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भोपाल….
लोकायुक्त पुलिस ने बोरदा ग्राम पंचायत के सचिव को 20 हजार रुपए की रिश्वत लेते हुए रंहे हाथ गिरफ्तार किया है। आरोपी ने पंचायत में दो सफाई कर्मचारियों को नौकरी पर रखने के लिए 40 हजार रुपए की रिश्वत की मांग की थी। सचिव ने बुधवार को 20 हजार रुपए लेकर फरियादी को साउथ टीटी नगर इलाके में बुलाया। फरियादी ने जैसे ही 20 हजार रुपए दिए। लोकायुक्त ने सचिव को दबोच लिया।
निरीक्षक रजनी तिवारी ने बताया कि कैलीखेड़ा, कालापानी कोलार रोड पर रहने वाले बृजेश थावरी वार्ड नंबर-83 नगर निगम में सफाई कर्मचारी हैं। उनके दो रिश्तेदारों को ग्राम पंचायत गोरदा के सचिव भगवान सिंह कीर ने अपनी पंचायत में सफाई कर्मचारी के रूप में नियुक्त किया। बाद में सचिव 40 हजार रिश्वत मांगने। जब बृजेश ने पैसा नहीं होने की बात कही तो सचिव ने दोनों को नौकरी से हटा दिया। इस पर बृजेश रिश्वत देने को राजी हो गए। बुधवार को सचिव ने 20 हजार रुपए लेकर टीटी नगर इलाके में बुलाया। वह पैसा लेकर पहुंचे। जैसे ही उन्होंने सचिव को पैसा दिया। उसी समय पहले से ही जाल बिछाए खड़ी लोकायुक्त की टीम ने आरोपी को दबोच लिया।
रिश्वत न मिलने पर काम पर लगाने के बाद निकाला
फरियादी बृजेश ने बताया कि वो मूल रूप से मनेठी गांव, तहसील ईशागढ़, जिला गूना का रहने वाला है। यहां पर कैली खेड़ा, काला पानी, कोलार रोड पर रहकर सफाईकर्मी का काम करता है। गांव में सफाई अभियान के तहत दो सफाईकर्मियों की जरूरत थी। जिसके लिए उसने ग्राम सचिव भगवान सिंह कीर से अपने मौसी के बेटी अनिता और दामाद विजय को लगाने की बात की। इस पर ग्राम सचिव ने बृजेश से 40 हजार रिश्वत मांगते हुए 1 सितंबर को काम पर लगा दिया और 14 सितंबर को रिश्वत देने की बात की। जब 14 सितंबर को रिश्वत नहीं मिली तो 18 सितंबर को काम से निकाल दिया। इसके बाद किसी परिचित ने एंटी करप्शन की जानकारी दी तो भगवान सिंह से बात करके बृजेश रिश्वत देने को तैयार हो गया और 26 तारीख को पुलिस अधीक्षक से शिकायत कर दी।