
DoT के मुताबिक, इसे लेकर अभी तक 1 करोड़ 43 लाख से ज्यादा शिकायतें मिल चुकी हैं। इनमें करीब 1 करोड़ 14 लाख का निस्तारण हो चुका है। DoT ने X पर शेयर किए वीडियो में इस खतरे से बचने के उपाय भी बताए हैं।
तो चलिए, आज बात करेंगे कि फेक सिम कार्ड क्या है? साथ ही जानेंगे कि-
- फेक सिम कार्ड को कैसे ब्लॉक कर सकते हैं?
- फेक सिम कार्ड फ्रॉड का शिकार होने पर क्या करें?
एक्सपर्ट: पवन दुग्गल, साइबर एक्सपर्ट, नई दिल्ली
सवाल- फेक सिम कार्ड क्या होता है? जवाब- यह एक ऐसा सिम कार्ड होता है, जो फर्जी या गलत डॉक्यूमेंट्स का इस्तेमाल करके इश्यू कराया जाता है। आमतौर पर साइबर अपराधी इसका इस्तेमाल साइबर फ्रॉड, ऑनलाइन ठगी या ब्लैकमेलिंग के लिए करते हैं।
सवाल- अगर सिम लेने के लिए आधार के जरिए बायोमेट्रिक वेरिफिकेशन होता है तो कोई आपके नाम से फेक सिम कैसे ले सकता है? जवाब- हाल ही में बायोमेट्रिक वेरिफिकेशन और KYC (नो योर कस्टमर) प्रोसेस को सख्त किया गया है, जिससे फेक सिम जारी करने की घटनाओं पर रोक लग सके। इसके बावजूद कुछ संभावित तरीके हैं, जिनसे साइबर अपराधी किसी के नाम पर फेक सिम निकलवा सकते हैं। जैसेकि-
- अपराधी फोटोशॉप या आधार कार्ड की डिजिटल कॉपी चोरी कर उसका दुरुपयोग कर सकते हैं।
- कुछ असली सिम बेचने वाले रिटेलर मुनाफा कमाने के लालच में बिना सही वेरिफिकेशन के सिम जारी कर देते हैं।
- सड़क किनारे कैंप लगाने वाले कुछ रिटेलर पैसे के लालच में फर्जी डॉक्यूमेंट्स का इस्तेमाल करके सिम कार्ड जारी कर सकते हैं।
- अपराधी आपके असली नंबर की जानकारी लेकर टेलिकॉम कंपनी में शिकायत दर्ज कर सकते हैं कि उनका सिम खो गया है। इसके बाद वे नकली आईडी देकर नया सिम इश्यू करवा सकते हैं और आपके असली नंबर को ब्लॉक करवा सकते हैं।
- कई बार साइबर अपराधी आधार डेटा लीक या बायोमेट्रिक से छेड़छाड़ कर फेक सिम निकलवा लेते हैं। 2018 में यूनीक आइडेंटिफिकेशन अथॉरिटी ऑफ इंडिया (UIDAI) ने ऐसी घटनाओं को रोकने के लिए ‘वर्चुअल आईडी’ सिस्टम लागू किया था, लेकिन फिर भी साइबर अपराधी आधार डेटा लीक की घटनाओं को अंजाम दे रहे हैं।
- कई बार साइबर अपराधी बैंक, टेलिकॉम या सरकारी एजेंट बनकर लोगों को कॉल करते हैं और KYC अपडेट के नाम पर आधार नंबर और OTP हासिल कर लेते हैं, जिससे वे नया सिम निकलवा सकते हैं।
सवाल- फेक सिम कार्ड के कारण लोगों को किस तरह के संभावित खतरे हो सकते हैं? जवाब- साइबर अपराधी फेक सिम कार्ड के जरिए आपराधिक घटनाओं को अंजाम दे सकते हैं। या फिर उस नंबर से किसी को धमकी भरे कॉल या मैसेज कर सकते हैं। इससे कोई भी निर्दोष व्यक्ति फंस सकता है। इसके अलावा कई अन्य संभावित खतरे भी हो सकते हैं। इसे नीचे दिए ग्राफिक से समझिए-
सवाल- आपके नाम से फेक सिम कार्ड एक्टिव तो नहीं है, यह कैसे पता कर सकते हैं? जवाब- देश में एक व्यक्ति के नाम पर अधिकतम 9 सिम कार्ड जारी हो सकते हैं। हालांकि जम्मू-कश्मीर, असम और नॉर्थ ईस्ट में इसे लेकर अपवाद है। इन राज्यों में एक व्यक्ति को अधिकतम 6 सिम कार्ड जारी हो सकते हैं।
भारत सरकार ने ‘TAF-COP’ नाम से एक पोर्टल बनाया है। इस पोर्टल के जरिए आप यह पता कर सकते हैं कि आपकी आईडी से कोई फेक सिम एक्टिव है या नहीं। इसके लिए इन स्टेप्स को फॉलो करें।
स्टेप-1: सबसे पहले दूरसंचार विभाग के ‘TAF-COP’ पोर्टल पर जाएं। स्टेप-2: इसके बाद ‘नो मोबाइल कनेक्शन्स इन योर नेम’ के ऑप्शन पर क्लिक करें। स्टेप-3: यहां अपना मोबाइल नंबर और कैप्चा कोड दर्ज करें।स्टेप-4: इसके बाद आपके नंबर पर एक OTP आएगा। इस OTP को दर्ज करने के बाद आप अपने नाम पर जारी सभी सिम कार्ड की डिटेल देख सकते हैं।
सवाल- फेक सिम कार्ड को ब्लॉक कैसे कर सकते हैं? जवाब- ‘TAF-COP’ पोर्टल पर चेक करने के बाद अगर आपको कोई ऐसा नंबर नजर आता है, जो संदिग्ध है तो आप उसे आसानी से ब्लॉक भी कर सकते हैं। इसके लिए उस नंबर के सामने ‘नॉट रिक्वायर्ड’ के ऑप्शन पर क्लिक करें। इससे वह मोबाइल नंबर ब्लॉक हो जाएगा।
सवाल- फेक सिम कार्ड से बचने के लिए किन बातों का ध्यान रखना चाहिए? जवाब- फेक सिम कार्ड से बचने के लिए सबसे जरूरी है कि अपने आधार कार्ड की डिटेल को सुरक्षित रखें। अगर कोई नई सिम खरीद रहे हैं तो हमेशा ऑफिशियल रिटेलर्स से ही खरीदें। साथ ही सिम कार्ड एक्टिवेशन के दौरान अपनी जानकारी खुद वेरिफाई करें। किसी से भी अपनी निजी जानकारी जैसे आधार नंबर, OTP कभी शेयर न करें। अगर बिना किसी कारण के मोबाइल सिम बंद हो जाए तो तुरंत टेलिकॉम कंपनी के ऑफिशियल कस्टमर केयर नंबर से संपर्क करें।
सवाल- फेक सिम कार्ड से धोखाधड़ी होने पर कहां और कैसे शिकायत कर सकते हैं? जवाब- फेक सिम कार्ड से धोखाधड़ी होने पर तुरंत इन जगहों पर शिकायत कर सकते हैं।
- सबसे पहले राष्ट्रीय साइबर अपराध रिपोर्टिंग पोर्टल पर ऑनलाइन शिकायत दर्ज कर सकते हैं।
- इसके अलावा दूरसंचार विभाग के हेल्पलाइन नंबर 1908 पर कॉल करके भी शिकायत दर्ज करा सकते हैं।
- टेलिकॉम ऑपरेटर (Airtel, Jio, Vi, BSNL) के कस्टमर केयर पर कॉल करके फेक सिम की रिपोर्ट कर सकते हैं।
ध्यान रखें कि ऐसे मामले में जल्द-से-जल्द शिकायत करें, जिससे समय पर उचित कार्रवाई हो सके।
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