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50 साल पहले ससुर रहे हैं विधायक और मंत्री….
सास ने बसाया था महाराजपुरा गांव
जिस महाराजपुरा गांव से अर्चना सिंह सरपंच पद का चुनाव लड़ रही हैं। उसे करीब 90 साल पहले बसाया गया था। अर्चना सिंह के पति विश्वजीत सिंह ने बताया कि ग्राम महाराजपुरा को ओरछा के महाराज वीर सिंह जूदेव के छोटे भाई सवाई राव राजा करण सिंह जूदेव की पत्नी चंद्र कुंवर जूदेव ने स्थापित किया था। महाराज करण सिंह का स्वर्गवास 32 वर्ष की उम्र में हो गया था। महाराज यहां आकर संगीत का रियाज किया करते थे। उस जगह से उन्हें बहुत प्यार था। उनकी मृत्यु के बाद हमारी मां ने शंकर जी का एक मंदिर स्थापित कराया था। उसकी पूजा करने के लिए पंडित को बुलाकर महाराजपुर गांव में रखा गया। धीरे-धीरे यहां बस्ती बढ़ती चली गई और ग्राम पंचायत का दर्जा मिल गया।
35 साल बाद सामान्य हुई पंचायत
ग्राम पंचायत महाराजपुरा इस बार 35 साल बाद सामान्य महिला के लिए आरक्षित हुई है। जिसके चलते राजघराने की बहू अर्चना सिंह ने फार्म भरा है। इसी दौरान उनका दिल्ली में लीवर का ऑपरेशन होना था। उन्होंने अपने छोटे बेटे पार्थ सिंह को टीकमगढ़ भेजकर नामांकन फार्म जमा कराया। 2 दिन पहले ही गंगा दशहरा के दिन उनका लिवर ट्रांसप्लांट हुआ है। अर्चना सिंह के बड़े बेटे सिद्धार्थ सिंह ने अपनी उनको 70% लिवर दिया है।