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- बारिश में भुट्टा, उस पर नमक अच्छी तरह से लगाकर।
- खीरा-ककड़ी, प्याज-टमाटर का सलाद और उस पर भी नमक।
- सब्जी या दाल में नमक थोड़ा-सा कम, तब भी ऊपर से नमक।
सिचुएशन चाहे जो भी हो, नमक की जरूरत सभी को होती है। लेकिन, नमक जरा भी कम हो जाए तो स्वाद बिगाड़ देता है और थोड़ा-सा ज्यादा हो जाए तो सेहत।
इसलिए इस थ्योरी को अपना लें….
जिंदगी में नमक कम नहीं होना चाहिए, खाने की प्लेट में कम ही रहे तो अच्छा।
खाने में ऊपर से नमक डालते हैं तो ये लेटेस्ट रिसर्च पढ़ें
11 जुलाई को एक नई रिसर्च यूरोपियन हार्ट जनरल में पब्लिश हुई है। जिसके मुताबिक, जो लोग अपने खाने में रेगुलर ऊपर से नमक मिलाते हैं, उनमें मौत का खतरा आम लोगों के मुकाबले 28% ज्यादा होता है। यह रिसर्च 5 लाख लोगों पर की गई है।
इससे पहले इंग्लैंड के जर्नल ‘न्यू इंग्लैंड जर्नल ऑफ मेडिसिन’ की एक रिसर्च बताती है कि दुनिया में सबसे ज्यादा नमक हम भारतीय खाते हैं।
आज जरूरत की खबर में बात नमक की करते हैं। नेहा पठानिया, चीफ डाइटिशियन, पारस हॉस्पिटल, गुड़गांव हमारे सारे सवालों के जवाब देंगी।
नमक में सोडियम और पोटेशियम दोनों होता है। सोडियम इंसान के शरीर में पानी का सही लेवल बनाने से लेकर ऑक्सीजन और दूसरे पोषक तत्व सभी ऑगर्न तक पहुंचाने में मदद करता है। इसकी वजह से हमारी नर्व (तंत्रिका) में एनर्जी आती है।
सवाल- एक दिन में कितना नमक खाना चाहिए?
जवाब- आम भाषा में समझें तो आपको सिर्फ 5 ग्राम नमक खाना चाहिए। और भी सरल तरीके से समझना है तो यह बात याद रखें कि आपके हर खाने में एक छोटा चम्मच नमक ही होना चाहिए।
ये भी याद रखें कि एक दिन में आपको 2.3 ग्राम ही सोडियम लेना चाहिए, जोकि आपको 5 ग्राम नमक में मिल जाता है।
कुछ लोगों की आदत होती है कि वो खाने में ऊपर से एक्सट्रा नमक छिड़ककर खाते हैं। तो चलिए समझते हैं कि ऐसा करना ठीक है या नहीं।
- खाने के ऊपर से ज्यादा नमक डालकर खाना खतरनाक है।
- इसकी वजह से हार्ट और किडनी से जुड़ी समस्याएं हो सकती हैं।
- सर्कुलेटरी सिस्टम (संचार प्रणाली) और नर्वस सिस्टम (तंत्रिका तंत्र) को भी नुकसान पहुंच सकता है।
- ऊपर से नमक छिड़ककर खाने की लत लग जाती है। जैसे कोई नशा हो। कुछ समय बाद आप ऊपर से नमक डाले बगैर खाना नहीं खा पाते हैं। सोर्स- डॉ.हरजीत कौर, डाइटिशियन और न्यूट्रिनिस्ट, अमनदीप अस्पताल, अमृतसर
सवाल- दाल और सब्जी के साथ पका हुआ नमक, ऊपर से छिड़के हुए नमक से ज्यादा बेहतर होता है, कैसे?
जवाब- जब नमक खाने के साथ पक जाता है तो इसके आयरन का स्ट्रक्चर बदल जाता है और आपकी बॉडी इसे जल्दी अब्जॉर्ब कर लेती है।
कच्चा नमक, जिसे आप ऊपर से डालकर या छिड़ककर खाते हैं उसका स्ट्रक्चर नहीं बदलता है। इसलिए बॉडी इसे बहुत धीरे अब्जॉर्ब कर पाती है। जिसकी वजह से कच्चा नमक हाइपरटेंशन और हाई ब्लड प्रेशर का कारण बनता है।
सोडियम और नमक के लेवल को कैसे चेक किया जाता है?
- इसके लिए आप न्यूट्रिशनिस्ट या डायटीशियन की हेल्प ले सकते हैं।
- ब्लड टेस्ट से पता चल सकता है कि शरीर में सोडियम, पोटेशियम और इलेक्ट्रोलाइट की मात्रा कितनी है। इसी सोडियम की मात्रा को देखकर डॉक्टर नमक का लेवल बता सकते हैं।
- हमें हर छह महीने के बाद या साल में एक बार ब्लड टेस्ट करवाना ही चाहिए।
सोडियम और सॉल्ट के अंतर को समझें
पैकेड फूड में सोडियम होता है। खाने की कोई भी चीज खरीदने से पहले उसका सोडियम लेवल चेक करना चाहिए। सोडियम का लेवल खाने के हर पैकेट पर लिखा होता है लोग उसे सॉल्ट की मात्रा समझ लेते हैं। यह गलत है। सोडियम केवल सॉल्ट का एक हिस्सा है। आपको पूरा सॉल्ट लेवल चेक करना चाहिए।
नमक में सोडियम कितना होता है इसे नीचे बने टेबल से चेक करें
- 1/4 चम्मच नमक = 575 मिलीग्राम सोडियम
- 1/2 चम्मच नमक = 1,150 मिलीग्राम सोडियम
- 3/4 चम्मच नमक = 1,725 मिलीग्राम सोडियम
- 1 चम्मच नमक = 2,300 मिलीग्राम सोडियम
यह अनुमानित डेटा है और एक छोटा चम्मच के आधार पर मापा गया है
सोर्स– अमेरिकन हार्ट एसोसिएशन
अब तक हमने बात की सादा नमक की, लेकिन भारत में सादा के अलावा 2 और नमक हैं, जिन्हें स्वाद के लिए खाया जाता है। सेंधा और काला। लोग व्रत के दौरान अक्सर सेंधा नमक खाते हैं और काला नमक अमरूद या फलों के ऊपर डालकर खाया जाता है। नीचे लगे चार्ट में पढ़िए इन तीनों तरह के नमक खाने से क्या फायदा होता है।
चलते-चलते
ऊपर लिखे सारे फैक्ट्स को पढ़कर अगर आप सोच रहे हैं कि आज से हम कम नमक खाएंगे या खाएंगे ही नहीं तो यह गलत बात है। क्योंकि शरीर को नमक की जरूरत होती है। कम नमक खाना भी आपके लिए खतरनाक हो सकता है। इसलिए रोजाना उतना ही नमक खाएं, जितने कि आपके शरीर को जरूरत है।
कम नमक खाने से क्या होता है?
- लो ब्लडप्रशर के पेशेंट बन सकते हैं।
- टाइप 2 डाइबिटीज के शिकार हो सकते हैं।
- सुस्ती और उल्टी की भी समस्या हो सकती है।
- ब्रेन और हार्ट में सूजन आ सकती है।
- सूजन के कारण सिरदर्द, कोमा और सीजर्स के अटैक भी आ सकते हैं।
- जिन ऑगर्न को जितना खून चाहिए, वो वहां तक नहीं पहुंच पाता है।
- एलडीएल (बैड) कोलेस्ट्रॉल 4.6% बढ़ जाता है।
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