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नई दिल्ली….
गजोधर भैया अपनी जिंदगी के मंच से उतर गए। सामने लोग बैठे रहे और काला पर्दा झूल गया। राजू श्रीवास्तव की बीमारी और अस्पताल में भर्ती होने की खबरें बनते-बनाते आखिरी खबर आ गई। बुधवार सुबह 10 बजे के करीब दिल्ली एम्स में उनका निधन हो गया।
उमर 58 साल थी। दिल्ली में ही 10 अगस्त को एक्सरसाइज करते उन्हें हार्ट अटैक आया था। उसके बाद से ही एम्स में भर्ती थे। इलाज में पता चला था कि दिल के एक हिस्से में 100% ब्लॉकेज है।
पिछले 42 दिनों में कई बार बेहतर होती सेहत की खबरें आती रहीं। लेकिन आखिरकार आखिरी खबर आई… राजू चला गया, ये कहते हुए कि जिंदगी में ऐसा काम करो कि यमराज भी आएं तो कहें कि भैंसे पर आप बैठिए, मैं पैदल चलूंगा.. आप नेक आदमी हैं। …ये राजू की ही कही है।
राजू की परिवार के साथ फोटो और 2 सबसे जरूरी जानकारियां
1. राजू कानपुर के रहने वाले हैं। लेकिन, उनका अंतिम संस्कार दिल्ली में ही 22 सितंबर, यानी गुरुवार को सुबह 9:30 बजे निगमबोध घाट पर किया जाएगा।
2. प्रधानमंत्री मोदी और यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ समेत कई बड़ी हस्तियों ने राजू के निधन पर शोक जताया है। मोदी बोले- राजू ने हास्य के साथ हमारी जिंदगी को रोशन किया।
अब वह राजू जो 40 साल पहले मुंबई अमिताभ बनने आया था
सपना हीरो बनने का था और उसका पीछा करते राजू 1982 में मुंबई आ गए। लेकिन जिंदगी तो जिंदगी है। पहला काम ऑटो ड्राइवर का मिला। लेकिन अपना काम वहां भी जारी रखा। अपने चुटकुलों से सवारियों को हंसाते और मंजिल पर पहुंचाते। ऐसे ही एक दिन एक सवारी ने पहला स्टेज परफॉर्मेंस दिला दिया। पैसे मिले 50 रुपए। फिर तो ऐसा बारहा होने लगा।
राजू ज्यादातर समय अमिताभ की नकल करते और उन्हीं की तरह दिखने की कोशिश भी होती। यही पहचान बनती गई। फिल्म में मौका मिला 1988 में आकर, तेजाब से। हीरो अनिल कपूर थे। जॉनी लीवर के साथ राजू भी दिखे।
दूरदर्शन पर 1994 के शो टी टाइम मनोरंजन में मौका मिला। इसके बाद ग्रेट इंडियन लाफ्टर चैलेंज राजू ने तीसरा स्थान हासिल किया। यहां से पहचान बढ़नी शुरू हुई। फिर कॉमेडी का महा मुकाबला, कॉमेडी सर्कस, देख भाई देख, लाफ इंडिया लाफ, कॉमेडी नाइट विद कपिल, द कपिल शर्मा शो और गैंग्स ऑफ हंसीपुर जैसे शो करते चले गए।
राजू का घर-परिवार– पिता कवि थे, लोग बलाई काका कहते थे
राजू कानपुर के रहने वाले थे। 25 दिसंबर 1963 को जन्मे, नाम रखा गया सत्य प्रकाश श्रीवास्तव। पिता रमेश चंद्र श्रीवास्तव सरकारी कर्मचारी थे और शौकिया तौर पर कविताएं लिखते। छुट्टियों में पिता कवि सम्मेलनों में जाते। वहां बलाई काका नाम से पहचाने जाते। तो राजू का ये हुनर विरासती था। 1993 में राजू की शादी हुई। पत्नी शिखा, दो बच्चे अंतरा और आयुष्मान हैं। राजू की एक बहन और 5 भाई हैं।
17 फिल्मों में काम किया, आखिरी फिल्म थी फिरंगी
राजू ने 17 फिल्मों में काम किया। शुरुआत तेजाब से हुई। वो दौर टिपिकल हीरो वाली फिल्मों का था, जिसमें लीड हीरो को देखने के लिए ही लोग टॉकीज जाते थे। लेकिन इसी दरमियान एक नॉर्मल से चेहरे ने लोगों को अपनी ओर खींचा। नाम राजू।
10 अगस्त को दिल्ली में राजू को हार्ट अटैक आया था। शाम को डॉक्टरों ने उनकी एंजियोप्लास्टी की, लेकिन उनका ब्रेन रिस्पांस नहीं कर रहा था। डॉक्टरों की जांच में निकला कि हार्ट के एक हिस्से में 100% ब्लॉकेज है। वेंटिलेटर पर रखा गया। अभी 15 दिन पहले होश आने की खबर आई थी। नर्स से पूछ रहे थे कि मैं यहां कैसे आ गया?
13 अगस्त को बिग बी ने राजू के लिए संदेश भेजा- राजू बस बहुत हुआ, अभी बहुत काम करना है। अब उठ जाओ… हम सबको हंसना सिखाते रहो।’ 17 अगस्त को उन्हें गजोधर-संकठा के किस्से सुनाए गए थे। महामृत्युंजय का जाप हुआ था।
लोकसभा का टिकट मिला तो लौटा दिया, मोदी ने अभियान में नॉमिनेट किया
2014 के लोकसभा चुनाव में सपा ने राजू श्रीवास्तव को टिकट दिया था। उन्होंने इसे लौटा दिया। कहा कि पार्टी की लोकल यूनिट सपोर्ट नहीं कर रही। मार्च 2014 में भाजपा जॉइन कर ली। इसके बाद प्रधानमंत्री मोदी ने स्वच्छ भारत अभियान का हिस्सा बनने को कहा। इंवेट्स इसका संदेश देते।
चलते-चलते देखिए राजू का अलहदा और मस्तमौला अंदाज…