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ब्रेस्ट कैंसर पर मुंबई के टाटा मेमोरियल अस्पताल की एक रिसर्च सफल हो गई है। जिसके मुताबिक अब इसके मरीजों की जान सिर्फ 40 से 60 रुपए के एक इंजेक्शन से बचाई जा सकेगी। इसकी घोषणा 12 सिंतबर को पेरिस में हुए कैंसर सम्मेलन में की गई।
यह इंजेक्शन कैसे काम करेगा, कब और कहां मिलेगा, इन सारे सवालों का जवाब दे रहे हैं- टाटा मेमोरियल अस्पताल में मेडिकल ऑन्कोलॉजी के प्रोफेसर और ब्रेस्ट कैंसर के रिसर्च में सहयोगी डॉ. सुदीप गुप्ता।
सवाल- ब्रेस्ट कैंसर क्या है और यह कैसे होता है?
डॉ. सुदीप- ब्रेस्ट या स्तन महिला के शरीर का मुख्य हिस्सा है। ब्रेस्ट का काम है कि वह अपने टिश्यू से दूध बनाए। ये टिश्यू माइक्रोस्कोपिक वेसल्स की मदद से निप्पल से जुड़े होते हैं। जब ब्रेस्ट वेसल्स में छोटे और हार्ड पार्टिकल जमने लगते हैं या फिर ब्रेस्ट के टिश्यू में छोटी गांठ बनने लगती है, इसे ही ब्रेस्ट कैंसर कहते हैं।
सवाल- टाटा मेमोरियल हॉस्पिटल जिस इंजेक्शन की बात कर रहा है, उसकी कीमत कितनी है? डॉ. सुदीप- इसकी कीमत 40 से 60 रुपए है।
ध्यान रखें- कैंसर के इलाज में केवल इस इंजेक्शन का इस्तेमाल नहीं होता। इलाज में जो महंगी दवाइयां या इंजेक्शन यूज होते थे, उसके साथ इसे लगाया जाता है। यह भी जानने वाली बात हैं कि केवल 5-10% ब्रेस्ट कैंसर के मरीजों को महंगे इंजेक्शन लगते हैं। 90-95% मरीजों को लाखों रुपए के इंजेक्शन या दवाइयों की जरूरत ही नहीं पड़ती है।
सवाल- किस तरह की दवाई का इस्तेमाल इसमें किया गया है?
डॉ. सुदीप- हम इसके लिए Lidocaine लोकल एनेस्थीसिया का इस्तेमाल कर रहे हैं। क्योंकि रिसर्च में यह पाया गया है कि एनेस्थीसिया में एंटी कैंसर इफेक्ट भी है।
आमतौर से एनेस्थीसिया का यूज शरीर के उस हिस्से को शून्य करने के लिए किया जाता है, जहां कुछ भी प्रोसीजर करना होता है यानी ऑपरेशन या सर्जरी। यह आसानी से मिल जाता है।
सवाल- इस इंजेक्शन की मदद से क्या मरीज पूरी तरह से ठीक हो सकते हैं?
डॉ. सुदीप- रिसर्च के दौरान 800 मरीजों में ये इंजेक्शन दिया गया था और 800 लोगों को नहीं दिया गया था। फिर देखा गया कि जिस ग्रुप को ये इंजेक्शन दिया गया, उनमें ठीक होने की दर 5 परसेंट तक बढ़ गई।
रिसर्च से यह भी पता चला है कि कुछ महिलाओं में ब्रेस्ट कैंसर इस इंजेक्शन की मदद से पूरी तरह से ठीक हो सकता है।
सवाल- ब्रेस्ट कैंसर के किस स्टेज में यह इंजेक्शन मरीज के लिए फायदेमंद साबित होगा?
डॉ. सुदीप- आमतौर पर स्टेज-1 और स्टेज-2 में इस इंजेक्शन को देने पर मरीज को फायदा होगा। लास्ट स्टेज में इससे कोई फायदा नहीं होगा।
सवाल- ब्रेस्ट कैंसर के मरीज में स्टेज-1 और स्टेज-2 की स्थिति को थोड़ा डिटेल में बताएं?
डॉ. सुदीप- स्टेज-1 और स्टेज-2 तब रहता है, जब…
- ट्यूमर छोटा हो यानी 5 सेंटीमीटर या उससे छोटा
- ट्यूमर ब्रेस्ट तक ही सीमित हो
- आर्मपिट यानी कांख में छोटी सी गांठ हो या गांठ ही न हो।
सवाल- ब्रेस्ट कैंसर वाले मरीजों के लिए ये इंजेक्शन कैसे काम करेगा?
डॉ. सुदीप- इंजेक्शन के एक डोज से ब्रेस्ट कैंसर के सेल्स स्थिर हो जाएंगे और शरीर के बाकी हिस्सों में ये नहीं फैलेंगे। आम भाषा में समझें, तो कैंसर शरीर के दूसरे हिस्सों में नहीं फैलेगा। इससे मरीज को जल्द-से-जल्द ठीक किया जा सकेगा, लेकिन इंजेक्शन लेने के बाद भी मरीज को डॉक्टर के संपर्क में रहना होगा।
चलते-चलते
हर साल एक लाख मरीजों की जान बचाई जा सकती है
Lidocaine इंजेक्शन की मदद से हर साल दुनियाभर में कम-से-कम एक लाख मरीजों की जान बचाई जा सकती है। अक्सर सर्जरी के बाद 81% ब्रेस्ट कैंसर ठीक होते थे, लेकिन इस इंजेक्शन का इस्तेमाल करने के बाद संख्या बढ़कर 86% हो गई है।
11 साल तक टाटा मेमोरियल अस्पताल ने ब्रेस्ट कैंसर पर स्टडी की, कुछ और जरूरी बात…
- इस स्टडी का टाइटल है- टुमोरल इंफिल्ट्रेशन ऑफ लोकल एनेस्थेटिक प्रायर टू सर्जरी ऑन सरवाइवल इन अर्ली ब्रेस्ट कैंसर।
- पूरी स्टडी में देश के 11 कैंसर केंद्र शामिल थे, जिसमें 11 साल का समय लगा।
- स्टडी के लिए 30 से 70 साल की 1600 महिलाओं को सिलेक्ट किया गया था।
- 800 महिलाओं के ब्रेस्ट कैंसर का इलाज सिर्फ सर्जरी करके किया गया।
- 800 महिलाओं का इलाज इंजेक्शन सहित सर्जरी करके किया गया।
- दोनों ग्रुप की महिलाओं का रेगुलर फॉलो अप किया गया।
- इनका प्रोटोकॉल केमो, रेडिएशन आदि किया गया।
- फॉलो अप के 6वें साल में इंजेक्शन का इस्तेमाल किए मरीजों की जान बचाने में 30% का सुधार देखा गया।
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