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भोपाल….
नर्सिंग काॅलेजों के फर्जीवाड़े के बीच लोक स्वास्थ्य और चिकित्सा शिक्षा विभाग ने मध्य प्रदेश नर्सिंग शिक्षण संस्था मान्यता नियम 2024 बना दिए हैं। इसमें कहा गया है कि अकादमी भवन नर्सिंग संस्था चलाने वाले का खुद का होना चाहिए। अगर ऐसा नहीं है तो ऑनलाइन आवेदन कर शपथ पत्र देना होगा कि मान्यता प्राप्त होने पर आवेदक द्वारा 25 लाख रुपए की बैंक गारंटी की राशि नर्सिंग रजिस्ट्रेशन काउंसिल कार्यालय में जमा करेगी, और अगर तीन साल के भीतर भवन नहीं बना तो 25 लाख रुपए की बैंक गारंटी की राशि राजसात कर ली जाएगी, और संबंधित व्यक्ति को भविष्य में इसके लिए मान्यता नहीं दी जाएगी।
नर्सिंग शिक्षण संस्था के संचालन संबंधी नियमों में यह भी स्पष्ट कर दिया गया है कि कोई भी संस्था किराए के भवन में एक से अधिक नर्सिंग संस्था का संचालन नहीं कर सकेगी। लीज एग्रीमेंट रजिस्टर्ड होने पर स्वयं के भवन में तीस साल की अवधि के लिए इसे दिया जा सकेगा। किराए की स्थिति में तीन साल तक किराए के अनुबंध के आधार पर भी संचालित किया जा सकेगा। किराए के अकादमी भवन में भी कोई संस्था एक से अधिक नर्सिंग संस्थान का संचालन नहीं कर सकेगी। नियमों में कहा गया है कि खुद के भवन में या किराए के भवन में कोई भी संस्था छात्रावास का संचालन कर सकेगी।
नियमों में कहा है कि मान्यता के लिए काउंसिल परिषद द्वारा अप्रैल माह के पहले सप्ताह में समयबद्ध चार्ट में जानकारी दी जाएगी। संस्था को जिस कोर्स के लिए मान्यता दी जाएगी उसी पाठ्यक्रम का शिक्षण प्रशिक्षण दिया जा सकेगा। नवीन मान्यता के प्रकरणों में तीन सदस्यीय समिति द्वारा संस्था का निरीक्षण किया जाएगा। इसमें कलेक्टर की ओर से भी एक प्रतिनिधि शामिल किया जाएगा। केंद्र या राज्य शासन के किसी भी संस्थान को संबंधित फीस का भुगतान करने पर आजीवन मान्यता दी जा सकेगी।
सीटों का आवंटन संस्था के अस्पताल के बिस्तर संख्या पर निर्भर
संस्था के पास 100 बिस्तर का अस्पताल होने पर बीएससी नर्सिंग और जीएनएम के लिए तीस सीट की मान्यता दी जाएगी। 200 बिस्तर के अस्पताल होने पर 60 और 300 बिस्तर का अस्पताल होने पर 100 सीट की स्वीकृति दी जा सकेगी। यह भी साफ किया गया है कि 60 सीट के लिए 900 वर्गफीट और 100 सीट के लिए 1350 वर्ग फीट का लेक्चर हाल होना जरूरी है।
पोस्ट बेसिक बीएससी नर्सिंग कोर्स चालू करने के पहले संस्था में बीएससी नर्सिंग का कोर्स चालू होना आवश्यक है। शासन द्वारा जारी नियमों में संस्था में पदस्थ होने वाले प्राचार्य, प्राध्यापक और अन्य स्टाफ के लिए तय योग्यताओं का पालन करने की अनिवार्यता भी बताई गई है। इसके अलावा कोर्स संचालन और अस्पताल संचालन के लिए लोक स्वास्थ्य और चिकित्सा शिक्षा विभाग द्वारा तय शर्तों और मापदंडों का पालन करना भी जरूरी होगा।