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इंदौर….
इंदौर के 14 हजार कॉलेज स्टूडेंट्स को पिछले दो साल से छात्रवृत्ति नहीं मिल रही है, जिसके चलते वे पढ़ाई बीच में छोड़ने को मजबूर हैं। ऐसे स्टूडेंट्स के समर्थन में शनिवार को युवक कांग्रेस उतरी। युकां ने स्टूडेंट्स की मांगों को लेकर कलेक्टर कार्यालय तक रैली निकालकर प्रदर्शन किया।
युवक कांग्रेस के नेता और कार्यकर्ता सुबह 10 बजे हरसिद्धि मंदिर के पास इकट्ठा हुए। इसके बाद उनकी रैली यहां से कलेक्टर कार्यालय के लिए निकली। कलेक्ट्रेट में पहले से ही बड़ी संख्या में पुलिस फोर्स तैनात था। पुलिस ने बैरिकेड्स लगा रखे थे। युवक कांग्रेस के कार्यकर्ताओं ने बैरिकेड्स हटाने की कोशिश की तो पुलिस ने उन्हें खदेड़ दिया। जिसके बाद वे स्टूडेंट्स के साथ बैरिकेड्स के नजदीक ही बैठ गए। इसके कुछ देर बाद उन्होंने अर्द्धनग्न होकर प्रदर्शन किया।
स्कॉलरशिप नहीं आने पर उग्र प्रदर्शन की चेतावनी दी
प्रदर्शन के दौरान युवक कांग्रेस के शहर उपाध्यक्ष निखिल वर्मा बैरिकेड्स के ऊपर चढ़कर उसे हटाने लगे। वर्मा के साथ अन्य नेता भी बैरिकेड्स पर चढ़ने लगे तो पुलिस ने जमकर लाठियां भांजी। वर्मा ने कहा, 2 साल से भांजे-भांजियों को स्कॉलरशिप नहीं मिल पाई है। इस वजह से स्टूडेंट्स शिक्षा से वंचित हो रहे हैं। शिक्षा का मूल अधिकार छीन लिया गया है। छात्रों की आवाज सुनी नहीं जा रही है। वर्मा ने चेतावनी देते हुए कहा, यदि 20 से 25 दिनों में छात्रवृत्ति नहीं आई, तो इससे भी उग्र आंदोलन किया जाएगा। इस दौरान युवक कांग्रेस नेता पिंटू जोशी सहित बड़ी संख्या में कार्यकर्ता और छात्र मौजूद थे।
मप्र युवक कांग्रेस के प्रदेश सचिव सरफराज अंसारी ने बताया कि लगातार 2 साल से छात्रवृत्तियां रोकी जा रही हैं या किस्तों में दी जा रही है। जब युवाओं के शिक्षा पर खर्च करने की बात आती है तो सरकार धन की कमी का बहाना बनाकर छात्रवृत्ति रोकती है। जबकि हर महीने प्रदेश में राजनीतिक लाभ के लिए करोड़ों रुपयों का आयोजन (मेगा इवेंट) करने के लिए सरकार के पास धन की कमी नहीं होती। सरकार की नीति से प्रभावित होने वाले स्टूडेंट्स ओबीसी, एससी, एसटी और आर्थिक पिछड़ा वर्ग से हैं।
युवक कांग्रेस ने रखी ये मांगें
- छात्रवृत्तियां तुरंत जारी की जाएं, दरों का पुनर्निर्धारण कर महंगाई के अनुसार इनको बढ़ाया भी जाए।
- आरक्षित वर्ग के स्टूडेंट्स के लिए पोर्टल पर रजिस्ट्रेशन प्रक्रिया भी बंद पड़ी है। उसे शुरू किया जाए।
- संयुक्त प्रवेश प्रक्रिया CEUT के कारण कॉलेज के सत्र लेट हो गए हैं। स्टूडेंट यूटीडी में प्रवेश के लिए अब भी कतार में हैं। इस बीच सरकारी निजी कॉलेजों में ऑनलाइन प्रवेश की लिंक बंद कर दी गई है। CEUT के बाद यूटीडी में प्रवेश से वंचित अभ्यर्थियों के लिए सरकारी व निजी कॉलेजों में प्रवेश की ऑनलाइन लिंक फिर से खोली जाए।
युकां के प्रदेश सचिव सरफराज ने कहा कि प्रदेश में सरकारी भर्तियों पर अप्रत्यक्ष रूप से रोक लगा दी गई है। ओबीसी आरक्षण की आड़ में सरकार प्रवेश प्रक्रियाएं रोक रही है। व्यापमं से लेकर पटवारी, शिक्षक, पुलिस भर्ती की परीक्षाएं नहीं हो रही हैं। सरकार आरक्षण की आड़ लेकर बेरोजगारों से छल बंद करें। भर्ती परीक्षाएं तुरंत शुरू करे। शिक्षित बेरोजगारों को रोजगार कार्यालय के पंजीयन के आधार पर प्रतिमाह पांच हजार रुपए का बेरोजगारी भत्ता दिया जाए।