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इंदौर….
विधानसभा 2 क्षेत्र के तीन पुलिया क्षेत्र में राजमाता जिजाऊ मां की प्रतिमा का अनावरण हुआ। अनावरण छत्रपति शिवाजी के 13वें वंशज संभाजी महाराज भोंसले, महामंडलेश्वर उत्तम स्वामी महाराज, सद्गुरु अण्णा महाराज व वरिष्ठ नेता कैलाश विजयवर्गीय, सांसद शंकर लालवानी, विधायक रमेश मेंदोला सहित कई जनप्रतिनिधियों के आतिथ्य में हुआ। समारोह में हजारों लोग शामिल हुए। इस दौरान राजामाता जिजाऊ मां की जय-जयकार से माहौल काफी गरिमामय हो गया।
खास बात यह कि प्रतिमा स्थल पर खूबसूरत शिवनेरी किला बनाया गया है जो लोगों को काफी आकर्षित कर रहा है। रात को यहां विद्युत सज्जा में इसकी जबर्दस्त खूबसूरती को निहारने के लिए लोग दूर-दूर से आ रहे हैं। रात को अनावरण के दौरान भव्य आतिशबाजी व जयकारों से पूरा माहौल उत्सवी हो गया।
ग्वालियर में निर्मित 9 फीट ऊंची मां जिजाऊ की प्रतिमा अष्ट धातु से बनी है तथा मप्र में पहली बार इंदौर में स्थापित की गई है। राजमाता जिजाऊ की प्रतिमा के साथ छत्रपति शिवाजी महाराज भी बाल प्रतिमा के रूप में विराजित है। दरअसल राजमाता जिजाऊ मां की प्रतिमा के लिए महिला शक्तियों द्वारा 2017 से प्रयास किए जा रहे थे। इसी कड़ी में 2019 में वरिष्ठ नेता कैलाश विजयवर्गीय व विधायक रमेश मेंदोला के आतिथ्य में तीन पुलिया तिराहे पर इसका लोकार्पण किया गया था। इसके बाद इसे गति देने की शुरुआत ही हुई थी कि कोरोना संक्रमण फैला। पहले कोरोना फिर नगर निकाय चुनाव के कारण देरी भी हुई। इसके चलते अब 29 जनवरी को प्रतिमा का अनावरण किया जा रहा है। अब यह तीन पुलिया तिराहा राजमाता जिजाऊ मां चौक के नाम से ही जाना जाएगा।
इसके पूर्व स्वाभिमान स्वराज उत्सव के तहत राजमाता जिजाऊ मां की जन्मस्थली सिंदखेड़ राजा (महाराष्ट्र) से 400 किमी की पद यात्रा आयोजित की गई थी जो 27 जनवरी को इंदौर पहुंची थी। इसकी सूत्रधार महिलाएं ही हैं। सर्व मराठी भाषी संघ की अध्यक्ष स्वाति युवराज काशिद ने बताया कि आयोजन का मुख्य उद्देश्य सर्व मराठी भाषीय समाजजन को एकत्र करने एवं शिवाजी महाराज के हिंदवी स्वराज्य के इतिहास से अवगत करवाना है। इंदौर मां अहिल्या की पावन नगरी है है। यहां बड़ी संख्या में मराठी समाज के लोग हैं लेकिन राजमाता जिजाऊ की कोई प्रतिमा इंदौर में अब तक नहीं थी जो स्वराज्य स्वाभिमान उत्सव के तहत स्थापित की जा रही है। इससे केवल मराठी भाषी ही नहीं बल्कि हर एक भारतवासी को गर्व महसूस होगा। वैसे यब संपूर्ण हिन्दुत्व के लिए है क्योंकि राजमाता जिजाऊ मां सिर्फ महाराष्ट्र या सिर्फ मराठी समाज के लिए नहीं है। वे छत्रपति शिवाजी की माता है। उन्होंने अपने पुत्रों शिवाजी व संभाजी को युद्ध कलाएं सिखाई।