भोपाल….
अपने आदेशों से एक मानक Standard स्थापित करने वाले राज्य सूचना आयुक्त State Information Commissioner राहुल सिंह Rahul Singh ने एक बार फिर से जनता के हित में बेहतरीन निर्णय सुनाया है और लापरवाही बरतने वाले SDM और तहसीलदार Tehsildar के ऊपर 25-25000 रु. का जुर्माना लगाते हुए पीड़ित को न्याय दिया है…. तहसीलदार के ऊपर अनुशासनात्मक कार्यवाही प्रस्तावित की गई है….
विस्तार से समझिए पूरा मामला….
- तहसीलदार के खिलाफ अनुशासन की कार्यवाही की भी की सिफारिश.
- आयुक्त राहुल सिंह अब तक रीवा संभाग के कई अधिकारियों- कर्मचारियों को सूचनाएं छिपाने का दोषी करार देकर ,कर चुके हैं दंडित.
- फिर भी सुधरने का नाम नहीं ले रहे भ्रष्ट लोक सेवक
- अतिक्रमण के बारे में की गई शिकायत पर अभी तक की गई कार्यवाही की जानकारी आईटीआई में मांगी गई. लेकिन लोक सूचना अधिकारी ने नहीं दी .
- प्रथम अपीलीय अधिकारी की जानकारी देने के आदेश का भी पालन नहीं किया गया .
- इसे गंभीरता से लेते हुए राज्य सूचना आयुक्त राहुल सिंह ने रीवा के SDM प्रमोद कुमार पांडे और तहसीलदार राकेश शुक्ला के विरुद्ध प्रत्येक पर 25-25 हजार रुपए का जुर्माना लगाया है।
- सिंह ने एक और प्रकरण में अतिक्रमण हटाने के संबध में जानकारी नहीं देने पर तहसीलदार राकेश शुक्ला के विरुद्ध अनुशासनिक कार्रवाई की अनुशंसा राजस्व आयुक्त, मंत्रालय, भोपाल को की है।
- रीवा के चाकघाट त्योंथर तहसील से ठाकुर प्रसाद नामदेव ने अपनी जमीन पर हुए अतिक्रमण को लेकर रीवा कमिश्नर कार्यालय में शिकायत की थी, जिस पर कमिश्नर कार्यालय ने रीवा कलेक्टर को निर्देशित करते हुए कार्रवाई के आदेश जारी किए थे.
- नामदेव और उनकी बहू ने अलग-अलग कार्यालयों में आरटीआई लगा कर जानकारी चाही कि अतिक्रमण हटाने के लिए उनके द्वारा की गई शिकायत पर, संभागायुक्त द्वारा जारी निर्देश पर क्या कार्रवाई की गई है, इससे अवगत कराया जाए. लेकिन एसडीएम कार्यालय के लोक सूचना अधिकारी ने कोई जवाब नहीं दिया। जबकि नामदेव ने चाकघाट स्थित अपनी बेशकीमती जमीन शासन को दान भी दी है, जिस पर अभी 30 बेड का सरकारी अस्पताल संचालित है।
- जानकारी न मिलने से परेशान नामदेव ने राज्य सूचना आयुक्त राहुल सिंह से मिलकर प्रकरण में तत्काल सुनवाई का अनुरोध किया।
- सिंह ने शीघ्र सुनवाई करते हुए समस्त दस्तावेज आयोग कार्यालय में तलब कर लिए ।
सुनवाई में खुलासा हुआ कि एक प्रकरण में RTI आवेदन रीवा कलेक्टर कार्यालय में दायर किया गया था। इसमें आरटीआई आवेदक द्वारा यह जानकारी मांगी गई कि मनगवा चाकघाट फोरलेन मार्ग की पटरी पर शासकीय आदेश के बाद अतिक्रमण हटाने के लिए क्या कार्रवाई की गई। चूकि कार्रवाई एसडीएम के स्तर पर सुनिश्चित हुई थी. इसलिए रीवा कलेक्टर कार्यालय से यह RTI समय सीमा में कार्रवाई के लिए एसडीएम प्रमोद कुमार पांडे को भेज दी गई. एसडीएम पांडे ने भी इस आवेदन को तहसीलदार राकेश शुक्ला को अंतरित कर आवेदक को जानकारी देने के लिए निर्देशित कर दिया. पर तहसीलदार शुक्ला ने कोई जानकारी आवेदक को नहीं दी. इसके बाद प्रथम अपीलीय अधिकारी , कलेक्टर कार्यालय ने जानकारी देने का आदेश दिया, जिसकी भी पालना नहीं की गई.
- द्वितीय अपील के जरिए प्रकरण सूचना आयोग पहुंचा. आयोग ने सुनवाई के लिए अधिकारियों को तलब किया , जिसके बाद तहसीलदार ने आवेदक को जानकारी उपलब्ध कराई। आयोग ने तहसीलदार राकेश शुक्ला को दोषी करार देते हुए उन पर रु. 25,000 का जुर्माना लगाया।
वही, नामदेव की बहू पोषमवती की ओर से एसडीएम कार्यालय में दायर दूसरी आरटीआई में, कमिश्नर कार्यालय से जारी निर्देश के अंतर्गत अतिक्रमण हटाने को लेकर हुई कार्रवाई की जानकारी मांगी गई । इस आवेदन पर एसडीएम पांडे ने कोई कार्रवाई नहीं की। प्रथम अपीलीय अधिकारी, कलेक्टर कार्यालय,रीवा ने जानकारी देने का आदेश पारित किया. इस आदेश के पालन में एसडीएम पांडे ने तहसीलदार राकेश शुक्ला को जानकारी देने के लिखा.
- पर शुक्ला ने इस प्रकरण में भी लापरवाही करते हुए कोई जानकारी उपलब्ध नहीं कराई.
इस पर दायर द्वितीय अपील पर कड़ा रवैया अपनाते हुए सूचना आयुक्त राहुल सिंह ने एसडीएम और तहसीलदार के विरुद्ध दंडात्मक आदेश पारित कर उन्हें कड़ा सबक सिखाया। सिंह ने एसडीएम प्रमोद कुमार पांडे के विरुद्ध रु. 25000 का जुर्माना लगाया और तहसीलदार राकेश शुक्ला के विरुद्ध अनुशासनिक कार्रवाई के लिए राजस्व आयुक्त, मंत्रालय, भोपाल को अनुशंसा की है।
- सिंह ने सुनवाई में स्पष्ट किया कि आरटीआई आवेदन दायर करने का यह मतलब नहीं है कि किसी अधिकारी को किसी कार्यवाही के लिए बाध्य किया जा सकता है। लेकिन एक आम आदमी RTI आवेदक को यह जानने का हक़ है कि उसकी शिकायत पर शासन द्वारा की जा रही कार्रवाई की वस्तुस्थिति क्या है. अगर कोई कार्यवाही नहीं भी की गई है तो यह भी जानने का हक आरटीआई आवेदक को है. इसलिए उसे 30 दिन की निर्धारित समय सीमा में सूचित किया जाना चाहिए था।