न्यूज़ सुनें....
|
ग्राम पंचायत की ओर से कराए जाने वाले निर्माण कार्यं की राशि का दायरा शासन की ओर से बढ़ा दिया गया है। अब 20 लाख के बजाय 50 लाख रुपए तक काम कराने ग्राम पंचायत को अधिकृत किया गया है। इस संबंध में छत्तीसगढ़ शासन, पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग के अवर सचिव रामलाल खैरवार ने गत 29 अगस्त को बालोद सहित प्रदेश के सभी जिलों के कलेक्टर, जिला पंचायत सीईओ व जनपद पंचायत के सीईओ को पत्र भेजा है।
जिसमें उल्लेख किया गया है कि ग्राम पंचायत के माध्यम से 20 लाख रुपए तक के निर्माण कार्यों का क्रियान्वयन करने निर्देश दिए गए थे। विभागीय दर अनुसूची संशोधित होने की वजह से निर्माण कार्यों की लागत मूल्य में वृद्धि हुई है। लिहाजा ग्रामीण विकास विभाग की योजनाआंे के निर्माण कार्य के क्रियान्वयन के लिए ग्राम पंचायतों को 20 लाख रुपए की सीमा से बढ़ाकर 50 लाख रुपए तक अधिकृत किया जाता है। आदेश की प्रतिलिपि सीएम मंत्रालय के अपर सचिव, मंत्री के सभी विशेष सहायक, मुख्य सचिव के स्टाफ ऑफिसर को भेजी गई है।
बालोद ब्लॉक सरपंच संघ के मीडिया प्रभारी दानेश्वर सिन्हा ने बताया कि मानदेय, पीएम आवास, पेंशन, कार्य एजेंसी, सरपंच निधि, 15वां वित्त आयोग अनुदान राशि सहित 13 सूत्रीय मांगों को लेकर दो दिन तक हड़ताल पर थे। आगे हड़ताल को लेकर संशय की स्थिति क्योंकि दो गुट में बंटे हैं जिले के सरपंच जिले के 5 ब्लॉक के सरपंच दो गुट में बंटे हैं। इसलिए आगे 13 सूत्रीय मांगों को लेकर किस-किस ब्लॉक के सरपंच हड़ताल पर रहेंगे, इस पर संशय की स्थिति है। हालांकि सरपंचों का कहना है कि अब भी 12 सूत्रीय मांग अधूरी है। मनरेगा राशि भुगतान में अब तक देरी हो रही है। कभी छह माह तो कभी एक साल बाद राशि जारी हो रही है। 40 प्रतिशत राशि का पेमेंट अग्रिम होना चाहिए। मजदूरी भुगतान एक माह के अंदर हो जाता है लेकिन मटेरियल भुगतान के लिए लंबा इंतजार करना पड़ता है।
2 ब्लॉक के सरपंच शामिल नहीं हुए थे हड़ताल में
पहले कोई भी कार्य जिसकी लागत राशि 20 लाख रुपए से ज्यादा होती थी इसके लिए ग्राम पंचायत को एजेंसी नहीं बनाई जाती थी। जिसका विरोध ग्राम पंचायत के सरपंच करते आ रहे थे। 50 लाख रुपए के कार्य का क्रियान्वयन सहित 13 सूत्रीय मांगों को लेकर हाल ही में जिले के तीन ब्लॉक के 200 से ज्यादा ग्राम पंचायत के सरपंचों ने दो दिन तक हड़ताल की थी। हालांकि दो ब्लॉक के सरपंचों ने हड़ताल का समर्थन नहीं किया।
यह है सरपंच संघ की 13 सूत्रीय मांगें….
सरपंचों का मानदेय राशि 20 हजार रुपए और पंचों का मानदेय राशि 5 हजार रुपए किया जाए
सरपंचों को आजीवन 10 हजार रुपए पेंशन दिया जाए
50 लाख की राशि तक के सभी कार्य में कार्य एजेंसी ग्राम पंचायत को ही बनाया जाए
सरपंच निधि के रूप में राज्य सरकार के द्वारा प्रत्येक ग्राम पंचायत को प्रतिवर्ष 10 लाख रुपए दिया जाना चाहिए
नक्सलियों द्वारा सरपंच को मारे जाने पर 20 लाख रुपए का मुआवजा राशि और परिवार के एक सदस्य को नौकरी दिया जाना चाहिए
15वें वित्त आयोग अनुदान राशि केवल उसी ग्राम पंचायत के लिए होना चाहिए15वें वित्त आयोग की राशि को अन्य योजनाओं के निर्माण कार्य में नहीं लगाया जाना चाहिए
मनरेगा सामग्री की राशि हर 3 महीने के अंदर भुगतान किया जाना चाहिए
मनरेगा निर्माण कार्य प्रारंभ करने के लिए 40% अग्रिम राशि सरकार के द्वारा प्रदान किया जाना चाहिए
छत्तीसगढ़ के सरपंचों के कार्यकाल में 2 साल की वृद्धि की जानी चाहिए
प्रधानमंत्री आवास ग्रामीण योजना अंतर्गत आवाज की राशि को महंगाई दर को देखते हुए 2 लाख रुपए की वृद्धि की जानी चाहिए
अविश्वास प्रस्ताव को संशोधन कर जनता के हाथों में दिया जाना चाहिए
धारा 40 में तत्काल संशोधन किया जाना चाहिए….