगा कि ये कैसे पर्चे बना रहे हैं। 24 घंटे में पर्चा लिखने वालों का पता नहीं पड़ेगा कि कहां चले गए हैं। इन्होंने साधना नहीं की है। ओरा बनाकर खेल-खेल में लोगों को चमत्कृत कर रहे हैं।