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मप्र में प्रायवेट नर्सिंग कॉलेजों के फर्जी वाडे लगातार सामने आते रहे हैं। मामला हाईकोर्ट तक भी पहुंचा। कोर्ट की सख्ती के बाद प्रायवेट नर्सिंग कॉलेजों पर कार्रवाई करने के साथ ही अब नियमों में बदलाव किया गया है।
अब पांच साल में बनानी होगी खुद की बिल्डिंग
मप्र के चिकित्सा शिक्षा विभाग के उप सचिव केके दुबे ने बताया अब प्रायवेट नर्सिंग कॉलेज खोलने के लिए संस्था के पास खुद की अकेडमिक बिल्डिंग होनी चाहिए। खुद का अकादमिक भवन न होने पर ऑनलाइन आवेदन करते समय नर्सिंग कॉलेज खोलने वाली संस्था को 25 लाख रूपए की बैंक गारंटी के साथ एफिडेविट देना होगा। और उस संस्था को पांच साल के भीतर अपनी खुद की बिल्डिंग बनानी होगी। पांच साल में बिल्डिंग न बनाने पर नर्सिंग कॉलेज की संचालक संस्था द्वारा जमा की गई 25 लाख की बैंक गारंटी जब्त हो जाएगी।
बिल्डिंग के लिए लीज डीड 30 साल के लिए होगी मान्य
चिकित्सा शिक्षा विभाग द्वारा किए गए नियमों में बदलाव के बाद अब नर्सिंग कॉलेज की अकेडमिक बिल्डिंग लीज पर लेने के लिए समिति के पांच सदस्यों और नर्सिंग कॉलेज के बीच 30 साल की लीज डीड रजिस्टर्ड होने पर ही मान्य की जाएगी।
पैरेन्ट हॉस्पिटल में ज्यादा बेड होने पर दूसरे कॉलेज को मिलेगी संबद्धता
नर्सिंग कॉलेज में संचालित सभी कोर्सेज के लिए पैरेंट हॉस्पिटल में बिस्तर ज्यादा उपलब्ध होने पर दूसरे नर्सिंग कॉलेज को भी बाकी बिस्तरों के आधार पर संबद्धता दी जा सकेगी।
एक जिले में एक संस्था नहीं चला सकेगी दूसरा नर्सिंग कॉलेज
नियमों में बदलाव करते हुए नियमों को ताक पर रखकर खुल रहे नर्सिंग कॉलेजों पर रोक लगाने के लिए सख्ती की गई है। अब एक जिले में किसी भी समिति, ट्रस्ट या कंपनी एक नर्सिंग कॉलेज संचालित कर रही है तो वह उसी जिले में नया नर्सिंग कॉलेज संचालित नहीं कर पाएगी। जिले में पहले से चल रहे नर्सिंग कॉलेज के नाम से या उससे मिलते जुलते नाम या शॉर्ट नाम से नए नर्सिंग कॉलेज के आवेदन मान्य नहीं किए जाएंगे।