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भोपाल….
मप्र में नर्सिंग फर्जीवाड़े में भोपाल के गांधी मेडिकल कॉलेज (जीएमसी) और बीएमएचआरसी सहित 139 कॉलेज सीबीआई जांच की रिपोर्ट में अनफिट पाए गए हैं। रिपोर्ट के अनुसार, 308 नर्सिंग कॉलेज में से 169 फिट और 66 अनफिट हैं। 73 कॉलेज मानक पूरा नहीं कर रहे।
नियमों की सर्जरी : अब आठ हजार वर्गफीट में खुल सकेंगे नर्सिंग कॉलेज
नए नियमों का विरोध- क्योंकि सीबीआई जांच में जो कॉलेज अनफिट थे, उन्हें मान्यता मिल जाएगी
अनफिट कॉलेजों पर कार्रवाई करने के बजाय राज्य सरकार ने नर्सिंग कॉलेज को मान्यता देने के नियम बदल दिए। इन कॉलेजों में फर्जीवाड़े की फाइनल जांच रिपोर्ट सीबीआई ने हाई कोर्ट की जबलपुर बेंच को को सौंपी थी। इसमें कहा गया था कि अधिकांश कॉलेज मानक अनुसार नहीं है। इनमें विभिन्न तरह की खामियां है। रिपोर्ट तीन कैटेगरी सूटेबल, डिफिशिएंट और अनसूटेबल के आधार पर है। इसे खुद हाई कोर्ट ने सार्वजनिक किया।
अब सरकार ने नियम बदल दिए हैं। इसके अनुसार, 2024 से नर्सिंग कॉलेज खोलने के लिए 23000 वर्गफीट की जगह सिर्फ 8000 वर्गफीट जमीन पर बनी बिल्डिंग की जरूरत होगी। इस मामले को लेकर सरकार ने ये नियम नर्सिंग पाठ्यक्रमों को रेगुलेट करने वाली अपेक्स संस्था इंडियन नर्सिंग काउंसिल के प्रावधानों के विपरीत बनाए हैं। नतीजतन सीबीआई जांच में जो कॉलेज गड़बड़ पाए गए हैं, वे नए सिरे से मान्यता पाने के लिए पात्र हो जाएंगे। इसलिए नए नियमों का विरोध भी शुरू हो गया है।
- याचिकाकर्ता लॉ स्टूडेंट्स एसोसिएशन ने नियमों को हाई कोर्ट में चुनौती देने की बात कही है।
- एनएसयूआई के मेडिकल विंग के प्रदेश समन्वयक रवि परमार ने बताया कि मप्र इकलौता राज्य बन है, जहां गड़बड़ी रोकने के लिए नियमों को सख्त करने की बजाए शिथिल किए जा रहे हैं। इससे हर मोहल्ले में नर्सिंग कॉलेज खुल जाएंगे। अगली सुनवाई 26 फरवरी को होगी।
नर्सिंग कॉलेज फर्जीवाड़ा…. हाईकोर्ट ने कमेटी बनाई, फैकल्टी डुप्लीकेसी पर 1 लाख जुर्माना
नर्सिंग कॉलेज फर्जीवाड़े में कॉलेजों पर कार्रवाई के लिए हाईकोर्ट ने रिटायर्ड जस्टिस आरके की अध्यक्षता में कमेटी बनाई है। जस्टिस संजय द्विवेदी व जस्टिस एके पालीवाल की विशेष खंडपीठ ने कमेटी को दायित्व भी सौंपे। इसके अलावा हाईकोर्ट ने स्पष्ट कहा कि जो कॉलेज अयोग्य पाए गए हैं, उन्हें बख्शा न जाए। कोर्ट ने 3 से अधिक फैकल्टी डुप्लिकेशन होने पर प्रति फैकल्टी एक-एक लाख रुपए का जुर्माना कॉलेजों पर लगाने के निर्देश दिए। वहीं सीबीआई को बाकी कॉलेजों की जांच के लिए 3 माह का समय दिया है। कमेटी में आईएएस राधेश्याम जुलानिया और इंदिरा गांधी नेशनल ट्रायबल विवि अमरकंटक के कुलपति सदस्य होंगे।
समिति को ये जिम्मा सौंपा
- सीबीआई जांच में जिन 74 कॉलेजों में कमियां मिली हैं, उनके संबंध में कार्रवाई करना।
- कमियों को सुधार के लिए काॅलेजों को समय देना और की गई कमीपूर्ति की पुष्टि करना।
- छात्रों को अन्य कालेजों में स्थानांतरित करने की योजना बनाना।
- कमीपूर्ति न करने वाले कॉलेजों को तत्काल बंद करना।
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