न्यूज़ सुनें....
|
भोपाल….
भाजपा संसदीय बोर्ड से बाहर होने के बाद मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान की पहली प्रतिक्रिया आई है। उन्होंने शनिवार को कहा कि मुझे बिल्कुल भी अहम नहीं है कि मैं ही योग्य हूं। पार्टी मुझे दरी बिछाने का काम देगी तो राष्ट्र हित में यह करूंगा। पार्टी कहेगी कि जैत (मुख्यमंत्री का गृह गांव) में रहो तो वहां रहूंगा। पार्टी कहेगी कि भोपाल में रहो तो भोपाल में रहूंगा। राजनीति में व्यक्तिगत महत्वाकांक्षा नहीं होना चाहिए।
शिवराज ने एक चैनल के कार्यक्रम में कहा- बीजेपी एक विशाल परिवार है। इसके प्रवाह में कोई आगे बढ़ता है तो कोई बाहर आता है। केंद्रीय स्तर पर एक टीम होती है जो यह तय करती है कि किसे, क्या काम करना है। जैसे हम प्रदेश में तय करते हैं। शिवराज ने कहा- राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा ने संसदीय बोर्ड में जिन्हें शामिल किया है, वे सभी योग्य हैं। इसमें पूर्व-पश्चिम, उत्तर-दक्षिण को ध्यान में रखा गया है।
कभी कल्पना नहीं की थी कि विधायक भी बनूंगा शिवराज ने कहा, हम भारतीय जनता पार्टी के कार्यकर्ता बड़े लक्ष्य को सामने रखकर सालों से काम कर रहे हैं। जब काम शुरू किया था तो नहीं पता था कि कभी विधायक भी बनूंगा। 17 साल की उम्र में आपातकाल का विरोध करने पर जेल भेज दिया गया था। 1974 में जेपी मूवमेंट से जुड़ा। फिर विद्यार्थी परिषद का कार्यकर्ता रहा। कभी कल्पना नहीं की थी, विधायक, सांसद, मंत्री बनूंगा… मुख्यमंत्री का तो कभी सोच ही नहीं सकता था।
17 अगस्त को हुआ बोर्ड का पुनर्गठन
बीजेपी ने 17 अगस्त को अपने संसदीय बोर्ड का पुनर्गठन किया था। जिसमें कुछ नए चेहरों को जगह दी गई है, जबकि मप्र के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान और केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी को बाहर किया गया था। शिवराज बीजेपी के सबसे सीनियर मुख्यमंत्री हैं। यही वजह है कि वे पिछले 9 साल से संसदीय बोर्ड के सदस्य रहे। मध्यप्रदेश से अब दलित नेता सत्यनारायण जटिया को जगह मिली है। संघ के करीबी माने जाने वाले जटिया उज्जैन से 7 बार सांसद रहे। बीजेपी ने एक बार उन्हें राज्यसभा भी भेजा।
रेवड़ी कल्चर पर कहा- यह ठीक नहीं
शिवराज ने कहा, रेवड़ी कल्चर का मतलब, केवल वोट लेने के लिए प्रतिस्पर्धा करना है। जैसे किसी ने कहा- फ्री में टीवी दूंगा, तो दूसरे ने कहा- मैं फ्रीज दूंगा। ये भी फ्री में ले लो… वो भी फ्री में ले लो। मेरा मानना है कि यह ठीक नहीं है। भाजपा का मानना है कि जो सबसे नीचे और पीछे भाई-बहन हैं, बुनियादी आवश्यकताओं की पूर्ति के लिए उन्हें सहयोग देना जरूरी है। प्रधानमंत्री आवास रेवड़ी कल्चर नहीं है, यह जरूरत है। पीने का पानी, इलाज में सहायता करना रेवड़ी कल्चर नहीं है। वोट हथियाने के लिए किया गया काम रेवड़ी कल्चर है।
हमारे सभी बांध सुरक्षित
कारम डैम मामले में शिवराज ने कहा- पानी का सीपेज कई डैम से होता है। यहां ज्यादा मात्रा में सीपेज का पता चला तो प्रधानमंत्री और गृहमंत्री से बात की। विशेषज्ञों की टीम की सलाह के बाद डैम में एक कट लगाया गया और पानी को बाहर किया गया। बांध टूटेगा, यह तय नहीं था, लेकिन पॉइंट वन फीसदी भी ऐसा होता तो तबाही आ जाती। जनता की जिंदगी हमारे लिए सबसे बड़ी है, इसलिए यह निर्णय लिया गया। बांध को काटने में भी काफी मशक्कत करनी पड़ी। यह बांध अभी निर्माणाधीन था। जांच के निर्देश दिए गए हैं। हमारे सभी बांध सुरक्षित है।