बड़वानी….
शासकीय कन्या महाविद्यालय बड़वानी में प्राचार्य डाॅ. वंदना भारती के मार्गदर्शन में जनजातीय गौरव दिवस, ऐतिहासिक, समाजिक, आध्यात्मिक विषय पर एक दिवसीय कार्यशाला (व्याख्यानमाला एवं सामान्य ज्ञान प्रतियोगिता) एवं प्रदर्शनी और वार्षिक स्नेह सम्मेलन का आयोजन मुख्य अतिथि श्री तिलकराज जी दांगी जी मध्य भारत प्रांतीय संगठन मंत्री वनवासी कल्याण परिषद, पुलिस अधीक्षक जगदीश जी डावर, माननीय डाॅ. वीणा सत्य, प्रधानमंत्री काॅलेज आॅफ एक्सिलेंस, श्री भीमा जी सोलंकी, श्रीमती सारिका चैहान, जिला महिला प्रमुख श्री अमर ठाकुर प्रांतसह युवा प्रमुख, श्री आशिष मेहरा, माननीय शैफाली तिवारी जिला जेल अधीक्षक के विशेष आतिथ्य में स्नेह सम्मेलन प्रभारी डाॅ. स्नेहलता मुझाल्दा एवं डाॅ. रविन्द्र बरडे, जनजातीय गौरव दिवस प्रभारी द्वारा सम्पन्न हुआ।
जनजातीय गौरव दिवस, ऐतिहासिक, समाजिक, आध्यात्मिक विषय पर एक दिवसीय कार्यशाला एवं प्रदर्शनी का परिचय डाॅ. रविन्द्र बरडे ने दिया।
स्नेह सम्मेलन का तीन दिवसीय कार्यक्रम का शुभारंभ एवं परिचय स्नेह सम्मेलन प्रभारी डाॅ. स्नेहलता मुझाल्दा ने दिया।
कार्यक्रम में पधारे हमारे समस्त अतिथियों और समस्त स्टाॅफ सहित विद्यार्थियों ने जनजातीय जन नायको की फोटोयुक्त प्रदर्शनी का शुभारंभ और अवलोकन किया।
सरस्वती वंदना कु. भुमिका चैहान, कु. सक्सेना सिसोदिया, कु. रविना भादलिया द्वारा प्रस्तुत की गई।
कार्यक्रम के अतिथियों का स्वागत प्राचार्य डाॅ. वंदना भारती एवं स्टाॅफ द्वारा किया गया।
स्वागत भाषण एवं प्रतिवेदन प्राचार्य डाॅ. वंदना भारती द्वारा दिया गया। उन्होंने बताया कि आज बहुत हर्ष का दिन है कि हमारे महाविद्यालय में एक दिवसीय जनजातीय गौरव दिवस एवं वार्षिक स्नेह सम्मेलन का शुभारंभ किया जा रहा है। राष्ट्रीय जनजातीय गौरव दिवस जनजातीय समाज की सांस्कृतिक और ऐतिहासिक पहचान का जश्न मनाने का दिन है। जनजातीय समाज नेे भारत के इतिहास में अहम भूमिका निभाई है। यह गौरव दिवस उनकी सांस्कृतिक धरोहर, संघर्षो एवं उपलब्धियों सम्मान करता है। यह अवसर सभी भारतीयों को यह याद दिलाने का भी है कि जनजातीय समाज भारत की संस्कृति का एक महत्वपूर्ण एवं अभिन्न हिस्सा है और उनके योगदान को सदेव संजोकर रखना चाहिये।
यह कार्यक्रम सिर्फ एक दिन ही नहीं है, बल्कि सालभर की उपलब्धियों का जश्न है और हमारी जीत की महिमा का जश्न मनाने का समय है। इस विशेष अवसर पर आप सभी का स्वागत करते हुये मैं बहुत प्रफुल्लित हूँ, खुश हूँ और सौभाग्यशाली हूँ। स्नेह सम्मेलन हमारे दिलों में विशेष स्थान रखाता है क्योंकि यह हमारे द्वारा पूरे वर्ष की गई मेहनत, दृढ़ता और समर्पण का प्रमाण है। यह हमारे द्वारा एक साथ हासिल की गई जीवंत शैक्षिक और सह-पाठ्यचर्या संबंधी उपलब्धियों का प्रतिबिंब है। शैक्षणिक, खेल और पाठ्येत्तर गतिविधियों में हमारे छात्राओं का सराहनीय प्रदर्शन हमारे महाविद्यालय के समग्र विकास, दृष्टिकोण का प्रमाण है।
कार्यक्रम के मुख्य अतिथि श्री तिलकराज जी दांगी जी म.प्र. प्रांत संगठन मंत्री वनवासी कल्याण परिषद, ने सम्बोधित करते हुए कहा गया कि उन्होंने कहा कि यह जनजातीय दिवस किसी एक दिन मनाया जाने वाला दिवस नहीं है बल्कि यह प्रतिदिन चलने वाला उत्सव है। माननीय प्रधानमंत्री द्वारा बिरसा मुण्डा जी के जन्म उत्सव को जनजातीय गौरव दिवस के रूप में मनाने की घोषणा की और उन्होंने कहा कि यह पूरा साल भारत के प्रत्येक कोने में मनाया जाना चाहिये क्योंकि यह गौरव दिवस हर बलिदानी व क्रांतिकारी जो देश के लिये शहीद हुए है उनकी याद में मनाया जा रहा है।
हमारे देश में ऐसे कई महान जानजातीय क्रांतिकारी हुए जैसे बाबा तिलका मांझी अपनी माँ से प्रेरणा लेते हुये अपनी पहाड़ी भीलो को एकत्रित कर अपनी स्वयं की सेना तैयार अंग्रेेजो से अपने अस्तित्व के लिये संघर्ष किया। क्रांतिकारी शंकर शाह, रघुनाथ शाह अंग्रेजो के देशभक्ति की कविताएँ लिखते थे व जनजातीय समुदाय को जागरूक करने का कार्य करते थे, अंग्रेजो द्वारा उन्हें तोप के मुह से बांधकर उड़ा दिया गया। हलधर गिरधन ने भी अंग्रेजो के विरूद्ध स्वतंत्रता की लड़ाई में अपना योगदान दिया। ऐसे वीरबलीदानी केवल पुरूष ही नहीं बल्कि महिला जैसे रानी दुर्गावती ने अपने राज्य की सेवा करते हुये अंग्रेजो के सामने अपना सर नहीं झुकाया, रानी कमलावती ऐसी वीरांगना हुई जिन्होंने मोहम्मद खाँ को नाको चने चबवा दिये और तालाब में डूब कर अपनी जीवन लीला समाप्त कर दी। अंडमान की वीरांगना रानी लीपाबाई, चाँद, भैरव, फुलो छानो, झलकारी बाई ऐसे 150 से अधिक जनजातीय अमर क्रांतिकारी हुये जिनका वर्णन वनवासी कल्याण विभाग द्वारा प्रकाशित पुस्तक जनजातीय गौरव में उल्लेखित है क्योंकि इन महान क्रांतिकारियों का योगदान देश हित में अद्वितीय है।
माननीय जगदीश डावर पुलिस अधीक्षक द्वारा छात्राओं को संबोधित करते हुये कहा कि आज शासकीय कन्या महाविद्यालय, बड़वानी द्वारा जनजातीय गौरव दिवस जननायको को याद करने व हमारी युवा पीढ़ी को इनके बलीदानो से परिचित कराने के उद्देश्य से पूरे देश में यह महोत्सव पूरे वर्ष भर मनाया जा रहा है। उन्होने छात्राओं को संबोधित करते हुये कहा कि आप अपने कत्र्तव्य के प्रति निष्ठावान रहे साथ ही छात्राओं को सायबर क्राइम शोषण के प्रति सजग रहने का संदेश दिया।
माननीय श्रीमती शैफाली तिवारी ने छात्राओं को संबोधित करते हुये कहा कि हम अपनी संस्कृति को जाने समझे साथ ही स्वयं का सर्वांगीण विकास करें। आपके लिए इतिहास जानना जितना जरूरी है उतना ही वर्तमान और भविष्य भी उतना ही जरूरी है। आपका आज का चुनाव आपके भविष्य का निर्धारण करेगा। उन्होंने दो लाईनो में अपनी बात रखी –
“बस एक कदम ही चला था राहे शौक में, तमाम उम्र मंज़िल मुझे ढुँढती रही”।
प्रधानमंत्री काॅलेज आॅफ एक्सिलेन्स की प्राचार्य डाॅ. वीणा सत्य ने कहा कि शिक्षा हीरा है तो संस्कृति उसकी चमक है। अंग्रेजो ने हमारी संस्कृति और शिक्षा पर आक्रमण किया। आज हमारा युवा अपनी संस्कृति को छोड़कर पाश्चात्य की और अग्रसर हो रहा है जो अपनी जनजाती संस्कृति से दूर होता जा रहा है। इसलिए हमें युवाओं को इस ओर जागरूक करना है एवं उन्हें जनजातीय संस्कृति से युवा वर्ग को जोड़ना है।
इस अवसर पर महाविद्यालय के समस्त स्टाॅफ डाॅ. एन.एल. गुप्ता, डाॅ. कविता भदौरिया, डाॅ. जगदीश मुजाल्दे, डाॅ. महेश कुमार निंगवाल, डाॅ. मनोज वानखेड़े, डाॅ. दिनेश सोलंकी, डाॅ इन्दु डावर, डाॅ. विक्रम सिंह भिड़े, प्रो. सीमा नाईक, डाॅ. प्रियंका देवड़ा, प्रो. प्रियंका शर्मा, प्रो.प्रियंका शर्मा, डाॅ. अंकिता पागनिस श्री कृष्णु यादव डाॅ. शोभाराम वास्केल, प्रो. रविन्द्र गंगराडे, प्रो. आयुषी व्यास, प्रो अमृता यादव, श्रीमती जयंती चैहान, श्रीमती किरण बड़ोले, सुश्री भारती सोलंकी, श्री राधेश्याम जोशी, श्री संदीप दासौंधी, श्री अंतिम जोशी श्री दीपक बिल्लौरे, श्री देवी सिंह सेंगर, श्री राहुल सेंगर श्री मनीष वर्मा, श्री अरूण केवट, सुश्री वैष्णवी जाधव सहित महाविद्यालयीन स्टाॅफ उपस्थित रहा।
कार्यक्रम का संचालन डाॅ. रविन्द्र बरडे जी द्वारा किया गया।
आभार प्रदर्शन डाॅ. मनोज वानखेड़े जी द्वारा किया गया।