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शिवपुरी….
मप्र भवन एवं अन्य संनिर्माण कर्मकार मंडल द्वारा पंजीकृत श्रीमिकों को दी जो वाली अंत्येष्टि व अनुग्रह सहायता के नाम पर शिवपुरी जनपद में 93.56 लाख रु. का गबन सामने आया है। जिला पंचायत सीईओ की अध्यक्षता में गठित समिति की जांच में रिपोर्ट में 26 हितग्राहियों के नाम पर केस बनाकर धांधली हुई है। कम्प्यूटर ऑपरेटर ने जिंदा लोगों के नाम से इतना बड़ा गबन किया है। दो जनपद सीईओ को डिजिटल सिग्नेचरों से राशि निकली है। संबंधित शाखा की दो बाबू भी मामले में जिम्मेदार पाई गईं हैं। सिटी कोतवाली थाने में कम्प्यूटर ऑपरेटर, दो जनपद सीईओ और दो महिला बाबू के खिलाफ अपराध दर्ज किया गया है।
एक शिकायत के बाद मामला सामने आया, अब तक 26 मामले
इंदरगढ़ निवासी हरिओम शर्मा पुत्र रघुवर दयाल शर्मा को मृत बताकर उसकी पत्नी भारती शर्मा के खतो में 4 लाख 6 हजार रुपए कैनरा बैंक में भुगतान दर्शाया था। शिकायत की जांच कराई तो कम्प्यूटर ऑपरेटर शैलेंद्र परमार की महिला मित्र पलक शर्मा के खाते में भुगतान पाया गया। तत्कालीन सीईओ सृष्टि ने 15 दिसंबर 2022 की रिपोर्ट पर फिजिकल थाना पुलिस ने शैलेंद्र और पलक के खिलाफ धोखाधड़ी का अपराध पंजीबद्ध किया था।
कम्प्यूटर ऑपरेटर को पहले सीईओ ने हटाया, दूसरे ने वापस रखा
तत्कालीन जनपद सीईओ राजीव मिश्रा ने बताया कि 17 जुलाई से दिसंबर 2019 तक पांच महीने शिवपुरी में पदस्थी रही। जॉइनिंग के वक्त कम्प्यूटर शैलेंद्र परमार के बारे में पूछा तो पता चला कि किसी बाबू ने आउटसोर्स से काम पर रखा है। चूंकि जनपद में ऐसे किसी को काम पर नहीं रखा जाता। कम्प्यूटर ऑपरेटर को अगस्त 2019 में काम से हटा दिया था। धाेखे से मेरा डोंगल (डिजिटल सिग्नेचर) हथिया कर मेरे समय में तीन ट्रांजैक्शन कर दिए, लेकिन मेरे तबादले के बाद भी शिवपुरी जनपद में वही कम्प्यूटर ऑपरेटर वापस किसने रखा?, इस बारे में मुझे पता नहीं, क्योंकि मेरे जाने के बाद गबन के 23 केस हुए हैं।