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भोपाल/इंदौर….
उम्मीदवारों के विरोध पर प्रदेश BJP चुनाव प्रबंधन समिति के संयोजक नरेंद्र सिंह तोमर ने कहा, ‘थोड़ा-बहुत मतभेद होता ही है, क्योंकि एक जगह से कई लोग टिकट की मांग करते हैं। सभी जगह स्थिति नियंत्रण में है। कांग्रेस दावा करने के लिए स्वतंत्र है, लेकिन हमने काम किया है, उसके आधार पर हमें जनता का आशीर्वाद मिलेगा।’
ग्वालियर में सिंधिया के जय विलास पैलेस के अंदर प्रदर्शन
ग्वालियर पूर्व विधानसभा सीट से बीजेपी ने पूर्व मंत्री माया सिंह को प्रत्याशी बनाया है। उनके नाम का ऐलान होते ही यहां से विधायक रहे और टिकट के प्रबल दावेदार मुन्ना लाल गोयल के समर्थकों ने विरोध शुरू कर दिया। सिंधिया के महल जय विलास पैलेस के अंदर प्रदर्शन किया। मुन्ना समर्थक सिंधिया की गाड़ी के सामने लेट गए। उनके पैरों में गिर गए और टिकट बदलने की मांग की। सिंधिया ने खुद जमीन पर बैठकर मुन्ना समर्थकों को समझाया कि उन्हें एक बार बात तो कर लेने दो। उन्होंने मुन्ना समर्थकों को आश्वासन दिया है कि वह जल्द संगठन तक उनकी बात पहुंचाएंगे। करीब दो घंटे के हंगामे के बाद सिंधिया वहां से निकल सके।
इंदौर-3 से गोलू शुक्ला को टिकट मिलने के बाद बगावत
इंदौर- 3 विधानसभा क्षेत्र से अखिलेश शाह नाम के युवा नेता ने बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष वीडी शर्मा को पत्र लिखकर पार्टी की प्राथमिक सदस्यता से इस्तीफा दे दिया है। उन्होंने निर्दलीय चुनाव लड़ने का ऐलान किया है। वे 26 अक्टूबर को नामांकन दाखिल करेंगे। उन्होंने फॉर्म भी ले लिया है। अखिलेश बीजेपी युवा मोर्चा की नगर और प्रदेश कार्यसमिति के सदस्य हैं। साथ ही बीजेपी कार्यालय मंत्री इंदौर नगर की जिम्मेदारी भी उन पर है।
पूर्व मंत्री बोलीं- मेरा टिकट कटवाने में विजयवर्गीय की भूमिका
वहीं, पूर्व मंत्री रंजना बघेल ने आरोप लगाया है कि उनका टिकट कटवाने में कैलाश विजयवर्गीय की अहम भूमिका है। मनावर से विधायक रहीं रंजना बघेल ने रविवार को कहा, ‘विजयवर्गीय ने व्हिसलब्लोअर डॉ. आनंद राय के कहने पर मेरा टिकट कटवाया है। पार्टी ने आदिवासी महिला के साथ अन्याय किया है। दूध में मक्खी की तरह मुझे निकाल दिया है।’ BJP ने मनावर से शिवराम कन्नौज को उम्मीदवार बनाया है।
रंजना ने कहा कि – “गोपाल कन्नौज को कांग्रेस से बीजेपी में लाईं, जबकि 2013 में गोपाल कन्नौज उनके खिलाफ निर्दलीय चुनाव लड़े थे। जिस गोपाल कन्नौज के लड़के शिवराम कन्नौज ने बूथ लेवल का भी काम नहीं किया, जिसे पार्टी का कोई नॉलेज नहीं, उसे उम्मीदवार बना दिया गया। मेरे साथ अन्याय किया गया है, मैं 30 साल से 16-18 घंटे तक बीजेपी का काम करती रही। 1990 से मेरे साथ के नेता बड़े-बड़े पदों पर रहे, राष्ट्रीय लेवल तक गए और मुझे दूध में मक्खी की तरह निकाल दिया। आदिवासी हूं, इस वजह से मेरे साथ अन्याय किया गया है। मैंने जयस के डॉ. आनंद राय के खिलाफ लड़ाई लड़ी। उसके बंगले पर जाकर उसे चैलेंज किया। डॉ. राय कैलाश विजयवर्गीय से मिला हुआ है, कैलाश विजयवर्गीय ने विरोध करके ही मेरा टिकट कटवाया है। प्रदेश में कई पुराने मेरे साथ के नेताओं को टिकट दिया गया मुझे नहीं मिला है।
रविवार को सारे कार्यकर्ता बैठकर विचार करेंगे कि आगे क्या करना है। उसके बाद निर्णय लेंगे, मैंने पार्टी के हित में पार्टी के मूल्यों के आधार पर ही काम किया है।”
जिसकी कोई योग्यता नहीं उसे टिकट दे दिया
रंजना बघेल का कहना है कि बीजेपी के शीर्ष नेतृत्व से मैंने निवेदन किया कि मुझे एक बार और मनावर लड़ा दीजिए। सभी बूथ लेवल के कार्यकर्ताओं का भी समर्थन मिला रहा था। बीजेपी के नेताओं से मिली तो सभी ने यही कहा कि चिंता मत करिए। बीजेपी के पुराने कार्यकर्ता अर्चना चिटनीस, संगीता चारेल, नागरसिंह चौहान, निर्मला भूरिया सभी को टिकट दिया गया है। एक मात्र सिर्फ मेरा टिकट कटा। मेरे साथ बहुत अन्याय किया गया। जिसकी कोई योग्यता नहीं है, उसे टिकट दे दिया।
अब जान लीजिए कौन है विजयवर्गीय समर्थक बीजेपी प्रत्याशी शिवराम कन्नौज
बीजेपी ने मनावर विधानसभा से धार जिला पंचायत सदस्य 27 वर्षीय युवा शिवराम कन्नौज को अपना प्रत्याशी बनाया है। कन्नौज पिछले साल जिला पंचायत क्रमांक 26 से सदस्य का चुनाव जीतकर प्रदेश में सर्वाधिक 20 हजार 866 मतों से विजय हुए थे। शिवराम कन्नौज ने बीटेक इंजीनियरिंग (मौलाना आजाद राष्ट्रीय प्रौद्योगिकी संस्थान भोपाल) किया और राजनीति में सक्रिय रहे।
कन्नौज भाजपा के राष्ट्रीय महासचिव कैलाश विजयवर्गीय के खासे सर्मथक हैं। कन्नौज के पिता स्वर्गीय गोपाल कन्नौज भी ग्राम भिकन्याखेड़ी से पहले सरपंच, फिर जिला पंचायत और 2018 में धार जिले की धरमपुरी सीट से विधानसभा चुनाव लड़े लेकिन उन्हें हार का सामना करना पड़ा था।
हर्षवर्धन सिंह का शक्ति प्रदर्शन, टिकट नहीं मिलने पर नाराजगी
बुरहानपुर से टिकट नहीं मिलने पर पूर्व सांसद और दिवंगत नेता नंदकुमार सिंह चौहान के बेटे हर्षवर्धन चौहान ने नाराजगी जताई है। उन्होंने कहा कि दूसरी बार निमाड़ की जनता से फरेब हुआ। हमें धोखे में रखा गया। हमसे कहा गया कि हारे कैंडिडेट को टिकट नहीं दिया जाएगा, वह भी जो निर्दलीय से हारे हैं। जिन पर भ्रष्टाचार के तमाम आरोप हैं। ऐसे लोगों को टिकट मिल गया। हर्षवर्धन रविवार दोपहर को बुरहानपुर पहुंचे तो उन्हें लेने रेलवे स्टेशन पर बड़ी संख्या में उनके समर्थक पहुंचे। यहां से हर्षवर्धन सिंह चौहान ने जीप में रैली निकाली। इसमें कहीं भी भाजपा का झंडा, बैनर नजर नहीं आया। जीप पर नंदु भैया का पोस्टर लगा दिखा। जिस पर लोक शक्ति लिखा था। हर्षवर्धन ने कहा कि जनता का जो भी आदेश होगा, वह मेरे लिए सर्वमान्य होगा। मेरे जीवन का फैसला अब मैंने इनके हाथों में दे दिया। बता दें कि हर्षवर्धन बुरहानपुर से टिकट की दावेदारी कर रहे थे, लेकिन भाजपा ने पूर्व मंत्री अर्चना चिटनीस को टिकट दिया है।
बेटे को टिकट नहीं मिलने पर भावुक हुईं दिवंगत सांसद की पत्नी
पूर्व सांसद और दिवंगत बीजेपी नेता नंदकुमार सिंह चौहान के बेटे हर्षवर्धन सिंह बुरहानपुर सीट से दावेदारी कर रहे थे। उन्हें टिकट नहीं मिलने पर उनकी मां और दिवंगत सांसद की पत्नी दुर्गेश्वरी देवी भावुक हो गईं।
उन्होंने कहा, ‘मेरे पति ने क्या कमी की थी, पार्टी की सेवा करने में। क्या कमी की थी, जो आज मुझे यह दिन देखना पड़ रहे हैं। जिस व्यक्ति ने अपना घर-बार छोड़कर जीवन त्याग कर दिया था। उनके साथ यह न्याय है तो आगे क्या होगा। इसको आप लोग समझें और आगे का निर्णय लें।’ हर्षवर्धन को टिकट नहीं मिलने के बाद बड़ी संख्या में समर्थक उनके निवास पर इकट्ठे हुए। उन्होंने नंदु भैया अमर रहे.. निमाड़ की नैया नंदु भैया के नारे भी लगाए। बताया जा रहा है कि टिकट नहीं मिलने से आहत होकर कुछ कार्यकर्ता रो भी पड़े।
कालापीपल में बीजेपी कार्यकर्ता बोले- पैराशूट नहीं चलेगा
शाजापुर जिले की कालापीपल विधानसभा सीट से घोषित किए गए भाजपा प्रत्याशी घनश्याम चंद्रवंशी का विरोध हो रहा है। भाजपा के तीन पूर्व विधायक व सैकड़ों कार्यकर्ताओं ने घनश्याम चंद्रवंशी के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है। उन्होंने ‘पैराशूट नहीं चलेगा, बाहरी प्रत्याशी वापस जाओ’ के नारे लगाए।
भिंड में बसपा विधायक संजीव सिंह को टिकट नहीं देने का विरोध
भिंड से बसपा विधायक संजीव सिंह कुशवाह को बीजेपी से टिकट नहीं मिलने पर उनके समर्थक सड़क पर उतर आए। उन्होंने सीएम शिवराज सिंह, केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया, केंद्रीय मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर और बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष का पुतला दहन कर नारेबाजी की। इससे पहले समर्थक विधायक संजीव सिंह के बंगले पर पहुंचे। इस दौरान संजीव सिंह कुशवाह ने चुनाव लड़ने का ऐलान कर दिया। बता दें कि बसपा के टिकट पर चुनाव जीते संजीव सिंह पिछले साल बीजेपी में शामिल हो गए थे। वे बीजेपी के टिकट पर चुनाव लड़ने की दावेदारी कर रहे थे।
जबलपुर के बीजेपी के संभागीय दफ्तर में हंगामा
जबलपुर की उत्तर-मध्य विधानसभा सीट से अभिलाष पांडे का टिकट कंफर्म होते ही भाजपा नेता धीरज पटेरिया और शरद जैन के समर्थकों ने पार्टी के संभागीय कार्यालय में जमकर हंगामा किया। यहां केंद्रीय मंत्री और बीजेपी के प्रदेश चुनाव प्रभारी भूपेंद्र यादव के सामने प्रदर्शन किया। नाराज कार्यकर्ताओं ने केंद्रीय मंत्री के गनमैन के साथ मारपीट भी की।
नर्मदापुरम में बीजेपी प्रत्याशी सीतासरन शर्मा का विरोध
बीजेपी ने होशंगाबाद सीट से मौजूदा विधायक और पूर्व विधानसभा अध्यक्ष सीतासरन शर्मा को टिकट दिया है। इस फैसले पर इसी सीट से टिकट की दावेदारी कर रहे भगवती चौरे के समर्थन में उतरे भाजपा कार्यकर्ताओं ने नाराजगी दिखाई। शनिवार को रामजी बाबा समाधि स्थल पर कुनबी समाज के लोग इकट्ठे हुए। भगवती चौरे ने भाजपा से बगावत कर निर्दलीय चुनाव लड़ने की चेतावनी दी है।
छिंदवाड़ा में चौरई से बीजेपी प्रत्याशी के खिलाफ नारेबाजी
छिंदवाड़ा में चौरई विधानसभा सीट पर बीजेपी प्रत्याशी लखन वर्मा का भी विरोध हो रहा है। यहां पंडित रमेश दुबे के समर्थकों ने जिला बीजेपी कार्यालय के सामने जमकर नारेबाजी की। दुबे समर्थकों का कहना है कि जिला पंचायत चुनाव में क्रॉस वोटिंग करने वाला प्रत्याशी चौरई में नहीं चलेगा।
सतना में नागौद और रैगांव सीट पर भी विरोध
सतना जिले की नागौद विधानसभा सीट से पूर्व मंत्री नागेंद्र सिंह को छठवीं बार टिकट दिए जाने से नाराज भाजपा कार्यकर्ताओं ने पार्टी कार्यालय का घेराव कर दिया। टिकट की दावेदारी कर रहे पूर्व जिला पंचायत अध्यक्ष गगनेन्द्र प्रताप सिंह के समर्थकों ने जमकर नारेबाजी की। भाजपा के पूर्व जिला उपाध्यक्ष विकास सिंह ने जिला अध्यक्ष सतीश शर्मा को फोन लगाया और नाराजगी जताई। उन्होंने कहा, ‘हम इस फैसले के खिलाफ हैं और इसका विरोध हर स्तर पर करेंगे। भाजपा को इसका खामियाजा भुगतना होगा।’
रैगांव सीट से भी बीजेपी प्रत्याशी प्रतिमा बागरी को लेकर विरोध हो रहा है। दिवंगत पूर्व मंत्री जुगल किशोर बागरी के बेटे और जिला पंचायत के पूर्व उपाध्यक्ष पुष्पराज बागरी ने नाराज होकर भाजपा से इस्तीफा दे दिया है। पुष्पराज के छोटे भाई देवराज बागरी और उनकी पत्नी वंदना बागरी पहले ही कांग्रेस में शामिल हो चुके हैं। इसके अलावा पूर्व जिला पंचायत सदस्य रानी बागरी ने भी भाजपा से इस्तीफा दे दिया है।
ग्वालियर में पूर्व मंत्री माया सिंह के टिकट का विरोध शुरू हो गया है। भाजपा नेता और केंद्रीय मंत्री नरेंद्र सिंह के बाल सखा जय सिंह कुशवाह ने प्रदेश कार्यसमिति की सदस्यता और मुरैना जिला प्रभारी भाजपा के पद से इस्तीफा दे दिया है। उन्होंने दैनिक भास्कर को बताया, ‘एक ही परिवार को 12वीं बार टिकट दिया गया है। कभी माया सिंह के पति ध्यानेन्द्र सिंह तो कभी माया सिंह को ही टिकट दिया जाता है। पार्टी में युवाओं की अनदेखी से दुखी होकर मैं अपने दो पदों से इस्तीफा दे रहा हूं।’